Lucknow: आज महान समाजवादी नेता जय प्रकाश नारायण की जयंती है। सपा प्रमुख अखिलेश यादव अपने आदर्श का सम्मान करने के लिए जेपी सेंटर में उनकी प्रतिमा पर माला डालने के लिए अडिग हैं। इस बीच, जेपी सेंटर को सील कर दिया गया है और उनके घर के बाहर भारी पुलिस बल तैनात किया गया है। सपा कार्यकर्ता बैरिकेड्स पर चढ़ गए हैं और हंगामा कर रहे हैं। इस घटनाक्रम के बीच, लखनऊ के पुलिस कमिश्नर अमरेंद्र सेंगर, लखनऊ के संयुक्त पुलिस आयुक्त (कानून और व्यवस्था) और अन्य अधिकारी अखिलेश यादव से मिलने के लिए उनके घर के अंदर गए हैं।
घटना का विस्तार
अखिलेश यादव ने आरोप लगाया है कि उनके निजी आवास के चारों ओर बैरिकेडिंग की गई है और पुलिस की बड़ी संख्या तैनात की गई है। उन्होंने इंस्टाग्राम पर दो वीडियो साझा किए हैं, जिसमें बैरिकेडिंग और पुलिस एवं आरपीएफ की तैनाती को दिखाया गया है। उन्होंने लिखा है कि भाजपा और उनकी सरकार का हर कार्य नकारात्मकता का प्रतीक है। पिछले वर्ष की तरह इस वर्ष भी समाजवादी पार्टी के लोगों को जय प्रकाश नारायण की प्रतिमा पर माला डालने से रोकने के लिए हमारे निजी निवास के चारों ओर बैरिकेडिंग की गई है।
भाजपा पर हमला
अखिलेश यादव ने ट्वीट किया कि भाजपा ने श्रद्धांजलि देने के रास्ते को अवरुद्ध कर दिया है। उन्होंने कहा कि भाजपा ने पीडीए (पार्टी द अलायंस) के रास्ते को रोक दिया है। भाजपा ने सामंजस्य के रास्ते को रोक दिया है। भाजपा ने संविधान के रास्ते को भी रोक दिया है। उन्होंने यह भी कहा कि भाजपा के लोग हमेशा स्वतंत्रता सेनानियों और स्वतंत्रता आंदोलन के खिलाफ रहे हैं और उन्होंने औपनिवेशिक शक्तियों के साथ मिलकर रास्ता रोकना सीखा है।
शिवपाल यादव का बयान
इस बीच, सपा के महासचिव शिवपाल यादव ने भी भाजपा सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने अपने एक्स हैंडल पर ट्वीट करते हुए कहा कि भाजपा, सत्ता के नशे में चूर होकर, लोकतंत्र को बैरिकेड करने का प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि सत्ता की व्यवस्था कभी भी जनता की व्यवस्था पर हावी नहीं हो सकती। सरकार को अतीत से सीख लेनी चाहिए। लोकतंत्र में तानाशाही लंबे समय तक नहीं टिकती।
रवीदास मेहरोत्रा का बयान
सपा नेता रवीदास मेहरोत्रा ने कहा कि सपा राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के घर को बैरिकेड करके एक छावनी में बदल दिया गया है। राज्य सरकार ने उनके घर को सील कर दिया है ताकि वे लोकनायक जय प्रकाश नारायण की प्रतिमा पर माला न डाल सकें। उन्होंने कहा कि चाहे भाजपा सरकार कितना भी दमन और अन्याय करे, हम हर बैरिकेड को तोड़कर लोकनायक जय प्रकाश नारायण की प्रतिमा पर माला डालने जाएंगे। माला डालने से रोकना अन्याय, अत्याचार और तानाशाही है। भाजपा सरकार की इस तानाशाही के खिलाफ हम हमेशा लड़ते रहेंगे। हम हर संघर्ष का सामना करने के लिए तैयार हैं।
कांग्रेस की प्रतिक्रिया
इस बीच, उत्तर प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष अजय राय ने भी सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि इस सरकार की मंशा ठीक नहीं है। उन्होंने बताया कि पिछले वर्ष भी ऐसी ही घटनाएं हुई थीं। यह सरकार तानाशाह की तरह व्यवहार कर रही है और जनता के आंदोलन को रोकने का प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि मूर्तियों की माला डालने से भी रोका जा रहा है, जो लोकतांत्रिक मूल्यों के खिलाफ है।
सामाजिक और राजनीतिक प्रतिक्रिया
यह घटना केवल सपा तक सीमित नहीं है; बल्कि अन्य विपक्षी दलों ने भी इस मामले में सरकार की निंदा की है। यह स्पष्ट है कि लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा करने का मुद्दा राजनीतिक पार्टियों के लिए महत्वपूर्ण है। समाजवादी पार्टी का यह संघर्ष भाजपा सरकार की तानाशाही प्रवृत्तियों के खिलाफ है। इस प्रकार की घटनाएं न केवल सपा के लिए बल्कि पूरे राजनीतिक परिदृश्य के लिए गंभीर प्रश्न खड़े करती हैं।
बढ़ती हुई असंतोष की भावना
इस घटना ने समाज में बढ़ती हुई असंतोष की भावना को और अधिक बढ़ा दिया है। लोग यह महसूस कर रहे हैं कि उन्हें अपनी आवाज उठाने का अधिकार नहीं है। जब किसी नेता या राजनीतिक दल को अपनी बात कहने के लिए इस तरह की स्थिति का सामना करना पड़ता है, तो यह स्पष्ट संकेत है कि लोकतंत्र में कुछ गलत है।