WhatsApp: भारतीय मोबाइल कांग्रेस 2024 का आयोजन 15 अक्टूबर से 18 अक्टूबर तक प्रगति मैदान, नई दिल्ली में हो रहा है। इस सम्मेलन के दौरान, भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (TRAI) के अध्यक्ष अनिल कुमार लाहोटी ने व्हाट्सएप और टेलीग्राम जैसे प्लेटफार्मों को विनियमित करने की वकालत की। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि ये संचार के लिए उपयोग होने वाले प्लेटफार्म लोगों को लाभ पहुंचाते हैं, लेकिन कानून प्रवर्तन एजेंसियों की चिंताओं को भी समझना आवश्यक है।
TRAI के अध्यक्ष के बयान
अनिल कुमार लाहोटी ने इस कार्यक्रम के दौरान बताया कि ओवर द टॉप (OTT) सेवाएं प्रदान करने वाले प्लेटफार्मों ने न केवल लोगों को बल्कि व्यापार करने वाली कंपनियों को भी लाभान्वित किया है। उन्होंने यह भी कहा कि कानून प्रवर्तन निदेशालय द्वारा कई नियामक मुद्दे उठाए गए हैं, और यही कारण है कि इन प्लेटफार्मों को विनियमित करने की सिफारिश की जा रही है।
लाहोटी ने कहा, “यह बहुत महत्वपूर्ण है कि हम प्रतिस्पर्धात्मक बाजार के बीच संतुलन बनाने के लिए कदम उठाएं और वैश्विक स्तर पर नियमन और नवाचार को बढ़ावा दें।” उनके अनुसार, यह कदम ऑनलाइन धोखाधड़ी और स्पैम जैसे मामलों की जांच में मदद करेगा।
ऑनलाइन धोखाधड़ी और स्पैम की समस्या
मनी9 की एक रिपोर्ट के अनुसार, इस मामले में एक विशेषज्ञ ने बताया कि दूरसंचार विभाग और TRAI के पास ऑनलाइन धोखाधड़ी और स्पैम जैसी समस्याओं की जांच के लिए सीमित पहुंच है। टेलीफोन कंपनियों ने व्हाट्सएप और टेलीग्राम जैसे प्लेटफार्मों पर बढ़ती हुई स्पैम की शिकायतों को उजागर किया है।
सरकारी कार्रवाई की आवश्यकता
वर्तमान में, केवल इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय के पास I अधिनियम के तहत इन प्लेटफार्मों पर कार्रवाई करने का अधिकार है, क्योंकि इस समय दूरसंचार विभाग और TRAI इनका नियमन नहीं करते। इस स्थिति को देखते हुए, TRAI के अध्यक्ष का मानना है कि इन प्लेटफार्मों का विनियमन आवश्यक है ताकि स्पैम और धोखाधड़ी की घटनाओं को कम किया जा सके।
IMC 2024 की भूमिका
भारतीय मोबाइल कांग्रेस 2024, जिसमें 120 से अधिक देशों और 900 से अधिक स्टार्टअप कंपनियों ने भाग लिया है, तकनीकी नवाचार और विकास पर चर्चा करने का एक महत्वपूर्ण मंच है। इस सम्मेलन में विभिन्न मुद्दों पर विचार विमर्श किया जा रहा है, जिनमें संचार सुरक्षा और प्लेटफार्मों का विनियमन शामिल है।
इस समय, जब भारत में डिजिटल संचार का उपयोग तेजी से बढ़ रहा है, यह अत्यंत आवश्यक है कि प्लेटफार्मों का उचित विनियमन किया जाए। इससे न केवल उपभोक्ताओं के अधिकारों की रक्षा होगी, बल्कि यह कानून प्रवर्तन एजेंसियों को भी अपने काम में अधिक प्रभावी बनाने में मदद करेगा।
उपभोक्ताओं का अधिकार
विनियमन का उद्देश्य उपभोक्ताओं को सुरक्षित अनुभव प्रदान करना है। ऑनलाइन प्लेटफार्मों के माध्यम से संचार करते समय, उपयोगकर्ताओं को विभिन्न प्रकार की चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है, जैसे कि व्यक्तिगत डेटा की सुरक्षा, धोखाधड़ी और स्पैम। इसलिए, एक मजबूत नियामक ढांचा स्थापित करने की आवश्यकता है, जो उपभोक्ताओं के अधिकारों की रक्षा करे।