UPPCL: उत्तर प्रदेश पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड (UPPCL) ने प्रदेश में बिजली चोरी को रोकने और बिजली के उपभोग को कम करने के लिए व्यापक योजनाएं तैयार की हैं। इसके तहत स्मार्ट मीटरों की स्थापना की जाएगी, जो न केवल बिजली चोरी का पता लगाएंगे बल्कि उपभोक्ताओं को बिजली के बिलों की समस्या से भी राहत देंगे। इस लेख में, हम इस योजना के विभिन्न पहलुओं, उसके लाभ और इसके कार्यान्वयन की समयसीमा पर चर्चा करेंगे।
स्मार्ट मीटरों की स्थापना की प्रक्रिया
UPPCL की योजना के अनुसार, पहले चरण में स्मार्ट मीटर पावर सबस्टेशनों के फीडरों पर लगाए जाएंगे। इसके बाद, ट्रांसफार्मरों पर स्मार्ट मीटर स्थापित किए जाएंगे। अंततः, सरकार के कार्यालयों और आवासों के बाद उपभोक्ताओं के घरों में स्मार्ट मीटर लगाने की योजना है। गाज़ियाबाद जिले में लगभग चार लाख 25 हजार उपभोक्ताओं के लिए 41 पावर सबस्टेशनों का संचालन किया जा रहा है। इन सबस्टेशनों में 231 फीडर शामिल हैं, जिन पर स्मार्ट मीटरों की स्थापना का कार्य शुरू किया जा चुका है।
उपभोक्ताओं की संख्या और कनेक्शन
गाज़ियाबाद ज़ोन 1 में दो लाख से अधिक घरेलू उपभोक्ता हैं, जिनमें से 8500 से अधिक प्रीपेड उपभोक्ता हैं। ज़ोन 1 में 30,000 से अधिक वाणिज्यिक बिजली कनेक्शन हैं, जिनमें 1200 से अधिक प्रीपेड उपभोक्ता शामिल हैं। इसके अलावा, छोटे और सूक्ष्म उद्योगों के 2500 से अधिक कनेक्शन और बड़े उद्योगों के 439 कनेक्शन हैं।
स्मार्ट मीटरों की स्थापना को तेज करने के निर्देश
पावर सबस्टेशनों की संख्या 40 है। बिजली चोरी को रोकने के लिए, UPPCL ने प्रारंभ में सबस्टेशनों के फीडरों पर स्मार्ट मीटर स्थापित करने का कार्य शुरू किया है। इस संबंध में, प्रमुख अभियंता गाज़ियाबाद ज़ोन, अशोक सुंदरम ने संबंधित कंपनी अधिकारियों के साथ बैठक की और स्मार्ट मीटरों की स्थापना को तेज करने के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।
उपभोक्ताओं तक संदेश पहुँचाने की योजना
स्मार्ट मीटरों की स्थापना के पहले चरण में, पहले फीडरों पर मीटर लगाए जाएंगे। इसके बाद, ट्रांसफार्मरों और सरकारी कार्यालयों तथा आवासों पर स्मार्ट मीटर स्थापित किए जाएंगे ताकि उपभोक्ताओं को इसकी जानकारी हो सके। इसके बाद, उपभोक्ताओं के घरों में स्मार्ट मीटर लगाने की तैयारी की जाएगी।
ज़ोन के अनुसार गाज़ियाबाद में बिजली उपभोक्ता
गाज़ियाबाद में विभिन्न ज़ोन के अनुसार बिजली उपभोक्ताओं की संख्या इस प्रकार है:
- ज़ोन 1 (गाज़ियाबाद शहर): लगभग 2.35 लाख उपभोक्ता
- ज़ोन 2 (लोनी, मोदीनगर): लगभग 4.15 लाख उपभोक्ता
- ज़ोन 3 (ट्रांस हिंदन): लगभग 4.15 लाख उपभोक्ता
मीटर रीडरों का काम समाप्त होगा
स्मार्ट मीटरों की स्थापना के तीन चरण पूरे होने के बाद, बिजली बिलों के लिए दरवाजे-दरवाजे जाकर मीटर रीडरों का काम समाप्त हो जाएगा। गलत बिलिंग की समस्या भी खत्म हो जाएगी। अगर मीटर को बायपास किया गया तो बिजली काट दी जाएगी। इसके अलावा, मीटर में लगे चिप के ब्लॉक होने की संभावना भी रहेगी। इस प्रकार, बिजली चोरी रोकी जाएगी और गलत बिलिंग एवं धोखाधड़ी का डर भी समाप्त हो जाएगा।
2026 तक पूरी होगी कार्यवाही
UPPCL ने स्मार्ट मीटरों की स्थापना के कार्य को तीन क्षेत्रों में बांटा है। सभी तीन क्षेत्रों में लगभग 10.65 लाख बिजली उपभोक्ता हैं। अधिकारियों का दावा है कि स्मार्ट मीटरों की स्थापना का कार्य तेजी से किया जाएगा, जो 2026 तक पूरा किया जाएगा और सभी घरों में स्मार्ट मीटर लगाए जाएंगे।
बिजली चोरी रोकने के लिए स्मार्ट मीटरों के लाभ
स्मार्ट मीटरों के कई लाभ हैं:
- बिजली चोरी की रोकथाम: स्मार्ट मीटरों में बिजली की वास्तविक खपत का सटीक मापन होता है, जिससे बिजली चोरी में कमी आएगी।
- स्वचालित रीडिंग: मीटर की रीडिंग स्वचालित रूप से होगी, जिससे मीटर रीडरों की आवश्यकता नहीं पड़ेगी।
- सही बिलिंग: उपभोक्ताओं को सही मात्रा में बिजली का बिल मिलेगा, जिससे गलत बिलिंग की समस्या समाप्त होगी।
- रेगुलेटेड उपभोग: उपभोक्ता अपनी बिजली की खपत पर नज़र रख सकेंगे, जिससे वे अपने उपयोग को नियंत्रित कर सकेंगे।
उपभोक्ताओं की प्रतिक्रिया
स्मार्ट मीटरों की स्थापना को लेकर उपभोक्ताओं की प्रतिक्रिया मिश्रित है। कुछ उपभोक्ता इसे सकारात्मक कदम मानते हैं, जो बिजली चोरी को रोकने में मदद करेगा, जबकि कुछ को इसके कार्यान्वयन के दौरान तकनीकी समस्याओं का डर है। हालांकि, UPPCL के अधिकारियों का मानना है कि इस योजना के सफल कार्यान्वयन से उपभोक्ताओं को राहत मिलेगी।