India-China dispute: भारत-चीन सीमा विवाद पर चर्चा करते हुए सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने कहा कि वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर जारी वार्ताओं के बीच स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है। उन्होंने स्पष्ट किया कि जब तक 2020 से पहले की स्थिति बहाल नहीं होती और पूरी disengagement नहीं होती, तब तक स्थिति सामान्य नहीं होगी। जनरल द्विवेदी का यह बयान भारत-चीन के बीच जारी गतिरोध के समाधान के प्रयासों को लेकर महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
सीमा पर स्थिति: स्थिर, लेकिन सामान्य नहीं
जनरल द्विवेदी ने मंगलवार को चाणक्य फोरम डायलॉग में कहा कि चीन के साथ लंबे समय से मनोवैज्ञानिक खेल चल रहा है। उन्होंने कहा कि चीन के साथ प्रतिस्पर्धा, सहयोग, सह-अस्तित्व और टकराव का सामना करना पड़ेगा। जनरल द्विवेदी ने कहा कि भारत-चीन वार्ताओं के संदर्भ में कूटनीतिक स्तर पर कुछ सकारात्मक संकेत मिले हैं, लेकिन ज़मीनी स्थिति पर निर्णय दोनों पक्षों के कोर कमांडर लेते हैं। उन्होंने बताया कि सीमा पर स्थिति स्थिर है, लेकिन सामान्य नहीं है। उन्होंने जोर देकर कहा कि भारतीय सेना की स्थिति अप्रैल 2020 से पहले की जानी चाहिए, अन्यथा स्थिति संवेदनशील बनी रहेगी।
विश्वास का टूटना
जनरल द्विवेदी ने कहा कि वर्तमान स्थिति में विश्वास सबसे अधिक प्रभावित हुआ है। उन्होंने यह भी कहा कि कई मुद्दे थे जो आसानी से हल हो गए, लेकिन जहां स्थिति अधिक जटिल है, वहां वार्ताएं जारी हैं। उन्होंने कहा कि दोनों देशों के कूटनीतिक पक्ष से कुछ सकारात्मक संकेत मिले हैं, और अब सैन्य पक्ष एक साथ बैठकर यह चर्चा करेगा कि इसे ज़मीन पर कैसे लागू किया जा सकता है।
चीन की कृत्रिम आव्रजन नीति
जनरल द्विवेदी ने ग्रे ज़ोन युद्ध पर भी चर्चा की। उन्होंने कहा कि युद्ध कब होगा, यह नहीं कहा जा सकता, लेकिन हमें इस बीच तैयार रहना होगा। उन्होंने कहा कि करगिल, गलवान और डोकलाम युद्ध नहीं थे, बल्कि ये ग्रे ज़ोन युद्ध थे। जनरल द्विवेदी ने यह भी बताया कि चीन कृत्रिम बस्तियाँ बना रहा है, और वे ग्रे ज़ोन का निर्माण करने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि तिब्बत और चीन की जनसंख्या वास्तविक नियंत्रण रेखा के निकट नहीं है, और यह कृत्रिम आव्रजन का प्रयास कर रहे हैं।
विवादों का समाधान
इससे पहले, विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने 12 सितंबर को जिनेवा में कहा था कि चीन के साथ पूर्वी लद्दाख में जारी तनाव के संबंध में लगभग 75 प्रतिशत विवाद हल हो गए हैं। उन्होंने स्पष्ट कहा कि संबंध तब तक सामान्य नहीं हो सकते जब तक चीन अपने सैनिकों को वापस नहीं बुलाता।
कमांडर स्तर की वार्ता की उम्मीद
राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल और चीनी विदेश मंत्री वांग यी के बीच 12 सितंबर को हुई बातचीत के दौरान सीमा विवाद पर चर्चा की गई थी। यह स्पष्ट किया गया था कि दोनों पक्ष LAC पर शेष मुद्दों का ‘जल्द समाधान’ निकालने पर चर्चा कर रहे हैं। अंतिम disengagement सितंबर 2022 में हुई थी, जब दोनों पक्षों ने पूर्वी लद्दाख में गोगरा-हॉट स्प्रिंग्स के पैट्रोलिंग पॉइंट-15 से अपने सैनिकों को वापस बुलाया था।
भविष्य की चुनौतियाँ
जनरल द्विवेदी को भविष्य में कई चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा, जैसे कि वायुसेना की उन्नति और सामरिक शक्ति बनाए रखना। उन्हें यह सुनिश्चित करना होगा कि सेना केवल वर्तमान चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार हो, बल्कि भविष्य में आने वाली संभावित चुनौतियों के लिए भी सक्षम हो।