Air Chief Marshal AP Singh: 30 सितंबर को एयर चीफ मार्शल एपी सिंह ने भारतीय वायुसेना के प्रमुख के रूप में कार्यभार संभाला। इस अवसर पर उन्होंने राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर अपनी मां पुष्पंत कौर के चरण छूकर आशीर्वाद लिया और दो बार उन्हें सलाम किया। एपी सिंह के लिए यह एक भावुक क्षण था, क्योंकि उन्होंने अपने करियर की इस महत्वपूर्ण उपलब्धि के लिए अपने माता-पिता का आभार व्यक्त किया।
एपी सिंह का नया दृष्टिकोण
मीडिया से बातचीत करते हुए, एपी सिंह ने कहा कि उनका मंत्र “मजबूत, मजबूत और आत्मनिर्भर” है। उन्होंने यह स्पष्ट किया कि भारतीय वायुसेना आत्मनिर्भरता, ऑपरेशनल क्षमताओं और बेहतर प्रशिक्षण की दिशा में काम करना जारी रखेगी। उनके अनुसार, ये क्षेत्र उनके ध्यान का केंद्र होंगे और समय के साथ, हम परिस्थिति में हो रहे बदलावों के अनुसार अनुकूलित होंगे।
स्वदेशी लड़ाकू विमान कार्यक्रम
जब एपी सिंह से स्वदेशी लड़ाकू विमान कार्यक्रमों के भविष्य के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कहा, “मैं तेजस कार्यक्रम के साथ जुड़े हुए हूं, जब इसका उड़ान परीक्षण चल रहा था। यह मेरे दिल के बहुत करीब है। मुझे पता है कि इस विमान की बहुत संभावनाएं हैं। वर्तमान स्थिति के अनुसार, यह एक बहुत बड़ा विमान है। हालांकि, हमारे पास ऐसे विमानों के लिए स्थान है। हमने 200 से अधिक ऐसे विमानों का आदेश दिया है।”
उन्होंने आगे कहा, “हमें मार्क 2 (विमान) और उन्नत मध्यम लड़ाकू विमान (AMCA) कार्यक्रम पर अधिक ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता है। हमारे पास इसे हासिल करने की क्षमता है। सभी को इसे सफल बनाने के लिए एक साथ आना होगा।”
एपी सिंह का कार्यकाल और VR चौधरी का योगदान
एपी सिंह ने वीआर चौधरी की जगह ली है, जो अपने तीन साल के कार्यकाल के बाद सेवानिवृत्त हो रहे हैं। वीआर चौधरी के कार्यकाल के दौरान भारतीय वायुसेना ने कई महत्वपूर्ण उन्नति की हैं, और एपी सिंह की नियुक्ति से उम्मीद की जा रही है कि वे इस प्रगति को आगे बढ़ाएंगे। एपी सिंह की इस नई जिम्मेदारी पर पूरी वायुसेना समुदाय ने उन्हें शुभकामनाएं दी हैं।
सामरिक दृष्टिकोण
एपी सिंह का ध्यान सामरिक दृष्टिकोण पर भी है, जिसमें वायुसेना की शक्तियों को बढ़ाना और देश की सुरक्षा को मजबूत करना शामिल है। उन्होंने वायुसेना के आधुनिकरण पर जोर दिया है, जिसमें उन्नत तकनीक का समावेश होगा और विदेशी विमानों पर निर्भरता को कम करने के लिए प्रयास किए जाएंगे।
भविष्य की चुनौतियाँ
एयर चीफ मार्शल एपी सिंह के सामने कई चुनौतियाँ हैं, जैसे कि वायुसेना की उन्नति और सामरिक शक्ति को बनाए रखना। उन्हें यह सुनिश्चित करना होगा कि वायुसेना न केवल वर्तमान चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार हो, बल्कि भविष्य की संभावित चुनौतियों का भी सामना कर सके।