Bihar: उप-राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सराहना की, कहा- “नालंदा की चमक फिर से लौट आई है”
Bihar: गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय, मोतिहारी में आयोजित दूसरे दीक्षांत समारोह में उप-राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सराहना की और राज्य के विकास कार्यों को सराहा। उन्होंने मुख्यमंत्री के नेतृत्व को शानदार बताया और कहा कि बिहार ने उनके नेतृत्व में कई महत्वपूर्ण उपलब्धियाँ हासिल की हैं। हालांकि, उन्होंने इस टिप्पणी में किसी का नाम नहीं लिया, लेकिन यह स्पष्ट था कि वह नीतीश कुमार की ओर इशारा कर रहे थे।
धनखड़ ने 1990 में हुए ऐतिहासिक संकट का उल्लेख करते हुए कहा कि उन्होंने खुद उस समय संसद में सांसद के तौर पर कार्य किया जब देश की आर्थिक स्थिति काफी खराब थी और प्रधानमंत्री चंद्रशेखर के नेतृत्व में भारत को विदेशी बैंकों से ऋण प्राप्त करने के लिए कई टन सोने को गिरवी रखना पड़ा था। यह घटना भारतीय राजनीति में एक काले अध्याय के रूप में मानी जाती है, और उप-राष्ट्रपति ने इस संदर्भ में बिहार के मुख्यमंत्री की कार्यशैली की सराहना की।
बिहार में कानून-व्यवस्था की स्थिति में सुधार
उप-राष्ट्रपति धनखड़ ने बिहार की बेहतर होती कानून-व्यवस्था की भी सराहना की। उन्होंने कहा, “यह कोई छोटी उपलब्धि नहीं है। बिहार में कानून व्यवस्था में सुधार हुआ है, और यह राज्य अब तेज़ी से विकास की ओर बढ़ रहा है।” इसके साथ ही, उन्होंने यह भी कहा कि बिहार का ऐतिहासिक शिक्षा केंद्र नालंदा, जिसका वैश्विक महत्व था, अब फिर से अपनी पुरानी चमक प्राप्त कर रहा है। उनका यह बयान राज्य की सामाजिक और आर्थिक उन्नति को दर्शाता है।
2047 तक ‘विकसित भारत’ का सपना
धनखड़ ने अपने संबोधन में भारत के आगामी विकास के बारे में भी बात की। उन्होंने कहा कि भारत को 2047 तक एक विकसित राष्ट्र बनाना है और इसके लिए प्रति व्यक्ति आय में आठ गुना वृद्धि की आवश्यकता होगी। उप-राष्ट्रपति ने इस महत्वाकांक्षी लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए सभी को अपनी जिम्मेदारी निभाने का आह्वान किया। उन्होंने यह भी उम्मीद जताई कि भारत, जो वर्तमान में दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है, जल्द ही जर्मनी और जापान को पीछे छोड़ देगा और दुनिया की शीर्ष तीन अर्थव्यवस्थाओं में शामिल होगा।
केंद्र सरकार की सराहना
बिहार की राजनीति के अलावा, उप-राष्ट्रपति ने केंद्र सरकार की भी सराहना की, जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि पिछले दस वर्षों में भ्रष्टाचार की संस्कृति को समाप्त किया गया है और बिचौलियों को किनारे किया गया है। “आज पूरी दुनिया हमें देख रही है और हम गर्व से अपने स्थान की ओर बढ़ रहे हैं। हम अब पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था हैं, लेकिन जैसे-जैसे चीजें बेहतर हो रही हैं, हम जल्द ही जर्मनी और जापान को पीछे छोड़ देंगे,” उन्होंने कहा।
छात्रों से अपील: “अपने स्कूल को कुछ लौटाओ”
धनखड़ ने युवाओं से भी एक अहम संदेश दिया। उन्होंने विद्यार्थियों को “अलग तरीके से सोचने” की सलाह दी और शिक्षा संस्थानों से आग्रह किया कि वे ऐसे कार्यशालाओं का आयोजन करें, जहां छात्र अपनी क्षमता का सही उपयोग कर सकें। उन्होंने कहा कि आजकल सरकार की सकारात्मक नीतियों और पूंजी की आसानी से उपलब्धता के कारण असीमित अवसर मौजूद हैं। साथ ही, उप-राष्ट्रपति ने छात्रों से यह भी कहा कि जब वे अपने क्षेत्र में एक मुकाम हासिल कर लें, तो उन्हें अपने स्कूल को कुछ न कुछ लौटाना चाहिए।
उन्होंने कहा, “आपका योगदान चाहे छोटा हो, लेकिन वह शुरूआत है। जैसे-जैसे आपकी क्षमता बढ़ेगी, आपका योगदान भी बढ़ेगा। दुनिया के सभी प्रमुख शिक्षा संस्थान अपने पूर्व छात्रों के योगदान पर निर्भर रहते हैं, और यह योगदान महीना दर महीने या साल दर साल हो सकता है।”
उप-राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ का यह संबोधन बिहार और भारत के लिए प्रेरणादायक था। उन्होंने राज्य और केंद्र सरकार की उपलब्धियों की सराहना की और यह सुनिश्चित किया कि विकास की गति को और तेज किया जाए। बिहार की सुधारात्मक नीतियों को ध्यान में रखते हुए उन्होंने राज्य के समग्र विकास की दिशा को सराहा। इसके अलावा, उनके विद्यार्थियों और युवाओं के लिए दिए गए सुझाव भी महत्वपूर्ण थे, जिन्होंने शिक्षा और समाज में योगदान देने के महत्व को रेखांकित किया।
भारत के आगामी विकास की दिशा को लेकर उनके बयान ने यह साफ किया कि भारत जल्द ही एक उन्नत राष्ट्र बनने की राह पर है, और इसके लिए हर नागरिक का योगदान आवश्यक है।