Delhi: दिल्ली की नई मुख्यमंत्री के नाम की घोषणा हो चुकी है, और आतिशी दिल्ली की मुख्यमंत्री बनने जा रही हैं। इस बीच, राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल लगातार आतिशी पर निशाना साध रही हैं। मंगलवार को उन्होंने सोशल मीडिया साइट एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा कि आज दिल्ली के लिए बहुत दुख का दिन है। भगवान दिल्ली की रक्षा करें।
स्वाति मालीवाल ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा, “आज दिल्ली के लिए बहुत दुख का दिन है। आज दिल्ली की मुख्यमंत्री एक ऐसी महिला को बनाया जा रहा है, जिसके परिवार ने आतंकवादी अफजल गुरु को फांसी से बचाने के लिए लंबी लड़ाई लड़ी। उनके माता-पिता ने आतंकी अफजल गुरु को बचाने के लिए माननीय राष्ट्रपति को दया याचिका भेजी थी।”
आतिशी पर फिर साधा निशाना
स्वाति मालीवाल ने एक बार फिर आतिशी पर निशाना साधते हुए एक्स पर पोस्ट किया, “आतिशी मार्लेना के माता-पिता के SAR गिलानी से गहरे संबंध थे। गिलानी पर संसद पर हमले में शामिल होने का आरोप था। 2016 में उसने दिल्ली प्रेस क्लब में अफजल गुरु की याद में एक कार्यक्रम आयोजित किया था। उस कार्यक्रम में आतिशी मार्लेना के माता-पिता गिलानी के साथ मंच पर थे। उस कार्यक्रम में नारे लगाए गए थे- ‘अगर एक अफजल मरेगा, तो लाखों पैदा होंगे’, ‘कश्मीर मांग रहा है आज़ादी’। आतिशी मार्लेना के माता-पिता ने ‘सैयद गिलानी की गिरफ्तारी और यातना’ शीर्षक से लेख भी लिखे हैं। भगवान दिल्ली की रक्षा करें।”
स्वाति मालीवाल की गंभीर टिप्पणी
स्वाति मालीवाल ने मंगलवार को भी आतिशी पर गंभीर आरोप लगाए और कहा, “उनके (आतिशी के माता-पिता के अनुसार) अफजल गुरु निर्दोष था और उसे राजनीतिक साजिश के तहत फंसाया गया था। हालांकि, आतिशी मार्लेना सिर्फ एक ‘डमी सीएम’ हैं, फिर भी यह मुद्दा देश की सुरक्षा से जुड़ा हुआ है। भगवान दिल्ली की रक्षा करें।”
मंगलवार को विधायक दल की बैठक के बाद, आतिशी का नाम मुख्यमंत्री पद के लिए अनुमोदित किया गया। इस संबंध में, आप नेता गोपाल राय ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया गया है कि आतिशी दिल्ली की नई मुख्यमंत्री बनेंगी।
आतिशी की आलोचना क्यों?
आतिशी पर निशाना साधने के पीछे स्वाति मालीवाल के आरोप और पुराने घटनाक्रमों का हवाला है। स्वाति मालीवाल का दावा है कि आतिशी के माता-पिता ने SAR गिलानी के साथ लंबे समय से संबंध बनाए रखे, जो संसद पर हमले के आरोपी थे। यह एक अत्यधिक संवेदनशील मुद्दा है क्योंकि SAR गिलानी पर संसद पर हमले का गंभीर आरोप था, और अफजल गुरु को इस घटना के मुख्य आरोपी के रूप में फांसी दी गई थी।
स्वाति मालीवाल का यह भी आरोप है कि आतिशी के माता-पिता ने अफजल गुरु की फांसी का विरोध करते हुए उसे निर्दोष बताया और उसके समर्थन में लेख लिखे। ऐसे में आतिशी का मुख्यमंत्री बनना स्वाति मालीवाल के अनुसार दिल्ली और देश की सुरक्षा के लिए खतरा हो सकता है।
स्वाति मालीवाल के आरोपों का राजनीतिक संदर्भ
स्वाति मालीवाल द्वारा आतिशी पर लगाए गए आरोपों को राजनीतिक दृष्टिकोण से भी देखा जा रहा है। दिल्ली की राजनीति में, आतिशी एक महत्वपूर्ण नेता हैं और मुख्यमंत्री बनने के लिए उनका नाम सामने आना एक बड़ा निर्णय है। ऐसे में स्वाति मालीवाल के आरोपों को लेकर भी राजनीतिक माहौल में हलचल मच गई है।
हालांकि, आतिशी की तरफ से इन आरोपों पर कोई सीधा जवाब नहीं आया है, लेकिन यह मुद्दा निश्चित रूप से दिल्ली की राजनीति में बड़ा विवाद खड़ा कर सकता है। स्वाति मालीवाल के द्वारा आतिशी के माता-पिता पर उठाए गए सवाल भी आतिशी के नेतृत्व को लेकर संदेह पैदा कर सकते हैं।
क्या है SAR गिलानी मामला?
SAR गिलानी का मामला काफी पुराना और विवादास्पद है। वह दिल्ली विश्वविद्यालय में अरबी के प्रोफेसर थे, और उन पर 2001 के संसद पर हमले में शामिल होने का आरोप था। हालांकि, उन्हें बाद में अदालत ने बरी कर दिया था, लेकिन उन पर लगा कलंक हमेशा के लिए उनके नाम से जुड़ा रहा। अफजल गुरु को संसद हमले का मुख्य दोषी ठहराते हुए 2013 में फांसी दी गई थी। इस मामले को लेकर देश में एक बड़े स्तर पर बहस और विरोध हुआ था।
स्वाति मालीवाल द्वारा आतिशी के माता-पिता पर SAR गिलानी और अफजल गुरु का समर्थन करने का आरोप लगाना उसी पुराने मामले को फिर से उजागर करता है, जिससे देश की सुरक्षा और राजनीति पर सवाल खड़े होते हैं।
आतिशी के नेतृत्व में दिल्ली का भविष्य
आतिशी का मुख्यमंत्री बनना दिल्ली की राजनीति में एक नई शुरुआत के रूप में देखा जा रहा है। शिक्षा के क्षेत्र में उनके काम को सराहा गया है और आम आदमी पार्टी के भीतर उनकी छवि एक सशक्त और निपुण नेता की है। हालांकि, स्वाति मालीवाल के आरोपों ने उनके नेतृत्व को लेकर विवाद को जन्म दिया है। अब यह देखना होगा कि आतिशी इन आरोपों का कैसे सामना करती हैं और किस तरह से अपने मुख्यमंत्री पद को सफलतापूर्वक निभाती हैं।
आतिशी के नेतृत्व में दिल्ली के भविष्य को लेकर जहां एक ओर उम्मीदें हैं, वहीं दूसरी ओर राजनीतिक विवादों ने उनके सफर को चुनौतीपूर्ण बना दिया है।