Smuggling of Meat: नोएडा में प्रतिबंधित मांस की तस्करी और भंडारण का एक बड़ा मामला सामने आया है। पुलिस ने 4 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य का बीफ जब्त कर उसे नष्ट कर दिया है। बीफ की पुष्टि होने के बाद पुलिस ने 5 लोगों को गिरफ्तार किया है। यह मामला एक विस्तृत जांच का हिस्सा है, जिसमें कई लोगों की गिरफ्तारी और अवैध तस्करी के नेटवर्क का खुलासा हुआ है।
घटना का विवरण
यह मामला 9 नवंबर को सामने आया, जब कुछ लोगों ने दादरी कोतवाली क्षेत्र के लुहारली टोल पर पश्चिम बंगाल से आ रहे एक ट्रक को रोका। यह संदेह था कि ट्रक में प्रतिबंधित मांस मौजूद है। पुलिस ने ट्रक को रुकवाया और उसमें रखे मांस का सैंपल जांच के लिए भेजा। जांच में मांस के बीफ होने की पुष्टि के बाद पुलिस ने कार्रवाई शुरू की।
गिरफ्तार किए गए आरोपी
पुलिस ने तस्करी और भंडारण के आरोप में पांच लोगों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार किए गए आरोपियों में पुरन जोशी, खुर्शीदुन नबी, अक्षय सक्सेना, शिव शंकर और सचिन शामिल हैं। ये लोग कोल्ड स्टोरेज के मालिक, निदेशक, मैनेजर और ट्रक ड्राइवर थे। पुलिस ने बताया कि इन सभी आरोपियों पर प्रतिबंधित मांस की तस्करी और भंडारण का मामला दर्ज किया गया है।
ट्रक से 32 टन बीफ की बरामदगी
शिव शंकर और सचिन ने पश्चिम बंगाल से 32 टन मांस एक ट्रक में भरकर नोएडा भेजा था। पुलिस ने सूचना मिलने के बाद ट्रक में रखे मांस का सैंपल लिया और उसे मथुरा स्थित लैब में जांच के लिए भेजा। जांच रिपोर्ट में मांस के बीफ होने की पुष्टि हुई। इसके बाद पुलिस ने दादरी के SPJ कोल्ड स्टोरेज पर छापा मारा और वहां से 153 टन प्रतिबंधित मांस बरामद किया।
कोल्ड स्टोरेज से बरामद मांस
कोल्ड स्टोरेज के चैंबर नंबर-5 से पैकिंग में रखा हुआ मांस बरामद किया गया, जबकि ट्रक में पहले से 32 टन मांस था। पुलिस ने दोनों जगह से कुल 185 टन मांस बरामद किया। यह मांस बीफ था, जिसकी अनुमानित कीमत लगभग 4 करोड़ रुपये है।
जब्त मांस का नष्ट करना
पुलिस ने जब्त किए गए मांस को मौके पर ही नष्ट कर दिया। यह कार्रवाई मांस की अवैध तस्करी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का हिस्सा थी। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि मांस को नष्ट करने की प्रक्रिया पूरी तरह से स्वास्थ्य और सुरक्षा मानकों के तहत की गई थी।
मामले की गहन जांच जारी
मामले की गंभीरता को देखते हुए प्रशासन ने सभी आवश्यक कानूनी कार्रवाई तेज कर दी है। पुलिस आरोपियों से पूछताछ कर रही है और यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि यह मांस किसे और कहां सप्लाई किया जा रहा था। इसके अलावा, यह भी पता किया जा रहा है कि क्या इस तरह की तस्करी का कोई और बड़ा नेटवर्क जुड़ा हुआ है।
प्रतिबंधित मांस की तस्करी पर कड़ा प्रहार
इस मामले ने एक बार फिर से उत्तर प्रदेश में प्रतिबंधित मांस की तस्करी और भंडारण के मुद्दे को प्रमुखता से उठाया है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि इस तरह के तस्करी के मामलों पर अब सख्त कार्रवाई की जाएगी और इस पर नियंत्रण पाने के लिए और कड़े कदम उठाए जाएंगे।
प्रशासन की भूमिका और कार्रवाई
नोएडा पुलिस ने इस मामले में त्वरित कार्रवाई की और आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने बताया कि उनके पास पहले से इस तस्करी के नेटवर्क के बारे में सूचना थी और उसी के आधार पर छापेमारी की गई। पुलिस के मुताबिक, इस तरह के अपराधों को रोकने के लिए वे निरंतर निगरानी रखेंगे और कड़ी कार्रवाई करेंगे।
नागरिकों से अपील
नोएडा पुलिस ने नागरिकों से अपील की है कि वे किसी भी अवैध गतिविधि की जानकारी देने में सहयोग करें। पुलिस का कहना है कि इस प्रकार के मामलों में जनता की मदद से अपराधियों तक पहुंचने में आसानी होती है। उन्होंने यह भी कहा कि वे अवैध तस्करी और मांस के व्यापार से संबंधित किसी भी सूचना को गंभीरता से लेंगे और त्वरित कार्रवाई करेंगे।
नोएडा में बीफ की तस्करी और भंडारण का मामला पुलिस और प्रशासन के लिए एक चेतावनी है कि इस प्रकार के अपराधों पर अंकुश लगाने के लिए और कड़ी कार्रवाई की आवश्यकता है। यह मामला यह भी दर्शाता है कि तस्करी और अवैध व्यापार के खिलाफ पुलिस की मुहिम अब और तेज हो गई है। अब देखना यह है कि पुलिस आगे किस तरह से इस नेटवर्क का पर्दाफाश करती है और और क्या कार्रवाई की जाती है।
इस घटना ने यह भी साबित कर दिया कि प्रशासन अवैध मांस के व्यापार को लेकर गंभीर है और इस पर पूरी तरह से नियंत्रण पाने के लिए वे सभी जरूरी कदम उठा रहे हैं।