Traffic challan in Delhi: पड़ोसी राज्यों से धुएं के कारण दिल्ली में प्रदूषण की समस्या बढ़ रही है। ऐसे में अगर दिल्ली में मौजूद वाहन भी बेधड़क धुआं छोड़ने लगे, तो प्रदूषण की स्थिति और भी खराब हो जाएगी। इस संदर्भ में, दिल्ली सरकार ने पिछले सप्ताह से प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों के खिलाफ अभियान शुरू किया है। परिवहन विभाग ने अपनी प्रवर्तन टीम को मजबूत करने के लिए इनोवा कारों और मोटरसाइकिलों को शामिल किया है। विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि बाइक पेट्रोलिंग टीमें पेट्रोल पंपों पर वाहनों के PUC प्रमाण पत्र की अचानक जांच कर चालान जारी करेंगी।
CCTV कैमरों से चालान जारी करने की व्यवस्था
इसके अलावा, पांच पेट्रोल पंपों पर CCTV कैमरों के माध्यम से चालान जारी करने की व्यवस्था भी शुरू की गई है। 95 अन्य पेट्रोल पंपों पर इस प्रणाली को लागू करने की तैयारी चल रही है। हाल ही में पीएमओ में हुई बैठक में दिल्ली में प्रदूषण की समस्या पर चर्चा भी की गई थी। बैठक में दिल्ली सरकार के अधिकारियों ने प्रदूषण रोकने के लिए सभी कार्यों की जानकारी दी।
पेट्रोल पंपों पर 10,000 रुपये का जुर्माना
दिल्ली सरकार ने 100 पेट्रोल पंपों पर PUCC (Pollution Under Control Certificate) परीक्षण के लिए कैमरे और सॉफ्टवेयर स्थापित करने के लिए एक निजी कंपनी को टेंडर आवंटित किया है। कंपनी को पांच साल का अनुबंध दिया गया है। हाल ही में, परिवहन विभाग ने कंपनी से कहा है कि वह 15 दिनों के भीतर कम से कम 25 पेट्रोल पंपों पर PUCC परीक्षण के लिए प्रणाली तैयार करे।
इसके बाद, कुछ ही दिनों में 100 पेट्रोल पंपों पर PUC परीक्षण प्रणाली स्थापित की जाएगी। योजना के तहत, अगर पेट्रोल पंपों पर आने वाले वाहनों के पास वैध PUC नहीं है, तो उन्हें प्रदूषण परीक्षण के लिए कुछ घंटे दिए जाएंगे। अगर इस अवधि में PUC नहीं बनवाया गया, तो 10,000 रुपये का ई-चालान स्वतः कट जाएगा और इसकी जानकारी वाहन मालिक को मोबाइल पर भेज दी जाएगी।
डिजिटल स्कैनिंग का प्रक्रिया
यह प्रणाली पेट्रोल पंप पर पहुंचते ही वाहनों की नंबर प्लेट को स्कैन करेगी। कंपनी इस डिजिटल समाधान को echallan.parivahan.gov.in पोर्टल के साथ एकीकृत करेगी। यदि किसी वाहन का प्रदूषण नियंत्रण प्रमाण पत्र (PUCC) समाप्त हो चुका है, तो पेट्रोल पंप का परिचालक मालिक को इसे नवीनीकरण करने के लिए सूचित करेगा। इसके अलावा, वाहन मालिक को पेट्रोल पंप पर स्थापित स्क्रीन के माध्यम से नवीनीकरण की अनुस्मारक जानकारी भी मिलेगी।
तीन घंटे बाद, प्रणाली PUCC की स्थिति की फिर से जांच करेगी और यदि यह समाप्त हो चुका है, तो echallan.parivahan.gov.in पर चालान उत्पन्न किया जाएगा।
प्रदूषण की बढ़ती समस्या
दिल्ली में प्रदूषण की समस्या केवल PUC प्रमाण पत्र के बिना वाहनों तक सीमित नहीं है। यह समस्या पिछले कुछ वर्षों से बढ़ती जा रही है। खासकर, पराली जलाने, निर्माण कार्यों से उत्पन्न धूल और डीजल-पेट्रोल वाहनों के बढ़ते उपयोग के कारण प्रदूषण के स्तर में लगातार वृद्धि हो रही है। इसके चलते न केवल हवा की गुणवत्ता प्रभावित हो रही है, बल्कि यह स्वास्थ्य पर भी बुरा असर डाल रही है।
लोगों की स्वास्थ्य पर पड़ता प्रभाव
दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण से लोगों को सांस लेने में कठिनाई हो रही है। आंखों में जलन और गले में खराश की समस्याएं आम हो गई हैं। सरकार को प्रदूषण की स्थिति को नियंत्रित करने के लिए ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है। दिल्ली के नागरिकों की स्वास्थ्य सुरक्षा के लिए सरकार को प्रतिबद्धता दिखानी होगी।
दिल्ली सरकार की योजनाएं और कार्रवाइयां
दिल्ली सरकार ने प्रदूषण के खिलाफ कई योजनाएं बनाई हैं, लेकिन इन्हें सफलतापूर्वक लागू करना सबसे बड़ी चुनौती है। सरकार को सभी संबंधित विभागों को एकजुट करना होगा ताकि प्रदूषण की समस्या का स्थायी समाधान खोजा जा सके। इसके लिए, पीयूसी जैसे महत्वपूर्ण पहलुओं को ध्यान में रखना आवश्यक है।
दिल्ली में PUC के बिना वाहनों के खिलाफ यह अभियान न केवल प्रदूषण को नियंत्रित करने में सहायक होगा, बल्कि यह नागरिकों के स्वास्थ्य की सुरक्षा के लिए भी महत्वपूर्ण है। अगर सरकार सही दिशा में कदम उठाती है, तो दिल्ली में प्रदूषण के स्तर को कम किया जा सकता है। अब यह देखना होगा कि दिल्ली सरकार इस अभियान को कितनी गंभीरता से लेती है और क्या यह प्रदूषण की समस्या को नियंत्रित करने में सफल हो पाएगी।
दिल्ली के नागरिकों की सुरक्षा और स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए, सरकार को इस दिशा में ठोस प्रयास करने होंगे ताकि सभी नागरिक एक स्वच्छ और स्वस्थ वातावरण में रह सकें।