Yamuna Expressway पर पैदल चलना और क्रॉसिंग करना पूरी तरह से प्रतिबंधित है। इसके बावजूद, पिछले 12 वर्षों में 103 हादसे हुए हैं, जिनमें 39 लोगों की मौत और 41 लोग घायल हुए हैं। पिछले साल 16 पैदल यात्रियों की मौत और 22 लोग घायल हुए। यह जानकारी यमुन एक्सप्रेसवे इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी (YEIDA) के सीनियर एडवोकेट और सड़क सुरक्षा एक्टिविस्ट KC जैन ने दी है।
रात के समय अधिक हादसे
साल 2023 में, 19 पैदल यात्रियों में से 16 की मौत रात 8 बजे से सुबह 6 बजे के बीच हुई। रात के समय तेज गति से चलने वाले वाहन पैदल यात्रियों को कुचलते हुए चले गए और पीछे मुड़कर भी नहीं देखा। इनमें से 14 लोगों की मौत अज्ञात वाहनों द्वारा हुई।
पुलिस और पेट्रोलिंग टीम पर सवाल
एडवोकेट KC जैन का कहना है कि Yamuna Expressway पर पैदल चलने पर प्रतिबंध के बावजूद 39 मौतें पुलिस और पेट्रोलिंग टीम की सतर्कता और प्रणाली पर सवाल उठाती हैं। सीसीटीवी कैमरों और पेट्रोलिंग टीम के माध्यम से निगरानी क्यों नहीं की जा सकी? विभिन्न स्थानों पर बसों के लिए अवैध रूप से इकट्ठा होने वाले लोगों का मामला भी सवाल खड़ा करता है।
अवैध बस स्टॉप
जानकारी में यह भी बताया गया है कि Yamuna Expressway पर कुछ स्थानों पर अवैध बस स्टॉप बनाए गए हैं। यहां बसें और अन्य यात्री वाहन रुककर यात्रियों को उतारते और चढ़ाते हैं। जानकारी में यह भी कहा गया कि पेट्रोलिंग वाहन इन वाहनों को हटाते हैं और अगर वे नहीं मानते हैं, तो पुलिस को सूचित किया जाता है। इस तरह, YEIDA ने पुलिस विभाग के कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए हैं।
एक्सप्रेसवे पर तीन प्रतिशत मौतें
Yamuna Expressway पर सड़क दुर्घटनाओं की बात करें तो, साल 2012 से 2023 तक 7,625 हादसे हुए, जिनमें 1,320 लोग मारे गए और 11,168 लोग घायल हुए। इनमें से 39 पैदल यात्रियों की मौत 3 प्रतिशत थी।
संयुक्त कार्य योजना बनानी चाहिए
एडवोकेट जैन का कहना है कि YEIDA और पुलिस विभाग को एक संयुक्त योजना बनानी चाहिए ताकि पैदल यात्रियों को दुर्घटनाओं से बचाया जा सके।