Delhi’s air: 9 साल में दिसंबर में सबसे स्वच्छ हवा का रिकॉर्ड
Delhi’s air: दिल्ली, जो लंबे समय से प्रदूषण के कारण चर्चा में रहती है, इस दिसंबर एक असामान्य और राहत भरी खबर लेकर आई है। पिछले नौ वर्षों में पहली बार दिसंबर के पहले पंद्रह दिनों में दिल्ली की हवा इतनी स्वच्छ रही है। देश की राजधानी, जो अक्सर दुनिया के सबसे प्रदूषित शहरों की सूची में शीर्ष पर होती है, इस बार बेहतर वायु गुणवत्ता के लिए सुर्खियों में है।
9 वर्षों में पहली बार स्वच्छ हवा
2015 से वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) के आंकड़े संकलित किए जा रहे हैं। इस बार, दिसंबर के पहले पखवाड़े में दिल्ली का औसत AQI 238 रहा, जो अब तक का सबसे कम है। 1 दिसंबर से 15 दिसंबर के बीच, केवल एक दिन ‘बहुत खराब’ श्रेणी में दर्ज हुआ, जबकि 6 दिन ‘मध्यम’ श्रेणी में और 8 दिन ‘खराब’ श्रेणी में दर्ज किए गए। इससे पहले, 2022 में इसी अवधि में दिल्ली का औसत AQI 301 था।
पिछले वर्षों में यह आंकड़ा 300 से ऊपर ही रहा है। उदाहरण के लिए, 2021 में औसत AQI 322, 2020 में 335, 2019 में 321, 2018 में 330 और 2017 में 304 दर्ज किया गया था। यह साफ दिखाता है कि इस साल की हवा कितनी स्वच्छ रही है।
स्वच्छ हवा का श्रेय मौसम को
मौसम विशेषज्ञों का मानना है कि इस सुधार का मुख्य कारण दिल्ली में मौसम की स्थितियां हैं। पूरे दिसंबर में उत्तर-पश्चिम भारत में मजबूत और निरंतर हवाएं चलीं। इसके अलावा, इस बार नमी और कोहरे की कमी ने भी प्रदूषकों को फैलाने में मदद की।
स्काइमेट मेट्रोलॉजी के उपाध्यक्ष महेश पलावत ने कहा, “आमतौर पर दिसंबर में मध्यम से घना कोहरा देखने को मिलता है, जिससे प्रदूषकों का फैलाव मुश्किल हो जाता है। इसके अलावा, हवा की गति भी धीमी रहती है। इस साल, हवा की औसत गति 8-10 किमी प्रति घंटे रही, जबकि कई दिनों में यह 20 किमी प्रति घंटे तक पहुंच गई।”
उन्होंने यह भी कहा कि दिल्ली-एनसीआर में अधिकतर दिनों में आसमान साफ रहा और मैदानों में नमी भी कम रही। नमी की कमी के कारण कोहरा नहीं बन पाया और प्रदूषकों को फैलने का मौका मिला।
8 दिसंबर को सबसे प्रदूषित दिन
हालांकि दिसंबर की हवा साफ रही, लेकिन 8 दिसंबर को दिल्ली का AQI 302 रिकॉर्ड किया गया, जो ‘बहुत खराब’ श्रेणी में आता है। यह इस महीने का सबसे खराब दिन था। लेकिन इस दिन को छोड़कर, अन्य दिनों में हवा की गुणवत्ता अपेक्षाकृत बेहतर रही।
क्या है वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI)?
