Uttar Pradesh: प्रयागराज में एयरपोर्ट पुलिस थाने में तीन नामित और 20 अज्ञात लोगों के खिलाफ गायों की हत्या के आरोप में FIR दर्ज की गई है। यह शिकायत वंशिका गुप्ता द्वारा की गई थी, जिसमें उन्होंने शमशाद, आरिफ और नूर अली के बेटे के खिलाफ और 20 अन्य अज्ञात लोगों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 131 और गाय हत्या रोकथाम अधिनियम के तहत शिकायत की है।
गाय हत्या की सूचना मिलने पर बजरंग दल का पहुंचना
शिकायतकर्ता वंशिका ने अपनी शिकायत में बताया कि 30 सितंबर की सुबह 5 बजे गाय हत्या की सूचना मिलने पर बजरंग सेना गौ रक्षा सेल के जिला अध्यक्ष कृष्णा श्रीवास्तव और महासचिव ऋतिक यादव भिति गांव के पीछे नदी के पास पहुंचे।
आरोपियों ने मांस को बक्सों और थैलियों में रखा
वंशिका का आरोप है कि कृष्णा श्रीवास्तव और ऋतिक यादव जब नदी के पास पहुंचे, तो उन्होंने देखा कि 15-20 लोग गायों की हत्या कर रहे हैं और मांस को बक्सों और थैलियों में भरकर बेचने के लिए ले जा रहे हैं। जैसे ही आरोपियों ने कृष्णा और ऋतिक को देखा, वे उन्हें मारने के लिए भागने लगे, और दोनों किसी तरह से बचने में सफल रहे।
पुलिस ने घटनास्थल पर पहुंचकर कार्रवाई की
कृष्णा श्रीवास्तव की सूचना पर विश्व हिंदू परिषद के जिला उपाध्यक्ष (दक्षिण) अशोक सिंह चौहान भी VHP कार्यकर्ताओं के साथ मौके पर पहुंचे। तब तक एयरपोर्ट पुलिस थाने की टीम भी मौके पर पहुंच चुकी थी।
मौके से मांस और अन्य सामग्री जब्त
FIR के अनुसार, घटनास्थल पर गाय का मांस, चमड़ा और खून पाया गया, जिसका वीडियो बनाया गया। मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी द्वारा बीफ और चमड़े के सैंपल लिए गए हैं और उन्हें परीक्षण के लिए भेजा गया है।
पुलिस आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी कर रही है
एयरपोर्ट पुलिस थाने के प्रभारी अरुण कुमार सिंह ने बताया कि सोमवार को कई जगहों पर छापेमारी की गई, लेकिन आरोपी फरार हैं। गाय हत्या की पुष्टि तब तक नहीं हो सकती जब तक कि सैंपल रिपोर्ट नहीं आती।
गौरक्षा की दिशा में बजरंग दल की सक्रियता
बजरंग दल ने इस मामले में सक्रियता दिखाई है और आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने इस घटना को गंभीरता से लिया है और इसके खिलाफ ठोस कार्रवाई की जरूरत बताई है।
पशु अधिकार और सामाजिक संवेदनशीलता
यह मामला केवल एक कानूनी मुद्दा नहीं है, बल्कि यह समाज में पशु अधिकारों और संवेदनशीलता को लेकर भी एक महत्वपूर्ण प्रश्न खड़ा करता है। भारतीय संस्कृति में गायों को माता का दर्जा दिया गया है, और इस प्रकार की घटनाएं समाज में असंतोष पैदा करती हैं।
भविष्य में ऐसी घटनाओं की रोकथाम
सरकार और समाज को इस तरह की घटनाओं की रोकथाम के लिए ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है। लोगों को पशु अधिकारों के प्रति जागरूक करना और इस तरह की गतिविधियों के खिलाफ जागरूकता फैलाना आवश्यक है।