UP By Election 2024: उत्तर प्रदेश में नौ विधानसभा सीटों के लिए उपचुनावों की तारीखों में बदलाव किया गया है। चुनाव आयोग ने पहले इन सीटों पर 13 नवंबर को मतदान की घोषणा की थी, लेकिन राजनीतिक दलों की मांग पर अब नई तारीख 20 नवंबर तय की गई है। यह जानकारी चुनाव आयोग ने शुक्रवार को दी।
उपचुनाव की सीटें
उपचुनाव में जिन सीटों पर मतदान होना है, उनमें निम्नलिखित शामिल हैं:
- करहल (2022 में विजेता: अखिलेश यादव, समाजवादी पार्टी)
- खैर (2022 में विजेता: अनूप वाल्मीकि, भाजपा)
- मीराबापुर (2022 में विजेता: चंदन चौहान, आरएलडी)
- मंझवा (2022 में विजेता: डॉ. विनोद कुमार सिंह, भाजपा)
- गाजियाबाद (2022 में विजेता: अतुल गर्ग, भाजपा)
- कटहरी (2022 में विजेता: लालजी वर्मा, समाजवादी पार्टी)
- कुंडर्की (2022 में विजेता: जियाउर रहमान, समाजवादी पार्टी)
- मिल्कीपुर (2022 में विजेता: अवधेश प्रसाद, समाजवादी पार्टी)
- फूलपुर (2022 में विजेता: प्रवीण पटेल, भाजपा)
- सीसामऊ (2022 में विजेता: इरफान सोलंकी, समाजवादी पार्टी)
चुनाव आयोग का निर्णय
चुनाव आयोग ने इस बदलाव के पीछे का कारण बताते हुए कहा कि कई राजनीतिक दलों ने आयोग को पत्र लिखकर 13 नवंबर की तारीख में बदलाव की मांग की थी। भाजपा के पत्र में बताया गया कि “कार्तिक पूर्णिमा स्नान पर्व और पूजा उत्तर प्रदेश में धार्मिक महत्व रखती है। कार्तिक पूर्णिमा का स्नान पर्व 15 नवंबर 2024 को है और इस दौरान बड़ी संख्या में लोग स्नान और पूजा करने के लिए जाते हैं। इसके अलावा, लोग 3-4 दिन पहले से ही कुंडर्की, मीराबापुर, गाजियाबाद और प्रयागराज जैसे स्थानों पर मेला देखने और पूजा करने के लिए पहुंचते हैं।”
इस पत्र में आगे कहा गया, “कार्तिक पूर्णिमा के कारण बड़ी संख्या में मतदाता मतदान से वंचित रह जाएंगे। आयोग का मानना है कि हर मतदाता का 100% मतदान होना चाहिए, ऐसे में 13 नवंबर को मतदान कराना सही नहीं होगा। इसलिए, उपचुनाव की तारीख 20 नवंबर निर्धारित करना उचित रहेगा।”
प्रमुख राजनीतिक दलों की स्थिति
कई राजनीतिक दलों, जैसे बसपा, भाजपा, कांग्रेस, और आरएलडी ने भी इस विषय पर चुनाव आयोग को पत्र लिखकर मतदान की तारीख में बदलाव की मांग की थी। इस बदलाव से चुनावों में भाग लेने वाले मतदाताओं की संख्या में वृद्धि की उम्मीद है।
समाजवादी पार्टी ने उम्मीदवारों की घोषणा की
समाजवादी पार्टी ने उपचुनावों के लिए अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है। अखिलेश यादव ने फूलपुर विधानसभा सीट से मुस्तफा सिद्दीकी, कटहरी विधानसभा सीट से शोभावती वर्मा, और मंझवा सीट से डॉ. ज्योति बिंद को मैदान में उतारा है। इसके साथ ही, मिल्कीपुर विधानसभा सीट के लिए अवधेश प्रसाद के बेटे अजीत प्रसाद पर भरोसा जताया गया है। यह टिकट मिलने की चर्चा काफी समय से चल रही थी।
उपचुनावों का महत्व
ये उपचुनाव उत्तर प्रदेश की राजनीतिक स्थिति के लिए महत्वपूर्ण हैं। पिछले कुछ वर्षों में, उत्तर प्रदेश ने कई राजनीतिक बदलाव देखे हैं, और इन उपचुनावों का परिणाम अगले विधानसभा चुनावों में राजनीतिक समीकरण को प्रभावित कर सकता है। यह देखना दिलचस्प होगा कि मतदाता किस पार्टी को अपना समर्थन देते हैं और इस बार के चुनाव में किन मुद्दों को प्राथमिकता दी जाती है।
उत्तर प्रदेश में होने वाले उपचुनावों की तारीख में बदलाव ने राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी है। राजनीतिक दलों के बीच बढ़ती प्रतिस्पर्धा और मतदाता भागीदारी को बढ़ाने की दिशा में यह कदम महत्वपूर्ण है। 20 नवंबर को होने वाले मतदान में सभी दल अपनी पूरी ताकत झोंकने की कोशिश करेंगे, जिससे यह चुनाव और भी रोमांचक हो जाएगा।
इस उपचुनाव का परिणाम न केवल क्षेत्र की राजनीति को प्रभावित करेगा, बल्कि यह आगामी लोकसभा चुनावों की दिशा को भी निर्धारित कर सकता है। सभी की नजरें अब 20 नवंबर की ओर हैं, जब उत्तर प्रदेश के मतदाता अपने पसंदीदा उम्मीदवार का चुनाव करेंगे।