Brand India: एस जयशंकर ने बताई भारत की नई पहचान और वैश्विक भूमिका
Brand India: भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शनिवार को ‘ब्रांड इंडिया’ की अवधारणा को प्रशंसा करते हुए इसे भारत की प्रामाणिकता का प्रतीक और वैश्विक बंधुत्व का संदेश बताया। उन्होंने कहा कि ‘ब्रांड इंडिया’ सिर्फ भारत की पहचान नहीं है, बल्कि यह भारत के सांस्कृतिक और ऐतिहासिक मूल्यों के साथ तकनीकी प्रगति का प्रतीक है। विदेश मंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि भारत अब वैश्विक मंच पर अपनी सक्रिय भूमिका निभाने के लिए तैयार है और अपनी सच्ची पहचान के साथ दुनिया से जुड़ने की दिशा में कदम बढ़ा रहा है।
भारत की पहचान और ‘ब्रांड इंडिया’ का महत्व
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने ‘इंडिया आइडियाज कॉन्क्लेव’ में वर्चुअल माध्यम से संबोधित करते हुए कहा कि हर देश का एक ब्रांड होता है, जो उसकी प्रतिष्ठा और उपलब्धियों पर आधारित होता है। उन्होंने कहा, “जब कोई देश अपनी पहचान स्थापित करता है और उसे आसानी से पहचाना जाता है, तो वह एक मजबूत ब्रांड बन जाता है। आज के भारत के लिए अपनी पहचान को सही तरीके से प्रस्तुत करना बेहद महत्वपूर्ण है।”
‘ब्रांड इंडिया’ की अवधारणा को एस जयशंकर ने एक नए दृष्टिकोण से प्रस्तुत किया। उनके अनुसार, यह सिर्फ एक राष्ट्रीय पहचान का प्रतीक नहीं है, बल्कि यह भारत की उस मानसिकता को भी दर्शाता है, जिसमें वह अपनी संस्कृति, इतिहास और परंपराओं पर गर्व करते हुए वैश्विक मंच पर अपनी भूमिका निभाने के लिए पूरी तरह से तैयार है।
स्वतंत्रता संग्राम और आजादी के बाद की यात्रा
एस जयशंकर ने भारत के स्वतंत्रता संग्राम और आजादी के बाद के सफर पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता के बाद भारत को अपनी पहचान स्थापित करने में कठिनाई का सामना करना पड़ा, लेकिन समय के साथ देश ने अपने को एक मजबूत राजनीति, मजबूत अर्थव्यवस्था और आशावादी समाज के रूप में स्थापित किया है।
उन्होंने कहा, “आज का भारत अपनी ताकत को पहचानता है और अपनी संस्कृति, इतिहास और परंपराओं पर गर्व करता है। हम अपनी शर्तों पर दुनिया से जुड़ रहे हैं। यही ‘ब्रांड इंडिया’ का सार है।”
वैश्विक मंच पर भारत की भूमिका
आज के भारत की पहचान पहले से कहीं ज्यादा स्पष्ट है। विदेश मंत्री ने कहा कि पहले भारत को वैश्विक स्तर पर एक ‘बड़े खिलाड़ी’ के रूप में देखा जाता था, लेकिन उस समय उससे ज्यादा अपेक्षाएं नहीं होती थीं। लेकिन अब यह सोच बदल चुकी है। अब भारत न केवल एक मजबूत अर्थव्यवस्था है, बल्कि इसका इंफ्रास्ट्रक्चर – हवाई अड्डे, मेट्रो, हाईवे और रेलवे – अब वैश्विक मानकों को पूरा करता है।
एस जयशंकर ने ‘ब्रांड इंडिया’ के एक महत्वपूर्ण पहलू के रूप में डिजिटल इंडिया की सफलता को भी रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि डिजिटल तकनीक के क्षेत्र में भारत की प्रगति पूरी दुनिया के लिए एक प्रेरणा बन चुकी है। आज, भारत के गांवों में भी डिजिटल सेवाएं उपलब्ध हैं, और आधार कार्ड और यूपीआई जैसे कार्यक्रम भारत को एक डिजिटल समाज में बदल रहे हैं।
‘ब्रांड इंडिया’ का सार: प्रामाणिकता और बंधुत्व
जयशंकर ने ‘ब्रांड इंडिया’ को दो शब्दों में संक्षेपित किया – प्रामाणिकता और बंधुत्व। उनका कहना था कि यह ब्रांड भारत की असली पहचान, उसकी सांस्कृतिक विरासत और उसकी वैश्विक भूमिका को दर्शाता है। उन्होंने कहा, “हमारी पहचान न केवल हमारे इतिहास और परंपराओं में है, बल्कि हमारे भविष्य के सपनों और उद्देश्यों में भी है। ‘ब्रांड इंडिया’ इसी संतुलन को प्रस्तुत करता है।”
भारत की भूमिका पर वैश्विक सक्रियता
विदेश मंत्री ने भारत की भूमिका पर वैश्विक सक्रियता का उल्लेख करते हुए कहा कि आज का भारत वैश्विक मुद्दों पर एक प्रभावी भूमिका निभा रहा है। उन्होंने क्वाड (QUAD), ब्रिक्स (BRICS), रूस-यूक्रेन युद्ध, इजरायल-ईरान के संबंधों और वैश्विक उत्तर और दक्षिण के बीच संतुलन बनाने जैसे विषयों पर भारत की भूमिका की चर्चा की। जयशंकर ने कहा कि “हमारी पहचान अब सिर्फ क्षेत्रीय सीमाओं तक सीमित नहीं है। हम विश्व स्तर पर अपनी जिम्मेदारी निभाने और समाधान पेश करने में विश्वास रखते हैं।”
डिजिटल इंडिया: एक नई क्रांति
एस जयशंकर ने डिजिटल इंडिया की उपलब्धियों का जिक्र करते हुए इसे ‘ब्रांड इंडिया’ का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बताया। उन्होंने कहा कि डिजिटल तकनीक में भारत की सफलता न केवल भारत के लिए, बल्कि पूरी दुनिया के लिए एक प्रेरणा बन चुकी है। आज के भारत में डिजिटल सेवाओं की पहुंच गांवों तक भी हो चुकी है, जिससे भारत डिजिटल समाज की ओर बढ़ रहा है।
एस जयशंकर के संबोधन में ‘ब्रांड इंडिया’ का जो नया दृष्टिकोण प्रस्तुत किया गया, वह न केवल भारत की पहचान को मजबूती देता है, बल्कि यह भारत के सांस्कृतिक, सामाजिक और आर्थिक विकास की दिशा को भी दर्शाता है। भारत अब अपनी असली पहचान के साथ वैश्विक मंच पर अपनी भूमिका निभाने के लिए पूरी तरह तैयार है। ‘ब्रांड इंडिया’ का संदेश प्रामाणिकता, बंधुत्व और सशक्तता से जुड़ा हुआ है, जो भारत को न केवल एक सांस्कृतिक धरोहर के रूप में, बल्कि एक वैश्विक शक्ति के रूप में स्थापित करता है।
एस जयशंकर के इस संबोधन ने स्पष्ट किया कि आज का भारत न केवल अपनी ताकत को पहचानता है, बल्कि वैश्विक समस्याओं के समाधान में भी अपनी भूमिका निभाने के लिए तैयार है। यही ‘ब्रांड इंडिया’ का असली संदेश है – एक प्रामाणिक, सशक्त और वैश्विक भारत।