Uttar Pradesh: यूपी पुलिस की विशेष टीम ने पति-पत्नी अमित श्रीवास्तव और उनकी पत्नी शिखा श्रीवास्तव को गिरफ्तार किया है, जिन्होंने बेरोजगार लोगों से लाखों रुपए ठगने का काम किया। दोनों पर 50,000 रुपए का इनाम था और इन्हें अहमदाबाद के शिवांता अपार्टमेंट से पकड़ा गया। इन पर प्रयागराज जिले के जॉर्ज टाउन थाने में धोखाधड़ी की शिकायत दर्ज की गई थी। ये दोनों “इन्फोकॉन्स कंसल्टेंसी प्राइवेट लिमिटेड” नामक कंपनी बनाकर बेरोजगार लोगों को धोखा देते थे।
धोखाधड़ी का तरीका
धोखाधड़ी के मास्टरमाइंड अमित श्रीवास्तव ने खुद को कंपनी का मैनेजिंग डायरेक्टर घोषित किया और उनकी पत्नी शिखा श्रीवास्तव को सह-निर्देशक बनाया। STF के अनुसार, लोगों को कंपनी में सॉफ्टवेयर डेवलपर और इंजीनियर की नौकरियां देने का झांसा दिया गया। नौकरी मिलने पर सुरक्षा राशि के रूप में 80 हजार से 1 लाख रुपए जमा कराए गए। बहुत सारा पैसा इकट्ठा करने के बाद, दोनों प्रयागराज से भाग गए।
गुजरात में गिरफ्तारी
प्रयागराज छोड़ने के बाद, ये दोनों दिल्ली पहुंचे और वहां भी धोखाधड़ी की। फिर गुजरात में बस गए और वहां “जिमनी सॉफ्टवेयर” नामक कंपनी खोली। यूपी STF ने इस दंपत्ति को गिरफ्तार किया। अब उनकी अदालत में पेशी और प्रयागराज वापस लाए जाने की प्रक्रिया की जा रही है। आरोपियों से 2 मोबाइल फोन और 600 रुपए बरामद किए गए हैं।
गिरफ्तारी के दौरान खुलासे
अमित श्रीवास्तव ने बताया कि उन्होंने जॉर्ज टाउन पुलिस स्टेशन क्षेत्र में “इन्फोकॉन्स कंसल्टेंट्स प्राइवेट लिमिटेड” नामक कंपनी खोली थी। वे खुद इसके मैनेजिंग डायरेक्टर थे और उनकी पत्नी शिखा श्रीवास्तव सह-निर्देशक थीं। इस कंपनी में लोगों को सॉफ्टवेयर डेवलपर और इंजीनियर की नौकरियां देने के बदले में उनसे पैसे लिए जाते थे। प्रति व्यक्ति सुरक्षा राशि के तौर पर 80,000 से 1,00,000 रुपए जमा किए जाते थे। सेवा समझौते में तीन साल तक काम करने और छह महीने के बाद सैलरी में वृद्धि की बात कही गई थी।
महाराष्ट्र बैंक में 10 लाख रुपए जमे
लोगों से अच्छी-खासी राशि इकट्ठा करने के बाद, दोनों फरार हो गए। उनके 10 लाख रुपए महाराष्ट्र बैंक, प्रयागराज में जमे हुए हैं। उनकी कंपनी प्रयागराज जिले में स्कूलों के लिए सॉफ्टवेयर सप्लाई करती थी। प्रयागराज छोड़ने के बाद, दोनों दिल्ली में कुछ वर्षों तक रहे और फिर अहमदाबाद के शिवांता अपार्टमेंट में घर खरीदकर वहां बस गए। वे वहां करीब 6-7 वर्षों से रह रहे थे।
गुजरात में नई कंपनी
गुजरात में, इन दोनों ने “जिमनी सॉफ्टवेयर” नामक कंपनी खोली जो मेडिकल संबंधित सॉफ्टवेयर पर काम करती है और दुबई में भी एक वर्चुअल ऑफिस है। इस कंपनी का एक सॉफ्टवेयर की कीमत लगभग 20-25 हजार रुपए है। भारत में, इस कंपनी के सॉफ्टवेयर को बेंगलुरु, कोलकाता, जयपुर और प्रयागराज के यूनाइटेड मेडिकल कॉलेजों में सप्लाई किया गया है।
इस घटना से यह स्पष्ट होता है कि किस प्रकार अपराधी लंबे समय तक कानून की आंखों में धूल झोंककर धोखाधड़ी कर सकते हैं, और कैसे ऐसे मामलों की जांच व कार्रवाई को एक चुनौती के रूप में देखा जा सकता है।