Uttar Pradesh: ट्रेन का इंतजार कर रहे युवक को हुआ दिल का दौरा, जीआरपी कर्मियों ने ऐसे बचाई जान, देखें वीडियो
Uttar Pradesh: उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद रेलवे स्टेशन पर देखने को मिला, जब जीआरपी कर्मियों ने एक व्यक्ति को मौत के मुंह से बाहर निकाल लिया। यह दिल दहला देने वाली घटना सोमवार सुबह प्लेटफार्म नंबर 1 पर हुई, जब 32 वर्षीय अमित पांडे, जो देहरादून जाने के लिए ट्रेन का इंतजार कर रहे थे, अचानक दिल का दौरा पड़ने से बेहोश होकर जमीन पर गिर पड़े।
घटना का विवरण
अमित पांडे, जो उत्तर प्रदेश के सुलतानपुर के रहने वाले थे, प्लेटफार्म पर एक बेंच पर बैठे हुए थे, तभी अचानक उन्हें दिल का दौरा पड़ा और वह गिर पड़े। यह घटना ठीक उस समय हुई जब जीआरपी पुलिस स्टेशन के कर्मी पास में ही मौजूद थे। जैसे ही जीआरपी के कर्मियों ने यह देखा, वे तुरंत दौड़े और बिना किसी देरी के अमित को उठाकर बेंच पर लेटाया। इस दौरान, जीआरपी इंस्पेक्टर परवेज खान ने तुरन्त अमित के मुंह में दवा डाली और सीपीआर (कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन) प्रक्रिया शुरू की। उनके साथ अन्य पुलिसकर्मी भी मदद के लिए तुरंत जुट गए।
कुछ ही समय में अमित का शरीर हलचल करने लगा और इस दौरान एंबुलेंस भी मौके पर पहुंच गई। इसके बाद अमित को मुरादाबाद के जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। डॉक्टरों ने बताया कि अगर समय पर दवा और प्राथमिक उपचार नहीं किया जाता, तो स्थिति काफी गंभीर हो सकती थी। डॉक्टरों ने यह भी बताया कि जीआरपी कर्मियों के प्रयासों के कारण ही अमित की जान बच सकी।
इंस्पेक्टर परवेज खान भी हैं दिल के मरीज
इस घटना में एक और दिलचस्प पहलू सामने आया। जीआरपी इंस्पेक्टर परवेज खान खुद भी दिल के मरीज हैं, और उन्होंने अमित के इलाज में तुरंत कदम उठाए। परवेज खान ने बताया कि उन्होंने पहले संदेह किया कि यह दिल का दौरा हो सकता है, क्योंकि अमित का दिल धीमे-धीमे धड़क रहा था और वह ठीक से सांस नहीं ले पा रहे थे। बिना देर किए, इंस्पेक्टर ने अमित के मुंह में दवा डाली और सीपीआर प्रक्रिया शुरू की, जिससे उनकी हालत में सुधार हुआ।
अमित पांडे ने जीआरपी कर्मियों को धन्यवाद कहा
अमित पांडे ने बताया कि उन्होंने खुद को पूरी तरह से असहाय महसूस किया, लेकिन जीआरपी के कर्मियों की मदद से वह बच गए। अमित ने कहा, “अगर जीआरपी कर्मी समय पर नहीं पहुंचते, तो मुझे नहीं पता कि क्या होता। मैं आभारी हूं कि उन्होंने मुझे समय पर प्राथमिक उपचार दिया और मेरी जान बचाई।” अमित की पत्नी ने भी जीआरपी कर्मियों का आभार व्यक्त किया और कहा कि उन्होंने मेरे पति की जान बचाई।
डॉक्टरों ने किया इलाज और स्थिति का दिया ब्योरा
मुरादाबाद जिला अस्पताल के डॉक्टरों ने कहा कि अमित की हालत गंभीर थी, लेकिन जीआरपी कर्मियों द्वारा समय पर किया गया इलाज और दवा ने उनकी स्थिति को स्थिर कर दिया। डॉक्टरों ने कहा कि अगर दवा समय पर नहीं दी जाती, तो अमित का इलाज बहुत जटिल हो सकता था। डॉक्टरों ने अमित को 5 घंटे तक निगरानी में रखा और फिर उन्हें लखनऊ पीजीआई भेजने के लिए एक विशेष ट्रेन का इंतजाम किया।
समाज और आम जनता की प्रतिक्रिया
रेलवे प्लेटफार्म पर मौजूद लोगों ने जीआरपी कर्मियों और इंस्पेक्टर परवेज खान की सराहना की। लोगों ने कहा कि यह घटना न केवल पुलिस के प्रति विश्वास को बढ़ाती है, बल्कि यह भी दिखाती है कि जब कोई संकट सामने आता है, तो पुलिस और सुरक्षा कर्मी कितनी तत्परता से काम करते हैं। सोशल मीडिया पर भी इस घटना का वीडियो वायरल हो गया, जिसमें जीआरपी कर्मियों के प्रयासों की तारीफ हो रही है।
वीडियो का वायरल होना
इस पूरे घटनाक्रम का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है, जिसमें जीआरपी कर्मियों की तत्परता और इंस्पेक्टर परवेज खान की पेशेवर कार्यशैली को देखा जा सकता है। वीडियो में साफ नजर आता है कि किस तरह से जीआरपी कर्मियों ने बिना किसी समय की बर्बादी के, उस व्यक्ति की जान बचाई। इस वीडियो को देखने के बाद लोगों ने जीआरपी के कार्य की सराहना की और कहा कि यह एक जीवित उदाहरण है कि किस तरह से पुलिस अपनी शपथ को साकार करती है।
यह घटना केवल एक दिल का दौरा पड़ने की घटना नहीं थी, बल्कि यह पुलिस कर्मियों के कर्तव्यनिष्ठा और तत्परता का जीवंत उदाहरण भी है। जीआरपी कर्मियों की मदद से अमित पांडे की जान बची और उनकी जान बचाने के इस प्रयास को हर किसी ने सराहा। इस घटना ने यह भी साबित किया कि यदि लोग अपनी जिम्मेदारियों को पूरी ईमानदारी से निभाते हैं, तो समाज में विश्वास और सुरक्षा का माहौल बनता है।
अमित पांडे की जान बचाने के इस प्रयास ने यह सिद्ध कर दिया कि हर समय, हर जगह पुलिस अपने कर्तव्यों का पालन करती है और समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारी को निभाती है।