Uttar Pradesh: शादी का कार्ड बना हिन्दू-मुस्लिम एकता का प्रतीक, मुस्लिम परिवार ने दी भाईचारे की मिसाल
Uttar Pradesh: इस समय सोशल मीडिया पर एक शादी का कार्ड वायरल हो रहा है, जिसने न केवल शादी की पारंपरिक परिपाटी को चुनौती दी है, बल्कि हिन्दू-मुस्लिम एकता का एक सुंदर संदेश भी दिया है। यह शादी का कार्ड एक मुस्लिम परिवार ने अपनी बेटी की शादी के लिए बनवाया है, लेकिन इस कार्ड में हिन्दू देवी-देवताओं की तस्वीरें और हिन्दू परंपराओं को फॉलो किया गया है, जो सभी के लिए हैरानी का कारण बना है।
इस कार्ड में भगवान गणेश और श्री कृष्ण की तस्वीरें हैं, जो आमतौर पर हिन्दू शादी के कार्डों में देखी जाती हैं। इस कार्ड पर दुल्हन और दूल्हे के नाम और उनके परिवार के सदस्य मुस्लिम हैं, लेकिन इसमें हिन्दू देवताओं की छवियां छपी हुई हैं, जो इसे एक बिल्कुल अलग और खास बना देती हैं।
शादी का कार्ड: हिन्दू भाईयों के लिए विशेष रूप से डिज़ाइन किया गया
यह अनूठा शादी का कार्ड शब्बीर उर्फ़ टाइगर ने अपनी बेटी सायमा की शादी के लिए बनवाया है। शब्बीर ने बताया कि उन्होंने यह कार्ड हिन्दू परंपरा के अनुसार बनवाया है ताकि वह अपने हिन्दू भाइयों को ठीक से शादी में निमंत्रित कर सकें। शब्बीर ने कहा, “हमारे गाँव राजा पुर और फत्तेपुर में कई हिन्दू भाई हैं, जिन्हें हमें शादी में बुलाना था। तो हमने सोचा क्यों न इस बार शादी का कार्ड हिन्दू परंपरा के अनुसार बनवाया जाए ताकि वे हमारी भावनाओं को ठीक से समझ सकें।”
उन्होंने यह भी बताया कि उन्होंने मुस्लिम रिश्तेदारों के लिए उर्दू में कार्ड बनवाए हैं, क्योंकि हिन्दू भाई उर्दू में लिखे कार्ड को नहीं समझ सकते थे। यह कदम समाज में एकता का प्रतीक बन रहा है, जहां दोनों समुदायों के बीच आपसी समझ और सम्मान बढ़ रहा है।
हिन्दू-मुस्लिम एकता का प्रतीक
यह अनूठा कदम अब केवल एक शादी का कार्ड नहीं बल्कि हिन्दू-मुस्लिम एकता का प्रतीक बन चुका है। इस कार्ड ने दोनों समुदायों के बीच भाईचारे को मजबूत किया है और यह सिद्ध कर दिया है कि धार्मिक और सांस्कृतिक विविधताएँ समाज की एकता को कमजोर नहीं करतीं, बल्कि इसे और मजबूत बनाती हैं। शब्बीर ने बताया कि उनके परिवार ने यह विशेष कार्ड इस उद्देश्य से तैयार किया ताकि हर कोई, चाहे वह हिन्दू हो या मुस्लिम, उनके बेटी की शादी की खुशी में सम्मिलित हो सके।
इस कार्ड ने भाईचारे का संदेश दिया
इस मुस्लिम परिवार के इस कदम को देखकर लोग कह रहे हैं कि यह एक आदर्श उदाहरण है कि धर्म अलग हो सकते हैं, लेकिन मानवता और भाईचारे का कोई धर्म नहीं होता। इस शादी के कार्ड ने समाज में एकता का मजबूत संदेश दिया है और यह सिद्ध कर दिया है कि कोई भी समाज एकता और सद्भावना से प्रगति कर सकता है।
इसके अलावा, शब्बीर ने यह भी बताया कि उन्होंने हिन्दू समुदाय के लिए एक दिन पहले ‘प्रीति भोज’ का आयोजन किया है, ताकि उनके हिन्दू भाई-बहन भी इसमें भाग ले सकें और शादी की खुशी में पूरी तरह से शामिल हो सकें।
समाज में एकता का अहम संदेश
यह शादी का कार्ड न केवल दो समुदायों के बीच भाईचारे को बढ़ावा दे रहा है, बल्कि यह इस बात का भी उदाहरण है कि समाज में विभिन्न धार्मिक परंपराओं का सम्मान करते हुए एक साथ रहना संभव है। इस शादी के कार्ड के माध्यम से शब्बीर ने यह सिद्ध कर दिया है कि अगर हम एक-दूसरे के धर्म, संस्कृति और परंपराओं का सम्मान करें, तो कोई भी बाधा हमारे रास्ते में नहीं आ सकती।
यह शादी का कार्ड केवल एक नवाचार नहीं है, बल्कि यह एक मजबूत संदेश भी देता है कि हमें अपनी विविधताओं को स्वीकार करना चाहिए और समाज में प्रेम और भाईचारे को बढ़ावा देना चाहिए। शब्बीर के इस कदम ने समाज में एक नई उम्मीद जगाई है और यह सिद्ध किया है कि मिलकर हम एक खुशहाल और समृद्ध समाज बना सकते हैं।