Uttar Pradesh: ब्रजराज महोत्सव का उद्घाटन, आशुतोष राणा बने ‘रावण’… ‘हमारे राम’ नाट्य प्रस्तुति ने सभी को भावुक किया
Uttar Pradesh के मथुरा स्थित कान्हा की नगरी में मंगलवार को ब्रजराज महोत्सव का भव्य आयोजन हुआ, जिसमें अभिनेता आशुतोष राणा की नाट्य प्रस्तुति ‘हमारे राम’ ने सभी को भावुक कर दिया। महोत्सव के पहले दिन की शुरुआत ‘हमारे राम’ से हुई, जो रामायण के प्रसिद्ध पात्रों और घटनाओं पर आधारित था। इस नाट्य प्रस्तुति ने दर्शकों को इतनी गहरी छाप छोड़ी कि वे लगभग तीन से साढ़े तीन घंटे तक उस नाट्य मंचन से जुड़कर भावनात्मक रूप से अभिभूत रहे।
इस 11 दिवसीय ब्रजराज महोत्सव का आयोजन उत्तर प्रदेश ब्रज तीर्थ विकास परिषद, पर्यटन विभाग और जिला प्रशासन द्वारा किया गया। महोत्सव का उद्घाटन प्रमुख कलाकार और मथुरा सांसद हेमा मालिनी और कैबिनेट मंत्री चौधरी लक्ष्मीनारायण द्वारा किया गया। इस मौके पर कई सम्मानित अतिथि भी उपस्थित थे, जिनमें जिलाधिकारी शैलेन्द्र कुमार सिंह, एसएसपी शैलेश कुमार पांडे और मथुरा-वृंदावन विकास प्राधिकरण के सचिव अरविंद कुमार द्विवेदी समेत कई अन्य लोग शामिल थे।
‘हमारे राम’ नाट्य प्रस्तुति ने दिल को छुआ
महोत्सव के पहले दिन ‘हमारे राम’ नाटक की प्रस्तुति ने दर्शकों के दिलों में गहरी छाप छोड़ी। इस नाटक की शुरुआत भगवान राम के जीवन के उन कठिन क्षणों से होती है, जब उनकी पत्नी सीता की पवित्रता को लेकर समाज ने सवाल उठाए थे। नाटक में लव और कुश भगवान राम से उनकी मां सीता के विषय में कई गंभीर सवाल पूछते हैं, जो दर्शकों के दिलों को झकझोर देते हैं।
नाटक में भगवान राम, सीता और उनके प्रेम के विभिन्न पहलुओं को दर्शाया गया है। नाटक में आशुतोष राणा ने रावण के रूप में शिव पूजन प्रस्तुत किया, जो दर्शकों को भक्ति की भावना से जोड़ने में सफल रहा। नाटक के दौरान लगातार तालियों की गड़गड़ाहट से सभागार गूंजता रहा।
नाटक में इन कलाकारों ने निभाए महत्वपूर्ण रोल
नाटक में प्रमुख भूमिका में राहुल आर. भुचर ने श्री राम, तरुण खन्ना ने शिव जी, हरलीन कौर ने जानकी जी, दानिश अख्तर ने हनुमान जी और संजय मखिया ने दशरथ व विभीषण के किरदार निभाए। इन कलाकारों ने अपने अभिनय से नाटक को जीवंत बना दिया। नाटक में भगवान राम के जीवन के विभिन्न मोड़ों, उनके संघर्षों और उनके परिवार के प्रति प्रेम को दर्शाया गया, जिससे दर्शकों को रामायण की गहरी समझ मिली।
ब्रजराज महोत्सव का उद्घाटन: एक सांस्कृतिक संगम
ब्रजराज महोत्सव का उद्घाटन करते हुए सांसद हेमा मालिनी ने इस महोत्सव को कला और संस्कृति का संगम बताया। उन्होंने कहा कि यह महोत्सव भगवान श्री कृष्ण की पवित्र भूमि पर आयोजित किया जा रहा है और यह हमारे पारंपरिक लोक संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। उन्होंने यह भी कहा कि इस महोत्सव के माध्यम से वे लोक कला और सांस्कृतिक परंपराओं को जीवित रखने की कोशिश कर रहे हैं, जो धीरे-धीरे लुप्त हो रही हैं।
कैबिनेट मंत्री चौधरी लक्ष्मीनारायण ने भी इस अवसर पर अपनी बात रखते हुए कहा कि ब्रजराज महोत्सव केवल ब्रज संस्कृति तक सीमित नहीं है, बल्कि इस महोत्सव में उत्तर प्रदेश से बाहर के कलाकार भी अपनी कला का प्रदर्शन कर रहे हैं। इससे उत्तर प्रदेश की सांस्कृतिक धरोहर को पूरे देश में पहचान मिल रही है।
महोत्सव के दौरान विभिन्न स्टॉल्स का भ्रमण
महोत्सव के दौरान मंत्रीगण और अन्य सम्मानित अतिथियों ने यहां पर विभिन्न विभागीय स्टॉल्स और कैम्प्स का भी दौरा किया। इन स्टॉल्स में विभिन्न सरकारी योजनाओं, उत्पादों और सांस्कृतिक गतिविधियों का प्रदर्शन किया गया था। मथुरा क्षेत्र के विकास और पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए इन स्टॉल्स पर जानकारी दी जा रही थी।
इसके साथ ही, महोत्सव स्थल पर एक इफेल टावर भी स्थापित किया गया था, जिसे लोग बड़े उत्साह से देख रहे थे। यह एक प्रमुख आकर्षण का केंद्र बना हुआ था। इस अवसर पर जिला प्रशासन ने विभिन्न गतिविधियों का आयोजन किया, जिसमें स्थानीय कलाओं, हस्तशिल्प और पारंपरिक वस्त्रों का प्रदर्शन किया गया।
ब्रजराज महोत्सव का महत्व: सांस्कृतिक संरक्षण और प्रचार
महोत्सव का मुख्य उद्देश्य ब्रज क्षेत्र की लोक कला और संस्कृति को संरक्षित करना और प्रचारित करना है। इस महोत्सव के माध्यम से न केवल ब्रज की संस्कृति का प्रचार-प्रसार हो रहा है, बल्कि उत्तर प्रदेश के अन्य हिस्सों से आए कलाकारों को भी एक मंच मिल रहा है। इस महोत्सव में विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम, नृत्य, संगीत, और नाट्य प्रस्तुतियाँ हो रही हैं, जो दर्शकों को लोक कला और संस्कृति से जुड़ने का अवसर प्रदान कर रही हैं।
उपसंहार में यह कहा जा सकता है कि ब्रजराज महोत्सव न केवल मथुरा और ब्रज क्षेत्र की सांस्कृतिक धरोहर को जीवित रखने का एक महत्वपूर्ण प्रयास है, बल्कि यह पूरे उत्तर प्रदेश की कला और संस्कृति को प्रदर्शित करने का एक अद्वितीय मंच भी है। ‘हमारे राम’ जैसे नाट्य प्रस्तुतियों से यह महोत्सव दर्शकों के दिलों को छूने में सफल हो रहा है, और यह आयोजन निश्चित रूप से आने वाले वर्षों में भी लोगों के बीच अपनी छाप छोड़ता रहेगा।