Sharda Sinha death: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दी श्रद्धांजलि, कहा- संगीत जगत के लिए अपूरणीय क्षति
Sharda Sinha death: लोक गायिका शारदा सिन्हा का निधन संगीत प्रेमियों के लिए एक गहरी शोक की लहर लेकर आया है। पद्म भूषण सम्मान से नवाजी गई शारदा सिन्हा, जो अपनी आवाज़ से लाखों दिलों में राज करती थीं, अब हमारे बीच नहीं रही हैं। उनके निधन पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शोक व्यक्त किया है। मुख्यमंत्री ने इसे संगीत जगत के लिए “एक अपूरणीय क्षति” बताया और दिवंगत गायिका को श्रद्धांजलि अर्पित की।
सीएम योगी ने किया शारदा सिन्हा को याद, कहा- लोक संस्कृति को मिली पहचान
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर शारदा सिन्हा के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए लिखा, “प्रसिद्ध लोक गायिका, पद्म भूषण डॉ. शारदा सिन्हा जी का निधन अत्यंत दुःखद है और सम्पूर्ण संगीत जगत के लिए यह एक अपूरणीय क्षति है। उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि!” मुख्यमंत्री ने उनके संगीत के योगदान को याद करते हुए यह भी कहा कि उनके जाने से भारतीय संगीत और संस्कृति को बड़ा नुकसान हुआ है।
शारदा सिन्हा का योगदान भारतीय लोक संगीत को न केवल उत्तर भारत में, बल्कि पूरे देश में नई पहचान दिलाने का था। उन्होंने मैथिली, भोजपुरी और अन्य लोक भाषाओं के गीतों को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर पहचान दिलाई। उनके गीतों ने न केवल लोक परंपराओं को संजीवनी दी, बल्कि इन्हें एक नया आयाम भी दिया।
लोक संगीत को नया जीवन देने वाली शारदा सिन्हा
लोक गायिका शारदा सिन्हा का संगीत, उनकी गहरी और मर्मस्पर्शी आवाज़ के साथ, भारत के विभिन्न समुदायों के जीवन में घुलमिल गया था। उनके गीत छठ पूजा, विवाह और अन्य पारंपरिक उत्सवों में अनिवार्य रूप से सुनाई देते थे। उनका योगदान भारतीय लोक संगीत को पुनर्जीवित करने में अहम था, खासकर जब पॉप और फिल्मी संगीत का दबदबा बढ़ता जा रहा था।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शारदा सिन्हा के योगदान को विशेष रूप से महत्वपूर्ण बताया और कहा कि उन्होंने लोक भाषाओं को भारतीय संगीत और संस्कृति में एक गौरवपूर्ण स्थान दिलवाया। उनकी आवाज़ ने जनमानस को जोड़ने का कार्य किया और भारतीय संस्कृति की गहराई को प्रस्तुत किया।
शारदा सिन्हा की गायकी में समाहित थी भारतीय लोक संस्कृतियों की आत्मा
शारदा सिन्हा की आवाज़ में एक विशेष प्रकार की मिठास और अपनापन था, जो हर किसी के दिल को छू जाता था। उनकी गायकी ने उन परंपराओं को जीवित रखा, जो अब धीरे-धीरे भूलने के कगार पर थीं। उनके द्वारा गाए गए गीतों ने भारत के ग्रामीण क्षेत्रों में, खासकर उत्तर भारत में, लोक संगीत को एक नई दिशा दी। शारदा जी के गीतों ने भारतीय समाज के विभिन्न पहलुओं को छुआ और उन्हें एक आवाज़ प्रदान की।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपनी श्रद्धांजलि संदेश में भगवान श्रीराम से प्रार्थना की कि वे शारदा सिन्हा की आत्मा को शांति दें और उनके परिवार व प्रशंसकों को इस कठिन समय में सहनशीलता प्रदान करें। इस संदेश में केवल शारदा जी के परिवार के लिए ही सांत्वना का भाव नहीं था, बल्कि यह संदेश भारतीय संगीत प्रेमियों के लिए भी था, जो उनकी गायकी के एक युग के समाप्त होने को महसूस कर रहे हैं।
शारदा सिन्हा का संगीत जीवन की अनमोल धरोहर
शारदा सिन्हा का संगीत सिर्फ शुद्ध और सरल नहीं था, बल्कि उसमें भारतीय लोक संस्कृति की गहरी छाप भी थी। उनके गीतों ने शादी-ब्याह, त्योहारों, और पारंपरिक आयोजनों में चार चांद लगा दिए। उनके गीतों के माध्यम से भारत के लोक संगीत को एक ऊंचाई पर पहुंचाया गया, जहां से उसकी गूंज हर कोने में सुनाई दी। उन्होंने भारतीय लोक संगीत को एक नया दृष्टिकोण दिया और उसे दुनिया भर में मान्यता दिलाई।
उनकी गायकी का प्रभाव न केवल आम लोगों पर था, बल्कि कलाकारों और संगीतकारों पर भी था। उन्होंने एक ऐसे दौर में लोक संगीत को पुनर्जीवित किया, जब फिल्मी संगीत का दबदबा था। शारदा सिन्हा के गीतों में एक विशेष प्रकार की आत्मीयता और भावनाओं की गहराई थी, जो आम लोगों के दिलों में बस गई थी।
भारतीय लोक संगीत में शारदा सिन्हा की अमिट धरोहर
शारदा सिन्हा के निधन के बाद अब भारतीय लोक संगीत की जो रिक्तता पैदा हुई है, उसे भर पाना मुश्किल होगा। उनकी गायकी में जो सहजता, प्रेम और भारतीय संस्कृति के प्रति समर्पण था, वह दुर्लभ था। उनके गीतों में भारतीय समाज की विविधताओं और परंपराओं की छांव मिलती थी। उनका योगदान न केवल संगीत प्रेमियों के लिए, बल्कि हर भारतीय के लिए अमूल्य रहेगा।
शारदा सिन्हा का निधन भारतीय लोक संगीत के लिए एक महान क्षति है, जिसे कभी भी भुलाया नहीं जा सकता। उनकी आवाज़ में जो मिठास और भारतीय लोक संस्कृति के प्रति जो गहराई थी, वह हमेशा याद रखी जाएगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा दी गई श्रद्धांजलि इस महान गायिका के प्रति सम्मान और उनकी उपलब्धियों को मना करती है। शारदा सिन्हा का योगदान भारतीय संगीत को समृद्ध बनाने के लिए हमेशा याद रखा जाएगा और उनके गीतों के माध्यम से उनकी धरोहर जीवित रहेगी।