UP by-election: मुरादाबाद की कुंदरकी विधानसभा सीट पर भारतीय जनता पार्टी (BJP) और समाजवादी पार्टी (SP) ने अपने पत्ते खोल दिए हैं। कुंदरकी, जिसे समाजवादी पार्टी का गढ़ माना जाता है, वहां SP ने हाजी मोहम्मद रिजवान को अपना उम्मीदवार बनाया है। दूसरी तरफ, बीजेपी ने रामवीर सिंह पर दांव लगाया है। इस सीट पर चुनावी रणनीति बनाते समय SP और BJP दोनों ही एक-दूसरे को चुनौती देने की कोशिश में हैं, लेकिन इस बार छोटे दलों की मौजूदगी बड़े दलों के समीकरण को बिगाड़ सकती है।
कुंदरकी में SP का दबदबा, लेकिन छोटे दलों का बढ़ता प्रभाव
2002 से कुंदरकी विधानसभा में SP का दबदबा रहा है, और इस दौरान बसपा (BSP) भी अपने पैरों को मजबूती से जमाने में कामयाब रही। 1993 में BJP नेता चंद विजय सिंह ने इस सीट पर जीत दर्ज की थी, लेकिन उसके बाद से यह सीट BJP के लिए चुनौतीपूर्ण रही है। 2022 में मुस्लिम-बहुल इस सीट पर SP के उम्मीदवार जियाउर रहमान बर्क ने जीत हासिल की थी, लेकिन उनके सांसद बनने के बाद यह सीट खाली हो गई है।
SP का भरोसा हाजी मोहम्मद रिजवान पर
समाजवादी पार्टी ने एक बार फिर हाजी मोहम्मद रिजवान को कुंदरकी सीट से चुनावी मैदान में उतारा है। SP को उम्मीद है कि वे इस बार भी अल्पसंख्यक वोटरों का समर्थन पाने में सफल होंगे। वहीं, AIMIM ने हाफिज वारिस को उम्मीदवार बनाया है, जिन्होंने पिछले चुनाव में 14 हजार 700 वोट हासिल किए थे।
AIMIM और आजाद समाज पार्टी भी मैदान में
AIMIM के अलावा आजाद समाज पार्टी (कांशीराम) ने भी चांदबाबू को अपना उम्मीदवार घोषित किया है। स्थानीय स्तर पर AIMIM के मजबूत आधार को देखते हुए यह कहना गलत नहीं होगा कि बड़े दलों के लिए AIMIM के उम्मीदवार हाफिज वारिस को हल्के में लेना सही नहीं होगा, क्योंकि AIMIM फिलहाल कुंदरकी की नगर पालिका की चेयरमैन की कुर्सी पर काबिज है।
BJP की पूरी ताकत झोंकी, मुख्यमंत्री का दौरा
BJP ने कुंदरकी सीट जीतने के लिए पूरी ताकत झोंक दी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ खुद कुंदरकी का दौरा कर चुके हैं, साथ ही वहां चार मंत्रियों को भी जिम्मेदारी सौंपी गई है ताकि इस सीट पर BJP की जीत सुनिश्चित हो सके। BJP नेताओं का मानना है कि कुंदरकी की जनता उनके उम्मीदवार रामवीर सिंह को इस बार समर्थन देगी और BJP को जीत दिलाएगी।
BSP के रफतुल्ला भी मैदान में
इस उपचुनाव में BSP ने भी अपने उम्मीदवार रफतुल्ला को मैदान में उतारा है। बसपा की यह रणनीति है कि वे मुस्लिम वोटरों को अपनी तरफ करने का प्रयास करें, जिससे SP और AIMIM के बीच बंटवारा हो और अंततः इसका लाभ उन्हें मिले।
SP के चार विधायक मैदान में निगरानी पर
SP के चार विधायकों की नजरें भी कुंदरकी क्षेत्र पर हैं। SP नेताओं का मानना है कि इस सीट पर कोई भी उन्हें पराजित नहीं कर सकता, क्योंकि अल्पसंख्यक वोट बैंक का बड़ा हिस्सा उनके पक्ष में जाएगा। पिछले चुनाव में SP के उम्मीदवार को एक लाख 25 हजार वोट मिले थे, और इस बार उन्हें अपने जीत की पूरी उम्मीद है।
स्थानीय लोगों का कहना, छोटे दलों के आने से मुकाबला हुआ रोमांचक
कुंदरकी में कुल तीन लाख 83 हजार मतदाता हैं। स्थानीय लोगों का मानना है कि इस बार छोटे दलों की मौजूदगी से मुकाबला बेहद रोमांचक हो गया है। AIMIM, BSP, और आजाद समाज पार्टी जैसे छोटे दलों का मैदान में उतरना SP और BJP दोनों के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकता है। यह चुनाव दोनों दलों के बीच कड़ा मुकाबला होने का संकेत दे रहा है और देखना दिलचस्प होगा कि अंतिम परिणाम किसके पक्ष में जाएगा।
कुल मिलाकर कुंदरकी विधानसभा सीट पर इस उपचुनाव में BJP और SP के साथ-साथ छोटे दलों का भी प्रभाव देखा जा रहा है। मुख्यमंत्री के दौरे, मंत्रियों की तैनाती, और सभी दलों की चुनावी तैयारियों के बावजूद इस बार का मुकाबला बेहद टक्कर का है। मतदाताओं का समर्थन और छोटे दलों की उपस्थिति इस चुनाव के परिणाम पर सीधा असर डाल सकते हैं।