Smart Meter: बिहार के दरभंगा जिले के सिमरी पुलिस थाना क्षेत्र के अarai नाया टोला गांव में गुरुवार को स्मार्ट मीटर की स्थापना के खिलाफ ग्रामीणों ने विरोध प्रदर्शन किया। ग्रामीणों ने बिजली विभाग के JE प्रमोद सिंह के साथ जमकर हंगामा किया और स्मार्ट मीटर की स्थापना को लेकर कड़ा विरोध जताया। JE ने सरकार की निर्देशों का पालन करने की अपील की, लेकिन ग्रामीणों ने उनकी एक भी नहीं सुनी और उन्हें खाली हाथ लौटना पड़ा।
स्मार्ट मीटर की स्थापना का विरोध
गुरुवार दोपहर को स्मार्ट मीटर की स्थापना के लिए एक फ्रेंचाइज़ी कंपनी की टीम ने गांव में प्रवेश किया और छोटन हजाम के घर के पास काम शुरू किया। जैसे ही स्मार्ट मीटर की स्थापना का प्रयास शुरू हुआ, ग्रामीणों का जमावड़ा स्थल पर जमा हो गया और उन्होंने स्मार्ट मीटर की स्थापना को लेकर अपनी मांग पर अडिग रहते हुए विरोध किया। स्थानीय ग्रामीणों जैसे मोहम्मद एहसान, सुबोध साह, मोहम्मद सऊद, मोहम्मद सलू आदि ने कहा कि स्मार्ट मीटर की स्थापना से गरीब उपभोक्ताओं की समस्याएं बढ़ जाएंगी।
ग्रामीणों के मुद्दे और आपत्तियाँ
ग्रामीणों का कहना था कि पहले भी वे अपनी मेहनत की कमाई से बिजली का बिल ब्याज के साथ समय-समय पर जमा करते थे। अब अगर पैसे की कमी हो गई तो बिजली का कनेक्शन तुरंत काट दिया जाएगा। इससे पहले भी, वे जब भी पैसा नहीं होते थे, तब भी बिजली विभाग को बिल जमा करते थे। अब स्मार्ट मीटर लगने के बाद इस समस्या में और वृद्धि हो जाएगी।
कुछ ग्रामीणों ने यह भी आरोप लगाया कि स्मार्ट मीटर के रिचार्ज के बाद कई जगहों पर तकनीकी समस्याएं आती हैं और लाइनों को बहाल करने में कठिनाइयाँ होती हैं। इन समस्याओं के कारण लोग रातभर अंधेरे में रह जाते हैं। गांव वालों का कहना है कि तकनीशियन आएंगे और पैसा जमा करने के बाद ही लाइन को चालू करेंगे। इससे लोगों को बहुत परेशानी होती है और कई बार पूरी रात अंधेरे में ही बितानी पड़ती है।
JE की प्रतिक्रिया और विभाग की स्थिति
स्मार्ट मीटर के बारे में ग्रामीणों को समझाते हुए JE प्रमोद सिंह ने कहा कि स्मार्ट मीटर पहले के मीटर की तुलना में अधिक बिल नहीं देते हैं। यह सुरक्षित है और सरकार का नियम है कि इसे हर जगह स्थापित किया जाना चाहिए। उन्होंने यह भी बताया कि जो लोग स्मार्ट मीटर की स्थापना का विरोध करेंगे, उनके खिलाफ विभाग कार्रवाई करेगा।
इस दौरान, पूर्व मुखिया लतीफुर रहमान, अजय साहनी, आफताब हैदरी सहित कई ग्रामीणों ने विभागीय इंजीनियर और ठेकेदार से बात की और इस मुद्दे पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि उपभोक्ता की मांगों पर चर्चा होनी चाहिए और उन्हें समझने की कोशिश करनी चाहिए।
स्मार्ट मीटर की भूमिका और भविष्य
स्मार्ट मीटर की स्थापना को लेकर ग्रामीणों के इस विरोध ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि स्मार्ट मीटर के लाभ और समस्याओं पर विचार-विमर्श की आवश्यकता है। स्मार्ट मीटर का मुख्य उद्देश्य बिजली के उपयोग को ट्रैक करना और बिलिंग प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी बनाना है, लेकिन इसके साथ ही इसके संभावित समस्याओं को भी समझना और हल करना आवश्यक है।
बिजली विभाग को ग्रामीणों के साथ बैठकर इस मुद्दे पर चर्चा करनी चाहिए और उनकी समस्याओं को हल करने के लिए ठोस कदम उठाने चाहिए। अगर स्मार्ट मीटर की स्थापना से संबंधित तकनीकी समस्याओं को दूर नहीं किया जाता है, तो इसके खिलाफ ग्रामीणों का विरोध और भी तेज हो सकता है।
समाप्ति
दरभंगा के अarai नाया टोला गांव में स्मार्ट मीटर की स्थापना के खिलाफ ग्रामीणों का विरोध इस बात का संकेत है कि स्मार्ट मीटर के संबंध में लोगों की चिंताओं और समस्याओं को गंभीरता से लिया जाना चाहिए। ग्रामीणों के मुद्दों को समझना और उन्हें समाधान प्रदान करना बिजली विभाग और सरकार की जिम्मेदारी है। इसके साथ ही, यह सुनिश्चित करना भी महत्वपूर्ण है कि स्मार्ट मीटर की स्थापना से लोगों को अधिक समस्याओं का सामना न करना पड़े और यह उनके जीवन को बेहतर बनाने में सहायक साबित हो।