UP: लोकसभा चुनावों का असर लगभग ढाई महीने से राज्य में चल रहा था, लेकिन बाजार पर इसका कोई खास असर नहीं दिखा। सोने-चांदी और वस्त्र बाजारों में ग्राहकों की संख्या में कमी आई, फिर भी अन्य बाजारों ने इस कमी को पूरा किया। नतीजतन, राज्य जीएसटी को इस साल अप्रैल में पिछले साल अप्रैल के मुकाबले करीब 800 करोड़ रुपये ज्यादा राजस्व मिला। खास बात यह है कि पिछले साल से 20 प्रतिशत ज्यादा लक्ष्य रखने के बावजूद विभाग ने यह सफलता हासिल की। इसका एक कारण डेटा विश्लेषण, तकनीकी उपकरणों का अधिक उपयोग और SIB और मोबाइल टीमों की सक्रियता है।
चुनाव आचार संहिता मार्च के तीसरे सप्ताह से लागू हुई। इसके साथ ही 50 हजार रुपये की नकद सीमा समेत सभी नियम लागू हो गए। विभिन्न स्थानों पर जांच के लिए टीमें तैनात की गईं। इन प्रतिबंधों के कारण माना जा रहा था कि व्यापार की गति धीमी हो जाएगी। शादियों की कमी ने भी इस अंतर को पूरा कर दिया। विशेष रूप से बड़े शहरों के थोक बाजारों में, छोटे जिलों से आने वाले व्यापारियों की संख्या कम हो गई। सबसे ज्यादा असर सोने-चांदी और वस्त्र बाजार पर देखा गया।
मई में राज्य कर विभाग द्वारा जारी अप्रैल के राजस्व ने इस मिथक को तोड़ दिया। सोने-चांदी और वस्त्र बाजारों में ग्राहकों की संख्या कम होने के बावजूद, अप्रैल में लगभग 9,281 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ। इसमें से GST का योगदान 8,310 करोड़ रुपये और वैट का योगदान 951 करोड़ रुपये रहा। पिछले साल अप्रैल में 8,491 करोड़ रुपये प्राप्त हुए थे। यानी इस अप्रैल में विभाग को चुनावों के बावजूद 800 करोड़ रुपये ज्यादा मिले। दरअसल, ऑटो सेक्टर ने सोने-चांदी और वस्त्र बाजारों में ग्राहकों की कमी को पूरा किया। किराना दुकानें ज्यादा समय तक खाली नहीं रह सकतीं। ऐसे में छोटे जिलों के व्यापारियों ने डिजिटल भुगतान के जरिए अधिक माल मंगाया। इससे किराना व्यापार भी काफी हद तक ठीक हो गया।
इसके अलावा, कर चोरी को रोकने के लिए विभाग द्वारा अपनाई गई तकनीक भी प्रभावी साबित हो रही है। डेटा विश्लेषण विंग के साथ एसआईबी और मोबाइल टीमों की निगरानी ने भी राजस्व बढ़ाने में योगदान दिया। आगरा, मथुरा, कानपुर, लखनऊ, गाजियाबाद और नोएडा जैसे महत्वपूर्ण जिलों में रेलवे से लेकर हाइवे तक SIB और मोबाइल टीमों की गहन जांच का असर भी राजस्व के रूप में देखा गया।
अप्रैल 2023 | अप्रैल 2024 |
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लक्ष्य 11,706 करोड़ | 13,912 करोड़ |
जीएसटी प्राप्त 7,468 करोड़ | 8,310 करोड़ |
वैट प्राप्त 1,023 करोड़ | 951 करोड़ |
कुल 8,491 करोड़ | 9,261 करोड़ |