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के अनुसार, AQI को छह श्रेणियों में बांटा गया है:
- 0-50: अच्छा
- 51-100: संतोषजनक
- 101-200: मध्यम
- 201-300: खराब
- 301-400: बहुत खराब
- 400+: गंभीर
इस सूचकांक का उद्देश्य वायु गुणवत्ता को मापना और आम लोगों को यह समझने में मदद करना है कि हवा उनके स्वास्थ्य पर कैसा प्रभाव डाल सकती है।
प्रदूषण में कमी के अन्य कारण
दिल्ली की हवा में इस सुधार का श्रेय केवल मौसम को नहीं दिया जा सकता। सरकार और प्रशासन की तरफ से उठाए गए कुछ कदम भी इसकी वजह हो सकते हैं:
- वाहन प्रदूषण पर नियंत्रण: इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने और पुराने डीजल वाहनों को हटाने के लिए सख्त कदम उठाए गए हैं।
- निर्माण गतिविधियों पर प्रतिबंध: सर्दियों के दौरान निर्माण कार्यों पर लगाए गए प्रतिबंधों से धूल और प्रदूषण में कमी आई।
- कचरा जलाने पर रोक: कचरा जलाने पर सख्ती से रोक लगाने के लिए विशेष टीमों का गठन किया गया।
- ग्रीन ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (GRAP): इस योजना के तहत प्रदूषण बढ़ने पर तत्काल कदम उठाए गए, जैसे निर्माण गतिविधियों पर रोक, सड़कों पर पानी का छिड़काव, और औद्योगिक गतिविधियों पर निगरानी।
स्वच्छ हवा के फायदे
इस साल की स्वच्छ हवा ने दिल्लीवासियों को थोड़ी राहत दी है। यह न केवल स्वास्थ्य के लिए बेहतर है, बल्कि पर्यावरण के लिए भी एक सकारात्मक संकेत है। वायु प्रदूषण से जुड़े कई रोग, जैसे अस्थमा, ब्रोंकाइटिस, हृदय रोग, और फेफड़ों के कैंसर का खतरा भी कम हो सकता है।
स्वच्छ हवा का असर बच्चों, बुजुर्गों, और गर्भवती महिलाओं पर सबसे अधिक सकारात्मक होता है। इसके अलावा, पर्यावरण के अन्य पहलुओं, जैसे पेड़-पौधों की वृद्धि, पक्षियों और जानवरों के स्वास्थ्य पर भी इसका लाभकारी प्रभाव पड़ता है।
दिल्ली की जनता की भूमिका
दिल्ली की जनता ने भी प्रदूषण को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। जैसे:
- अधिक से अधिक सार्वजनिक परिवहन का उपयोग।
- गाड़ियों की शेयरिंग और कार-पूलिंग को अपनाना।
- पटाखों का कम उपयोग।
- कचरे को खुले में जलाने से बचना।
क्या यह सुधार स्थायी है?
हालांकि इस साल की हवा साफ रही है, लेकिन यह कहना जल्दबाजी होगी कि यह सुधार स्थायी है। दिल्ली को वायु प्रदूषण से स्थायी राहत पाने के लिए दीर्घकालिक योजनाओं और प्रयासों की आवश्यकता है।
विशेषज्ञों का कहना है कि दिल्ली की भौगोलिक स्थिति और बढ़ती जनसंख्या के कारण प्रदूषण को पूरी तरह खत्म करना मुश्किल है। लेकिन बेहतर नीतियां, सख्त नियम, और जागरूकता के माध्यम से इसे कम किया जा सकता है।
दिल्ली में इस साल दिसंबर की हवा ने राहत की सांस दी है। 9 साल में पहली बार ऐसा हुआ है कि दिसंबर के पहले पखवाड़े में AQI इतना कम रहा। हालांकि यह सुधार मौसम की अनुकूल स्थितियों के कारण हुआ है, लेकिन सरकार, प्रशासन, और जनता के प्रयासों को भी इसका श्रेय दिया जाना चाहिए।
आने वाले समय में, यदि हम सभी प्रदूषण को कम करने के लिए मिलकर काम करें और अपनी जिम्मेदारी निभाएं, तो शायद दिल्ली की हवा को स्थायी रूप से स्वच्छ बनाया जा सके। इस सुधार को एक प्रेरणा के रूप में लेना चाहिए और इसे और बेहतर बनाने की दिशा में प्रयास करना चाहिए।