ISRO: ईओएस-08 का प्रक्षेपण शुक्रवार सुबह सतीश धवन स्पेस सेंटर, श्रीहरिकोटा से पृथ्वी अवलोकन के लिए किया जाएगा। ISRO ने स्मॉल सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल (SSLV) की तीसरी और अंतिम विकासात्मक उड़ान के माध्यम से पृथ्वी अवलोकन सैटेलाइट EOS-08 का प्रक्षेपण करने की पूरी तैयारी कर ली है। यह SSLV-D3 की तीसरी और अंतिम विकासात्मक उड़ान होगी।
वैज्ञानिकों ने तिरुपति बालाजी मंदिर में की पूजा
SSLV D3 के प्रक्षेपण से पहले, ISRO के वैज्ञानिकों ने गुरुवार को तिरुपति बालाजी मंदिर में पूजा की। SSLV रॉकेट की लंबाई 34 मीटर है। इसका उपयोग 500 किलोग्राम तक के सैटेलाइट्स (मिनी, माइक्रो या नैनो सैटेलाइट्स) को स्थापित करने के लिए किया जाता है।
EOS-08 में तीन पेलोड होंगे
SSLV-D3-EOS-08 मिशन में शामिल सैटेलाइट्स का कुल वजन 175.5 किलोग्राम है। EOS-08 मिशन के उद्देश्य में एक माइक्रोसैटेलाइट का डिज़ाइन और विकास शामिल है। EOS-08 में तीन पेलोड शामिल होंगे, जिनमें Electro Optical Infrared Payload (EOIR), Global Navigation Satellite System-Reflectometry Payload (GNSS-R) और CIC UV Dosimeter शामिल हैं।
यह सैटेलाइट करेगा आपदा निगरानी, पर्यावरण निगरानी
EOIR पेलोड को सैटेलाइट-आधारित निगरानी, आपदा निगरानी और पर्यावरण निगरानी के लिए चित्रण करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। GNSS-R समुद्री सतह पर हवा के विश्लेषण, मिट्टी की नमी का अनुमान और बाढ़ की पहचान के लिए रिमोट सेंसिंग क्षमता प्रदर्शित करेगा। SIC UV Dosimeter गगनयान मिशन में पराबैंगनी विकिरण की निगरानी करेगा।