World Pneumonia Day: प्रदूषित हवा से बढ़ सकता है न्यूमोनिया का खतरा, जानें बचाव के उपाय
World Pneumonia Day: आजकल दिल्ली-एनसीआर की हवा इतनी प्रदूषित हो गई है कि हर कोई इससे प्रभावित हो रहा है। इसका असर केवल असमर्थ लोगों पर नहीं बल्कि स्वस्थ लोगों पर भी पड़ रहा है। क्या आप जानते हैं कि प्रदूषित हवा से आपको निमोनिया जैसे गंभीर रोग का खतरा हो सकता है? यह हवा जो आप सांस में ले रहे हैं, आपके फेफड़ों में संक्रमण का कारण बन रही है। ऐसे में, हम आपको बताने जा रहे हैं कि प्रदूषण कैसे निमोनिया का कारण बनता है, किन लोगों को अधिक खतरा है और इससे बचने के उपाय क्या हैं।
कैसे प्रदूषण निमोनिया का कारण बनता है?
प्रदूषण का असर सांस से संबंधित बीमारियों पर सीधे पड़ता है, जिनमें निमोनिया भी शामिल है। निमोनिया फेफड़ों में संक्रमण के कारण होता है। डॉक्टर आकाश शाह, कंसल्टेंट पैथोलॉजिस्ट, न्यूबर्ग डायग्नोस्टिक्स के अनुसार, प्रदूषण में मौजूद तत्व जैसे पार्टिकुलेट मैटर (PM2.5 और PM10), नाइट्रोजन डाइऑक्साइड, सल्फर डाइऑक्साइड और ओजोन गैस फेफड़ों की सुरक्षा को कमजोर कर देते हैं, जिससे वे बैक्टीरिया और वायरस के संक्रमण के प्रति संवेदनशील हो जाते हैं। छोटे कण गहरे फेफड़ों में प्रवेश कर सकते हैं, जिससे सूजन होती है और शरीर की रोग प्रतिकारक क्षमता प्रभावित होती है, जिससे संक्रमण का खतरा बढ़ता है।
किन लोगों को है अधिक खतरा?
प्रदूषण के कारण निमोनिया का खतरा बच्चों और वृद्धों में अधिक होता है। छोटे बच्चे जिनका इम्यून सिस्टम कमजोर होता है, उन्हें इस बीमारी का ज्यादा शिकार बनने का खतरा है। वहीं वृद्ध लोग भी इस जोखिम का सामना करते हैं क्योंकि उम्र बढ़ने के साथ उनका इम्यून सिस्टम कमजोर पड़ने लगता है। इसके अलावा, ऐसे लोग जो अस्थमा, क्रोनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (COPD) या दिल की बीमारियों से ग्रसित हैं, उन्हें भी प्रदूषण के कारण निमोनिया का खतरा अधिक हो सकता है। इसके अलावा, प्रदूषित शहरी इलाकों में रहने वाले लोग और जिनका काम प्रदूषण से संबंधित होता है, उन्हें भी इस बीमारी का अधिक खतरा होता है।
निमोनिया से कैसे बचें?
प्रदूषण से उत्पन्न निमोनिया से बचने के लिए कुछ महत्वपूर्ण उपाय किए जा सकते हैं:
- बाहर जाने से बचें: प्रदूषण के उच्चतम स्तर के दौरान, विशेषकर सुबह और शाम के समय, बाहर जाने से बचें। इन समयों में प्रदूषण अधिक होता है और आपके फेफड़ों पर इसका अधिक दबाव पड़ता है।
- एयर प्यूरीफायर का उपयोग करें: घर के अंदर हवा को शुद्ध करने के लिए एयर प्यूरीफायर का इस्तेमाल करें, जो हवा में मौजूद हानिकारक कणों को फिल्टर कर सके।
- मास्क पहनें: प्रदूषण के उच्च स्तर पर बाहर जाने से पहले मास्क पहनें। यह आपको हवा में मौजूद हानिकारक प्रदूषकों से बचाने में मदद करेगा।
- स्वस्थ जीवनशैली अपनाएं: अपने इम्यून सिस्टम को मजबूत रखने के लिए संतुलित आहार, नियमित व्यायाम और पर्याप्त नींद लें। इससे शरीर की रोग प्रतिकारक क्षमता मजबूत रहेगी और प्रदूषण के असर से बचाव होगा।
- टीकाकरण: बच्चों और वृद्धों के लिए, जिनमें इम्यून सिस्टम कमजोर होता है, डॉक्टर से सलाह लेकर निमोनिया और फ्लू का टीकाकरण करवा सकते हैं। यह संक्रमण के जोखिम को कम कर सकता है।
- स्वच्छता बनाए रखें: वातावरण में फैले धूल और प्रदूषण से बचने के लिए अपने घरों और आसपास के वातावरण को स्वच्छ रखें। घर के अंदर सफाई का ध्यान रखें और गंदगी को हटाएं।
प्रदूषण के कारण निमोनिया जैसी गंभीर बीमारी का खतरा बढ़ सकता है, लेकिन सही कदम उठाकर इससे बचा जा सकता है। प्रदूषण से बचने के उपायों को अपनाकर और स्वस्थ जीवनशैली के जरिए इस बीमारी से बचाव संभव है। इस विश्व निमोनिया दिवस पर हमें प्रदूषण से होने वाली समस्याओं के बारे में जागरूक होना चाहिए और खुद को सुरक्षित रखने के उपायों पर ध्यान देना चाहिए।