UP by-election: उत्तर प्रदेश में हो रहे विधानसभा उपचुनावों को लेकर कांग्रेस और समाजवादी पार्टी (सपा ) के बीच गतिरोध जारी है। सपा किसी भी कीमत पर कांग्रेस को दो से ज्यादा सीटें देने के लिए तैयार नहीं है। समाजवादी पार्टी ने गाजियाबाद सदर और खैर सीटें कांग्रेस को देने का प्रस्ताव रखा है। हालांकि, कांग्रेस गाजियाबाद सदर और खैर के अलावा फूलपुर, मंझवा और मीराापुर सीटों की भी मांग कर रही है। सूत्रों के मुताबिक, समाजवादी पार्टी का कहना है कि कांग्रेस को दो से ज्यादा सीटें नहीं दी जाएंगी। अब निर्णय कांग्रेस को लेना है।
2022 में सपा ने जीती थीं ये सीटें
कांग्रेस का कहना है कि जिन नौ सीटों पर उपचुनाव हो रहे हैं, उनमें से चार – करहल, सिसामऊ, कटहरी और कुंदरकी – 2022 के विधानसभा चुनावों में समाजवादी पार्टी ने जीती थीं। कांग्रेस का तर्क है कि सपा इन सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे और शेष पांच सीटें कांग्रेस को दी जाएं।
हालांकि, सपा का कहना है कि वह इन सीटों पर मजबूत स्थिति में है, और इसलिए वह इन पर अपने उम्मीदवार उतार रही है। इस कारण दोनों पार्टियों के बीच समझौता करना मुश्किल हो गया है।
कांग्रेस के पास अब तीन विकल्प
सूत्रों के अनुसार, कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के बीच बातचीत की स्थिति अब तीन संभावित विकल्पों पर आकर टिक गई है:
- दो सीटों पर गठबंधन में चुनाव लड़ें: कांग्रेस दो सीटों – गाजियाबाद सदर और खैर – पर समझौता कर सकती है और सपा के साथ मिलकर उपचुनाव लड़ सकती है।
- सभी दस सीटों पर सपा का समर्थन करें: कांग्रेस गठबंधन में रहकर सपा के उम्मीदवारों का समर्थन कर सकती है, जिससे सपा को सभी दस सीटों पर बढ़त मिल सकती है।
- गठबंधन से अलग होकर सभी दस सीटों पर उम्मीदवार उतारें: कांग्रेस गठबंधन से अलग होकर सभी दस सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारने का निर्णय ले सकती है।
सपा ने इन सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है
समाजवादी पार्टी पहले ही करहल, फूलपुर, कटहरी, सिसामऊ, मंझवा और मीराापुर सीटों पर अपने उम्मीदवारों के नामों की घोषणा कर चुकी है। सपा के उम्मीदवार नामांकन भी दाखिल कर रहे हैं। पार्टी का कहना है कि वह इन सीटों पर मजबूत स्थिति में है, इसलिए वह अपने उम्मीदवार उतार रही है। सपा का यह भी मानना है कि इन सीटों पर जीत हासिल करने के लिए पार्टी के पास पर्याप्त जनसमर्थन है।
कांग्रेस की मांग
कांग्रेस की मांग है कि उसे निम्नलिखित पांच सीटें दी जाएं:
- गाजियाबाद सदर
- खैर
- फूलपुर
- मीराापुर
- मंझवा
कांग्रेस का कहना है कि इन सीटों पर वह बेहतर प्रदर्शन कर सकती है, इसलिए उसे ये सीटें दी जानी चाहिएं। हालांकि, सपा की ओर से फिलहाल इस मांग को स्वीकार नहीं किया गया है।
गठबंधन की मुश्किलें
कांग्रेस और सपा के बीच उपचुनावों को लेकर चल रही खींचतान ने गठबंधन की संभावनाओं को और जटिल बना दिया है। दोनों पार्टियां अपनी-अपनी स्थिति को मजबूत करने की कोशिश कर रही हैं, और यह देखना बाकी है कि वे किसी समझौते पर पहुंच पाती हैं या नहीं। अगर कांग्रेस गठबंधन से अलग हो जाती है और सभी सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारती है, तो इसका असर न केवल उपचुनावों पर पड़ेगा, बल्कि भविष्य के चुनावों में भी देखने को मिल सकता है।