HMPV: वायरस ने कई देशों में फैलाया संकट, 24 साल बाद भी क्यों नहीं बनी इसकी वैक्सीन
HMPV: चीन में HMPV वायरस के मामलों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। भारत में भी अब तक इस वायरस के 5 मामले सामने आ चुके हैं। इस वायरस का नाम सुना तो कई लोगों ने सोचा होगा कि यह नया वायरस है, लेकिन यह वायरस 2001 में ही खोजा गया था। इसके बावजूद, हैरानी की बात यह है कि आज तक इस वायरस की कोई वैक्सीन तैयार नहीं हो पाई है। तो आइए जानते हैं इस वायरस के बारे में और इसके कारण होने वाली समस्याओं के बारे में।
HMPV वायरस क्या है?
HMPV (Human Metapneumovirus) एक प्रकार का श्वसन संक्रमण है, जो विशेषकर बच्चों और बुजुर्गों को प्रभावित करता है। यह वायरस बच्चों के ऊपरी श्वसन तंत्र में संक्रमण का कारण बनता है, जिसके परिणामस्वरूप खांसी, जुकाम, बुखार और सांस लेने में तकलीफ हो सकती है। इस वायरस का लक्षण सामान्य सर्दी-खांसी जैसा होता है, लेकिन यह गंभीर रूप ले सकता है, खासकर कमजोर इम्यून सिस्टम वाले व्यक्तियों में।
HMPV वायरस का इतिहास और इसके लक्षण
HMPV वायरस की पहचान सबसे पहले 2001 में डच वैज्ञानिकों ने की थी। इसके शुरूआती लक्षणों में बच्चों में श्वसन समस्याएं, गले में बलगम और नाक से संबंधित समस्याएं होती हैं। हालांकि, इसके लक्षण सामान्य जुकाम और सर्दी के समान होते हैं, लेकिन इसका संक्रमण गंभीर रूप ले सकता है।
इस वायरस के शुरुआती लक्षणों में बुखार, गले में खराश, खांसी, नाक से बलगम का बहना, और कुछ मामलों में सांस लेने में दिक्कत होती है। खासकर बच्चों में यह संक्रमण ज्यादा तेजी से फैलता है। लेकिन यह वायरस एक सामान्य सर्दी-खांसी के वायरस जैसा दिखता है, इसलिए इसका सही इलाज पहचान पाना थोड़ा मुश्किल हो सकता है।
HMPV के फैलने के बाद भारत में स्थिति
HMPV वायरस ने चीन के साथ-साथ भारत में भी दस्तक दी है। भारत में अब तक इस वायरस के 5 मामले सामने आ चुके हैं। इन 5 मामलों में से 2 मामले कर्नाटका से, 1 मामला गुजरात से, 1 मामला कोलकाता से और 2 मामले चेन्नई से रिपोर्ट किए गए हैं। इस वायरस के लक्षण कोरोना वायरस से काफी मिलते-जुलते हैं, जिससे इसकी पहचान भी मुश्किल हो रही है।
हालांकि, HMPV वायरस के बारे में चिंताएं इस वायरस के बढ़ते मामलों और इसके महामारी का रूप लेने की संभावना को लेकर उठ रही हैं। हालांकि, इसके बारे में सरकार ने अभी तक कोई विशेष दिशा-निर्देश नहीं जारी किए हैं, लेकिन डॉक्टरों के अनुसार, अगर सही समय पर इलाज किया जाए तो यह वायरस ज्यादा नुकसान नहीं पहुंचाता।
HMPV के लिए वैक्सीनेशन क्यों नहीं हुआ?
HMPV वायरस की वैक्सीन का न बन पाना अब तक एक बड़ा सवाल है। 24 साल पहले इस वायरस की पहचान के बावजूद, इसका इलाज करने के लिए कोई विशेष वैक्सीन या एंटीवायरल दवाई अभी तक विकसित नहीं की जा सकी है। इसका मुख्य कारण यह है कि HMPV वायरस के लक्षण सामान्य सर्दी-खांसी से मिलते-जुलते होते हैं और इसे पहचानने में कठिनाई होती है।
इसके अलावा, यह वायरस बच्चों में ज्यादा फैलता है, जबकि बड़े लोग इसके लक्षणों से उबर सकते हैं। इस कारण से वैज्ञानिकों ने HMPV पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया और इसके लिए किसी बड़े शोध का आयोजन नहीं हुआ।
कर्नाटका मेडिकल एजुकेशन के निदेशालय ने हाल ही में कहा था कि HMPV के लिए कोई विशेष एंटीवायरल दवाई या वैक्सीन नहीं है। यह वायरस सामान्य रूप से सामान्य सर्दी-खांसी जैसे लक्षण पैदा करता है, इसलिए लोग इसे हल्के में ले लेते हैं, जो आगे जाकर समस्या का कारण बन सकता है।
चीन और भारत में HMPV के मामले
चीन में HMPV वायरस के मामलों में लगातार वृद्धि हो रही है। इस वायरस के फैलने की गति कोरोना वायरस की तरह ही तेज हो सकती है, जो एक गंभीर चिंता का कारण है। हालांकि, भारत में इस वायरस के अब तक केवल 5 मामले सामने आए हैं, लेकिन इन मामलों के सामने आने के बाद लोगों में चिंता की लहर दौड़ गई है।
भारत में HMPV के लक्षण और इलाज
HMPV वायरस के लक्षण कोरोना वायरस से काफी मिलते-जुलते हैं। जिन बच्चों को इस वायरस का शिकार हुआ है, उनके लक्षणों में खांसी, बुखार और नाक से संबंधित समस्याएं होती हैं। डॉक्टरों के अनुसार, इस वायरस का इलाज ज्यादातर घरेलू उपायों और सामान्य सर्दी-खांसी के इलाज से किया जा सकता है।
विशेषज्ञों का कहना है कि अगर बच्चों को हल्के लक्षण हैं तो घर पर आराम से इलाज किया जा सकता है, लेकिन अगर लक्षण गंभीर हो जाएं तो डॉक्टर से संपर्क करना जरूरी है।
क्या इसे महामारी का रूप ले सकता है?
HMPV वायरस की बढ़ती संख्या और इसके लक्षणों की समानता कोरोना वायरस से देखते हुए कई लोग चिंता व्यक्त कर रहे हैं कि यह वायरस महामारी का रूप ले सकता है। हालांकि, डॉक्टरों के अनुसार, अगर इस वायरस का सही समय पर इलाज किया जाए तो इसकी स्थिति गंभीर नहीं हो सकती है।
HMPV वायरस एक श्वसन संक्रमण है, जो विशेषकर बच्चों को प्रभावित करता है। इसके लक्षण सामान्य सर्दी-खांसी जैसे होते हैं, लेकिन अगर इलाज में देर की जाए तो यह गंभीर रूप ले सकता है। हालांकि, इस वायरस की वैक्सीन अभी तक नहीं बन पाई है, लेकिन इसके लक्षणों से निपटने के लिए घरेलू इलाज और डॉक्टरों से सलाह ली जा सकती है।