Uttar Pradesh: आतंकवादी हमले में अपने प्राणों की आहुति देने वाले लांस नायक विवेक देशवाल को उनके छोटे बच्चों ने भावभीनी विदाई दी। उनकी शहादत की गूंज पूरे देश में सुनाई दी है, और उनके अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए हजारों लोग उमड़ पड़े। विवेक देशवाल की शहादत ने न केवल उनके परिवार बल्कि पूरे देश को गहरे दुख में डाल दिया है।
शहीद का अंतिम संस्कार
लांस नायक विवेक देशवाल का पार्थिव शरीर शनिवार शाम को श्रीनगर में गश्त के दौरान आतंकवादी हमले में शहीद हुआ था। उनके पार्थिव शरीर को दिल्ली एयरपोर्ट पर लाया गया और फिर रविवार रात को शाहजुड्डी गांव लाया गया। अंतिम यात्रा में उनका स्वागत ढोल-नगाड़ों और फूलों की बारिश से किया गया। जब उनका शव गांव में पहुंचा तो सड़कों पर लोगों की भारी भीड़ जमा हो गई।
रविवार को जब विवेक का शव शाहजुड्डी गांव पहुंचा, तो हर तरफ “भारत माता की जय” और “जब तक सूरज चाँद रहेगा, विवेक तेरा नाम रहेगा” के नारे गूंजने लगे। उनके छोटे बेटे रुद्र ने जब अंतिम संस्कार की अग्नि को प्रज्वलित किया, तो हर किसी की आंखों में आंसू आ गए।
बच्चों का मासूमपन
जब विवेक के छोटे बच्चे, पांच वर्षीय रुद्र और तीन वर्षीय शानवी, अपने पिता की अंतिम झलक पाने के लिए परिवार के सदस्यों की गोद में थे, तब उन्होंने अपने पिता को सलाम किया। ये मासूम बच्चे यह नहीं समझ पा रहे थे कि वे अपने पिता को फिर कभी नहीं देख पाएंगे। इस दृश्य ने उपस्थित सभी लोगों को भावुक कर दिया।
नेताओं का शहीद को श्रद्धांजलि
शहीद विवेक के अंतिम संस्कार में कई प्रमुख राजनीतिक हस्तियों ने भाग लिया। पूर्व केंद्रीय राज्य मंत्री डॉ. संजीव बालियान, सांसद हरेंद्र मलिक, कैबिनेट मंत्री अनिल कुमार, विधायक राजपाल बालियान, और भारतीय किसान संघ के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने शहीद को श्रद्धांजलि अर्पित की। टिकैत ने कहा कि विवेक की शहादत पर हमें गर्व है और उनकी याद में एक कॉलेज और पुस्तकालय की स्थापना होनी चाहिए।
आतंकवाद पर विचार
महंत यशवीर महाराज ने इस मौके पर कहा कि विवेक देशवाल की शहादत इस बात का प्रमाण है कि आतंकवाद का खतरा कितना गंभीर है। उन्होंने कहा कि इस्लामी आतंकवाद केवल देश के लिए नहीं, बल्कि पूरी दुनिया के लिए एक बड़ा संकट है और इसे समाप्त करने की आवश्यकता है।
सरकार का आश्वासन
डॉ. संजीव बालियान ने शहीद के परिवार के प्रति सहानुभूति जताते हुए कहा कि विवेक की शहादत अत्यंत दुखद है, लेकिन देश के लिए उनकी बलिदान गर्व की बात है। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार शहीद के परिवार के साथ खड़ी है और जल्द ही उनके बलिदान का प्रतिशोध लेगी।
शहीद विवेक का जीवन
30 वर्षीय लांस नायक विवेक देशवाल का जन्म शाहजुड्डी गांव में हुआ था। उन्होंने भारतीय सेना में शामिल होकर देश की सेवा करने का निर्णय लिया। विवेक ने अपने जीवन में कई बार देश के लिए संघर्ष किया और अंत में अपने प्राणों की आहुति दी। उनकी वीरता और बलिदान ने न केवल उनके परिवार बल्कि पूरे देश को प्रेरित किया है।
समाज का समर्थन
शहीद विवेक के अंतिम संस्कार में शामिल हुए लोगों ने यह स्पष्ट कर दिया कि वे अपने सैनिकों का समर्थन करेंगे और उनके बलिदान को कभी नहीं भूलेंगे। गांव के लोगों ने भी यह निर्णय लिया है कि वे शहीद के परिवार की हर संभव मदद करेंगे।
लांस नायक विवेक देशवाल की शहादत ने एक बार फिर यह साबित किया है कि हमारे जवान देश के लिए कितने बलिदान करते हैं। उनकी अंतिम यात्रा में शामिल होकर लोगों ने न केवल उनके प्रति सम्मान प्रकट किया, बल्कि यह भी दर्शाया कि वे अपने देश के वीर जवानों के प्रति कितनी संवेदनशीलता रखते हैं। विवेक की शहादत हमारे लिए एक प्रेरणा है और हम सभी को उनकी याद में एकजुट रहना चाहिए।
इस प्रकार, शहीद विवेक देशवाल की कहानी न केवल उनके परिवार की कहानी है, बल्कि यह पूरे देश की एकता और साहस की कहानी है। उनके बलिदान को कभी नहीं भुलाया जाएगा, और उनकी याद में हम हमेशा गर्व महसूस करेंगे।