World Youth Skills Day: न केवल भारत में बल्कि दुनिया के कई अन्य देशों में भी युवा बेरोजगारी की समस्या से जूझ रहे हैं। केवल शिक्षा को इसके लिए जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता है, बल्कि कौशल की कमी पर भी ध्यान देने की आवश्यकता है। हर साल 15 जुलाई को मनाए जाने वाले विश्व युवा कौशल दिवस का उद्देश्य युवाओं को कौशल विकास के प्रति जागरूक करना है।
विश्व युवा कौशल दिवस की शुरुआत
विश्व युवा कौशल दिवस की शुरुआत 2014 में संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा की गई थी। इसका उद्देश्य विश्वभर के युवाओं को रोजगार के लिए आवश्यक कौशल और तकनीकी शिक्षा के महत्व को समझाना था। इसके माध्यम से युवाओं को विभिन्न क्षेत्रों में कौशल विकास की ओर प्रेरित किया जाता है ताकि वे रोजगार प्राप्त कर सकें और अपने जीवन स्तर को सुधार सकें।
इस साल का थीम
इस साल का विश्व युवा कौशल दिवस “युवाओं के लिए कौशल विकास की संभावनाएं और चुनौतियाँ” थीम के साथ मनाया जा रहा है। इस थीम का मुख्य उद्देश्य युवाओं को उनकी कौशल क्षमता को पहचानने और उसे और बेहतर बनाने के लिए प्रोत्साहित करना है।
भारत में कौशल विकास की स्थिति
भारत में, कौशल विकास को बढ़ावा देने के लिए कई सरकारी और निजी संस्थाएं काम कर रही हैं। प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना (PMKVY) जैसी योजनाएं युवाओं को विभिन्न क्षेत्रों में प्रशिक्षण प्रदान कर रही हैं ताकि वे बेहतर रोजगार के अवसर प्राप्त कर सकें। इसके अलावा, देश में कई कौशल विकास केंद्र और प्रशिक्षण संस्थान भी खोले गए हैं जो युवाओं को उनकी रुचि और क्षमता के अनुसार प्रशिक्षण प्रदान करते हैं।
कौशल विकास का महत्व
कौशल विकास न केवल रोजगार के लिए बल्कि व्यक्तिगत विकास के लिए भी महत्वपूर्ण है। इससे व्यक्ति की आत्मनिर्भरता और आत्मविश्वास में वृद्धि होती है। इसके साथ ही, यह समाज और देश के आर्थिक विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
निष्कर्ष
विश्व युवा कौशल दिवस का महत्व केवल एक दिन तक सीमित नहीं है, बल्कि इसका उद्देश्य युवाओं को हर दिन कौशल विकास के महत्व को समझाना और इसके प्रति जागरूक करना है। युवाओं को चाहिए कि वे अपनी शिक्षा के साथ-साथ अपने कौशल को भी विकसित करें ताकि वे भविष्य में किसी भी चुनौती का सामना कर सकें और समाज में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकें।