Uttar Pradesh: बेटे की हत्या के सदमे में मां की मौत, परिवार ने शव एसएसपी कार्यालय के बाहर रखा, हंगामा
Uttar Pradesh: उत्तर प्रदेश के बरेली जिले से एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जिसमें एक महिला ने अपने दो बेटों की हत्या के सदमे में अपनी जान गंवा दी। इस घटना के बाद महिला के परिवार ने बरेली के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) कार्यालय के बाहर महिला का शव रखकर विरोध प्रदर्शन किया। यह मामला कई सवाल खड़ा करता है और पुलिस की कार्रवाई पर भी सवाल उठाता है।
घटना की शुरुआत
बरेली जिले के भूत थाना क्षेत्र से महिला नारायणी देवी (65) की मौत की खबर आई है, जो अपने दो बेटों की हत्या के सदमे को सहन नहीं कर पाई और चल बसीं। बताया जा रहा है कि महिला के दोनों बेटे मारे गए थे। उनके पहले बेटे की हत्या तीन साल पहले हुई थी, जबकि दूसरे बेटे पुष्पेंद्र (40) की हत्या पिछले मंगलवार को बरेली के भूत थाना क्षेत्र के बिसलपुर रोड पर कर दी गई थी।
महिला की मौत उस समय हुई जब वह पुष्पेंद्र की हत्या के बाद मानसिक तनाव में थीं और इसे सहन नहीं कर पाईं। महिला की अचानक मौत परिवार के लिए एक और बड़ा आघात थी। इसके बाद नारायणी देवी के परिवार ने पुलिस कार्रवाई पर नाराजगी जताते हुए शव को एसएसपी कार्यालय के बाहर रख दिया और विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया।
परिवार का विरोध और मांग
परिवार के सदस्य यह आरोप लगा रहे हैं कि पुलिस उचित कार्रवाई नहीं कर रही है। उन्होंने पुलिस से पुष्पेंद्र की हत्या में शामिल सभी आरोपियों को जल्द गिरफ्तार करने की मांग की। परिवार ने यह स्पष्ट किया कि जब तक सभी आरोपियों को गिरफ्तार नहीं किया जाएगा, तब तक शव को एसएसपी कार्यालय के बाहर से नहीं हटाया जाएगा। पुष्पेंद्र की पत्नी संगीता ने कहा, “मेरी सास पूरी रात रोती रही, और सुबह हमें उनका शव मिला। वह डिप्रेशन में चली गई थीं। यह दुखद घटना उन्हीं के लिए सदमा साबित हुई।”
पुलिस का बयान और कार्रवाई
बरेली के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (नगर) मनुश परिख ने मामले की जानकारी दी और कहा कि एसएसपी अनुराग आर्य ने मृतका के परिवार से बात की और उन्हें जल्द आरोपियों की गिरफ्तारी का आश्वासन दिया। इसके बाद, परिवार को समझाने के बाद शव को एसएसपी कार्यालय से हटा लिया गया।
पुलिस के अनुसार, अब तक तीन संदिग्धों को गिरफ्तार किया गया है, जबकि सात अन्य आरोपी फरार हैं। पुलिस उनकी गिरफ्तारी के लिए प्रयासरत है। पुलिस का कहना है कि गिरफ्तार किए गए आरोपियों ने पूछताछ में यह स्वीकार किया कि पुष्पेंद्र उन पर दर्ज दो मामलों में गवाह था और इन आरोपियों को डर था कि उन्हें इन मामलों में सजा हो सकती है। इसी डर के कारण उन्होंने पुष्पेंद्र की हत्या करने की साजिश रची थी।
हत्या की साजिश और पुलिस की जांच
पुलिस का कहना है कि पुष्पेंद्र की हत्या पूर्व कुख्यात अपराधी पुरनलाल के घर पर बैठते समय की गई थी। यहां आरोपी इकट्ठा हुए और पुष्पेंद्र की हत्या की योजना बनाई। पुलिस ने यह भी बताया कि इस मामले की जांच अभी भी जारी है और फरार आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए कई टीमों का गठन किया गया है।
यह मामला सिर्फ एक हत्या का नहीं, बल्कि एक मां के दिल तोड़ने वाली कहानी है, जो अपने दोनों बेटों की हत्या का सदमा सहन नहीं कर पाई। परिवार ने अपनी मांगों को लेकर कड़ा रुख अपनाया है और पुलिस पर आरोप लगाया है कि वह मामले में पर्याप्त कार्रवाई नहीं कर रही है। पुलिस अब मामले की गंभीरता को समझते हुए आरोपियों की गिरफ्तारी में सक्रिय हो गई है, लेकिन यह घटना यह भी दिखाती है कि एक सामान्य नागरिक के लिए न्याय प्राप्त करना कितना कठिन हो सकता है।
यह दुखद घटना न केवल एक परिवार को तोड़ने वाली है, बल्कि यह भी सवाल उठाती है कि क्या पुलिस को एक व्यक्ति के जीवन की कीमत समझ में आती है, जब पूरा परिवार बिखर जाता है?