WHO: खसरे के कारण दुनियाभर में अचानक मौतों में तेजी से वृद्धि हुई है। 2021 से 2022 के बीच, दुनियाभर में मीज़ल्स के कारण मौतों में 43 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जिसमें भारत भी शामिल है। इस अवधि के दौरान 1.36 लाख मौतें हुईं हैं, जिनमें अधिकांश बच्चे शामिल हैं।
इसका पता एक संयुक्त रिपोर्ट में पाया गया है जो विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) और संयोजन के लिए रोग नियंत्रण और निवारण केंद्र (CDC) द्वारा जारी किया गया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि कोरोना महामारी के कारण दुनियाभर में मीज़ल्स के खिलाफ टीकाकरण में कमी हुई है, जिसके कारण मीज़ल्स के मामलों में 18 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
वर्तमान में, यह स्थिति है कि 2022 में पूरी दुनिया में कुल 90 लाख मीज़ल्स रोगियों की पहचान हुई है। विश्लेषण ने यह भी बताया है कि 2021 में दुनिया के 22 देशों में मीज़ल्स के मामले दर्ज हुए थे, लेकिन 2022 में इन देशों की संख्या में इजाफा हो गया है और यह 37 हो गई है।
टीकाकरण की गति को बढ़ाने की आवश्यकता
विशेषज्ञ कहते हैं कि सारी दुनिया में मीज़ल्स से छुटकारा पाने के लिए एक लम्बी लड़ाई का सामना किया जा रहा है क्योंकि यह एक अत्यंत संक्रामक बीमारी है जिसकी मृत्यु दर अधिक है। सीडीसी के ग्लोबल इम्यूनाइजेशन डिवीजन के निदेशक, जॉन वर्टेफयूल, कहते हैं कि मीज़ल्स के मामलों और मौतों में वृद्धि चिंताजनक है। इसे रोकने के लिए सभी देशों को मीज़ल्स टीकाकरण पर और ज़ोर देना चाहिए।
पांच करोड़ बच्चे महामारी के दौरान सप्लीमेंट्स से वंचित रह गए
जॉन वर्टेफयूल ने कहा कि टीकाकरण के तहत दो खुराकें दी जाती हैं। Corona महामारी के कारण बीच 2021-22 में लगभग 3.3 करोड़ बच्चे टीकाकरण से दूर रह गए। 2.2 करोड़ बच्चे पहली खुराक नहीं ले सके और 1.1 करोड़ बच्चे दूसरी खुराक नहीं ले सके।
पिछले वर्ष 2022 में, केवल 83 प्रतिशत बच्चों को पहली खुराक मिली जबकि 74 प्रतिशत को दूसरी खुराक मिली। इससे स्पष्ट हो रहा है कि दुनियाभर में एक बड़ी संख्या के बच्चे अब भी टीकाकरण से दूर हैं, जिसे तत्पर ध्यान में लेने की आवश्यकता है।
Corona महामारी के चलते दुनिया भर में खसरे से बचाव के लिए टीकाकरण का महत्वपूर्ण हिस्सा बन गया है। टीकाकरण एक प्रभावी तंतु संरक्षण के उपाय के रूप में साबित हो रहा है जो लोगों को कोविड-19 रोकने और संक्रमण की रोकथाम के लिए सुरक्षित बनाने में मदद कर रहा है। यह एक महत्वपूर्ण और सुरक्षित तरीका है जिससे समुदाय में रोग की फैलावट को कम किया जा सकता है।
टीकाकरण के माध्यम से व्यक्ति एक सुरक्षित स्तर तक पहुंचता है, जिससे उसे रोग से बचाव होता है और महत्वपूर्ण है ताकि समुदाय में सामूहिक सुरक्षा हो सके। कोरोना वायरस के खिलाफ वैक्सीनेशन अब विश्वभर में व्यापक रूप से शुरू हो चुका है और लोगों को वैक्सीन लगवाने के लिए सरकारें और स्वास्थ्य निगमें विभिन्न पहलुओं में काम कर रही हैं।
टीकाकरण के माध्यम से एक व्यापक पोपुलेशन को वैक्सीनेट करने से समुदाय में छलावा हो सकता है, जिससे रोग का प्रसार कम होता है और अधिकतर लोग सुरक्षित रह सकते हैं। टीकाकरण को बढ़ावा देने के लिए सकारात्मक संचार और जनसंख्या को शिक्षित करने के लिए सार्वजनिक स्वास्थ्य अभियानों का आयोजन किया जा रहा है।