UP Lok Sabha Election: उत्तर प्रदेश में नामांकन वापस लेने की समस्या, उत्तर प्रदेश में नामांकन वापस लेने की घटना उत्तर प्रदेश के लोगों के लिए एक चिंता का विषय बन गई है। इसी कारण इस संख्या में सालों के साल कमी आती रही है।
संख्याएं: 2009 से 2019
- 2009 में: 130 उम्मीदवारों ने अपनी नामांकन वापस ली।
- 2014 में: यह संख्या 122 हुई।
- 2019 में: यह संख्या केवल 35 रही।
- वर्तमान लोकसभा चुनाव में: अब तक लगभग 20 उम्मीदवारों ने अपने नाम वापस ले लिए हैं।
अन्य राज्यों से आगे: अधूरी नामांकन पत्र भरने में
- पिछले चुनाव में: 766 उम्मीदवारों के नामांकन पत्रों को इस कारण से अस्वीकार किया गया था।
- 2014 में: यह संख्या 466 थी।
- 2009 में: यह संख्या 401 थी।
- वर्तमान लोकसभा चुनाव में: अब तक 537 नामांकन पत्रों को इस कारण से अस्वीकार किया गया है।
नामांकन की घटना में कारण
- नामांकन राशि: नामांकन राशि का अब 25 हजार रुपये हो गया है जो जब्त होती है।
- डमी उम्मीदवारों का प्रभाव: डमी उम्मीदवारों का प्रभाव मतदान में बहुत कम दिखाई देता है।
- स्वतंत्र उम्मीदवारों के प्रति जनस्तर: स्वतंत्र उम्मीदवारों के प्रति जनस्तर में काफी कमी आई है।
- अधूरे नामांकन पत्र: नामांकन पत्र भरने में अधूरापन ने बढ़ावा दिया है।
इन कारणों से हो रही है नामांकन पत्र वापस लेने की संख्या में गिरावट।