Uttar Pradesh: उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद में एक अनोखा मामला सामने आया है, जहां शिक्षा विभाग के कर्मचारियों ने अपनी मांगों के लिए धरना दिया, तो जिला विद्यालय निरीक्षक (DIOS) ने भी उनके साथ धरने में बैठने का फैसला किया। यह घटना तब हुई जब DIOS अरुण कुमार दुबे ने अपने कार्यालय का निरीक्षण कराने के लिए कर्मचारियों को कार्यालय की सफेदी और सफाई करने के निर्देश दिए।
मामला क्या है?
मुरादाबाद के जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय में यह घटना घटी, जहां जिला अधिकारी द्वारा कार्यालय का निरीक्षण किया जाना था। DIOS ने सभी विभागीय कर्मचारियों को निर्देश दिया कि वे अपने-अपने कमरों की सफेदी जल्द से जल्द कराएं। लेकिन जब सफेदी का काम नहीं हुआ, तो DIOS ने कड़ी कार्रवाई की और पूरे स्टाफ ने धरना देने का निर्णय लिया।
सफेदी के पैसे की मांग
DIOS कार्यालय के कर्मचारी मोहनलाल का आरोप है कि जब डीआई ने कार्यालय के निरीक्षण के लिए सफेदी की बात की, तो उन्होंने किसी प्रकार की वित्तीय सहायता के बारे में नहीं बताया। कर्मचारियों ने जब सफेदी के लिए पैसे की मांग की, तो DIOS ने अपनी जेब से पैसे निकालकर उन पर फेंक दिए। यह घटना कर्मचारियों के लिए अपमानजनक साबित हुई, जिससे वे और भी नाराज हो गए।
कर्मचारियों का धरना
DIOS के आदेश से नाराज होकर सभी कर्मचारी बाहर मैदान में धरना देने लगे। उन्होंने इस दौरान नारेबाजी भी की। कर्मचारियों का आरोप था कि त्यौहार के कारण मजदूर भी उपलब्ध नहीं थे, और ऐसे में सफेदी का काम करना असंभव था।
अधिकारियों का समर्थन
जब कर्मचारियों ने धरना देना शुरू किया, तो DIOS अरुण दुबे खुद उनकी समस्याओं को सुनने के लिए आए। लेकिन जब उन्होंने देखा कि मामला गंभीर है और कर्मचारी नहीं मान रहे हैं, तो उन्होंने खुद भी धरने में बैठने का निर्णय लिया। उन्होंने कहा, “जब तक आप लोग नहीं उठेंगे, मैं भी यहीं बैठूंगा।”
परिवार का मामला
DIOS ने इस दौरान कहा कि यह एक ‘आंतरिक परिवार का मामला’ है, और उन्हें एक साथ बैठकर इसका समाधान करना चाहिए। उन्होंने कर्मचारियों से कहा कि यह मामला केवल कार्यालय का नहीं, बल्कि हमारे परिवार का है, इसलिए हमें इसे मिलकर सुलझाना होगा।
समाधान की कोशिश
कुछ समय बाद, DIOS ने सभी कर्मचारियों को अपने कमरे में बुलाया और उन्हें समझाने की कोशिश की। उन्होंने बताया कि इस मामले का समाधान मिलकर ही निकाला जा सकता है और कर्मचारियों को उनकी चिंताओं का समाधान करने का आश्वासन दिया।