Uttar Pradesh: जिले के स्वरूप नेहरू अस्पताल (SRN) में एक डॉक्टर ने कार के अंदर आत्महत्या कर ली। अस्पताल के अन्य डॉक्टरों ने इस मामले की सूचना पुलिस को दी। सूचना मिलते ही DCP सिटी अभिषेक भारती, ACP मनोज सिंह और SP श्वेताभ पांडेय मौके पर पहुंचे। पुलिस जांच में पता चला कि मृतक डॉक्टर ने अपनी हाथ में नीयुवेक इंजेक्शन लगाया था, जिससे उनकी मौत हो गई। वर्तमान में, पुलिस ने शव को अपने कब्जे में लेकर पोस्ट-मॉर्टम के लिए भेज दिया है। पोस्ट-मॉर्टम के बाद यह स्पष्ट होगा कि डॉक्टर की मौत इंजेक्शन से हुई या कुछ और कारण है। पुलिस की प्राथमिक जांच में मामला आत्महत्या का लग रहा है। पुलिस मृतक डॉक्टर के परिचितों से जानकारी ले रही है कि आखिर वह आत्महत्या क्यों कर रहा था।
घटना की जानकारी
प्राप्त जानकारी के अनुसार, कार्तिकेय श्रीवास्तव, जो हरिद्वार के निवासी थे, SRN अस्पताल में ऑर्थो विभाग में डॉक्टर थे। रात के समय उनकी नीली कार SRN अस्पताल की पार्किंग में खड़ी थी। जब अन्य डॉक्टर रात में अपनी कार निकालने आए, तो उन्होंने देखा कि डॉक्टर कार्तिकेय अपनी कार की ड्राइविंग सीट पर मृत पड़े हैं। इसके बाद, डॉक्टरों ने अन्य डॉक्टरों और पुलिस को सूचित किया। शहर के कई पुलिस अधिकारी, जिसमें DCP सिटी और SOG टीम शामिल थे, मौके पर पहुंचे। मृतक डॉक्टर का शव कार से निकाला गया और पोस्ट-मॉर्टम के लिए भेजा गया।
घटना के बाद की स्थिति
पुलिस टीम ने कार की तलाशी ली, जिसमें एक खाली बोतल और नीयुवेक इंजेक्शन की सुई कार के पास की सीट पर पाई गई। इस कारण संदेह है कि डॉक्टर ने खुद को हाथ में इंजेक्शन लगाया होगा। हालाँकि, डॉक्टर की मौत का सही कारण पोस्ट-मॉर्टम रिपोर्ट के बाद ही ज्ञात होगा। DCP सिटी अभिषेक भारती ने मौके पर पहुंचकर कहा कि डॉक्टर का शव उनकी कार से बरामद किया गया है और प्रारंभिक तौर पर यह आत्महत्या का मामला लगता है। इसके पीछे का कारण जानने के लिए जांच की जा रही है। पुलिस यह भी जांच कर रही है कि डॉक्टर किस बात से परेशान थे जिसके कारण उन्होंने आत्महत्या का कदम उठाया।
मानसिक स्वास्थ्य का मुद्दा
यह घटना यह स्पष्ट करती है कि मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दे कितने गंभीर हो सकते हैं, विशेषकर चिकित्सा क्षेत्र में कार्यरत लोगों के लिए। डॉक्टरों की ज़िंदगी में अक्सर तनाव और दबाव होता है, जो उनके मानसिक स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है। ऐसे मामलों में, परिवार और दोस्तों का सहयोग और सही सलाह बहुत आवश्यक होती है।
पुलिस की कार्रवाई
पुलिस ने मृतक डॉक्टर के करीबी लोगों से पूछताछ शुरू कर दी है, ताकि यह जान सकें कि क्या कोई विशेष कारण था जिसके कारण उन्होंने आत्महत्या की। पुलिस यह भी जानने की कोशिश कर रही है कि क्या डॉक्टर के काम या निजी जीवन में कोई परेशानी थी जो उन्हें इस स्थिति में ले गई।
समाज की जिम्मेदारी
समाज को भी इस घटना से सीख लेने की आवश्यकता है। यह सुनिश्चित करना चाहिए कि कोई भी व्यक्ति, विशेषकर जो चिकित्सा क्षेत्र में कार्यरत हैं, अपनी समस्याओं के बारे में खुलकर बात कर सके। इसके लिए मानसिक स्वास्थ्य पर जागरूकता फैलाना और उचित संसाधनों की उपलब्धता सुनिश्चित करना आवश्यक है।