भारत की शास्त्रीय संगीत दुनिया के एक महान नाम, सरोद उस्ताद Aashish Khan का निधन हो गया। वह 84 वर्ष के थे और अमेरिका के लॉस एंजेलिस में 14 नवंबर 2024 को उनका निधन हुआ। Aashish Khan भारतीय शास्त्रीय संगीत के महान कलाकार थे, जिन्होंने विश्व स्तर पर भारतीय संगीत की पहचान बनाई। उनके योगदान को हमेशा याद किया जाएगा, खासकर उनके द्वारा शास्त्रीय संगीत को वैश्विक मंच पर प्रस्तुत करने के लिए।
अंतरराष्ट्रीय संगीतज्ञों के साथ काम किया
Aashish Khan ने अपनी संगीत यात्रा में कई अंतरराष्ट्रीय संगीतज्ञों के साथ काम किया, जिनमें जॉर्ज हैरिसन, एरिक क्लैप्टन और रिंगो स्टार जैसे नाम शामिल हैं। उन्होंने भारतीय शास्त्रीय संगीत को पश्चिमी देशों में फैलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनकी रचनाएँ भारतीय संगीत के लिए एक नई दिशा निर्धारित करने वाली थीं।
परिवार में संगीत की विरासत
Aashish Khan का जन्म 1939 में एक संगीत परिवार में हुआ था। उनके दादा उस्ताद अलाउद्दीन खान और उनके पिता उस्ताद अली अकबर खान भी महान सरोद वादक थे। उनके परिवार का संगीत के प्रति योगदान अविस्मरणीय है। Aashish Khan ने बचपन में ही शास्त्रीय संगीत की शिक्षा प्राप्त की और इस पर पारंगत हो गए।
ग्राम्मी पुरस्कार के लिए नामांकित
Aashish Khan ने संगीत की दुनिया में कई महत्वपूर्ण मुकाम हासिल किए। 2006 में, उन्हें उनके एल्बम ‘गोल्डन स्ट्रिंग्स ऑफ द सरोद’ के लिए ‘बेस्ट ट्रेडिशनल वर्ल्ड म्यूजिक एल्बम’ श्रेणी में ग्राम्मी पुरस्कार के लिए नामांकित किया गया था। यह सम्मान उनके संगीत के प्रति समर्पण और उनकी कला की विश्वभर में प्रशंसा का प्रतीक था।
संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार
Aashish Khan को 2004 में संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। यह सम्मान उनके भारतीय शास्त्रीय संगीत के क्षेत्र में दिए गए योगदान को मान्यता देने के रूप में था। उन्होंने अपनी कला को न केवल भारत में बल्कि विदेशों में भी फैलाने का कार्य किया।
विदेशों में छात्रों को दी शिक्षा
Aashish Khan का उद्देश्य भारतीय शास्त्रीय संगीत को पूरी दुनिया में फैलाना था। इसके लिए उन्होंने अमेरिका और कनाडा के कई विश्वविद्यालयों में छात्रों को सरोद वादन की शिक्षा दी। उनका मानना था कि संगीत के माध्यम से भारत की सांस्कृतिक धरोहर को दुनियाभर में फैलाना चाहिए।
फिल्मों में योगदान
Aashish Khan की रचनाएँ फिल्मों में भी सुनाई दीं। उनकी संगीतबद्ध धुनें फिल्मों में शामिल की गईं, जैसे कि ‘गांधी’ और ‘ए पैसिज टू इंडिया’ जैसी प्रसिद्ध फिल्मों में। इसके अलावा, उन्होंने उस्ताद जाकिर हुसैन के साथ ‘शांति’ नामक एक इंडो-जैज बैंड की स्थापना की, जो भारतीय और पश्चिमी संगीत का मिश्रण था।
Aashish Khan का योगदान हमेशा याद रहेगा
Aashish Khan का संगीत और कला आजीवन हमारे दिलों में जीवित रहेगा। उनकी रचनाएँ, उनके संगीत के प्रति समर्पण और उनकी शिक्षाएँ आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा स्रोत बनेंगी। भारतीय शास्त्रीय संगीत को वैश्विक मंच पर प्रस्तुत करने में उनकी भूमिका को कभी नहीं भुलाया जा सकेगा। उनके परिवार और प्रशंसकों के लिए यह एक अपूरणीय क्षति है। Aashish Khan का संगीत हमेशा हमें प्रेरित करता रहेगा।
Aashish Khan का निधन भारतीय शास्त्रीय संगीत और संगीत जगत के लिए एक बड़ी क्षति है। उनका योगदान न केवल भारतीय संगीत की धारा को प्रगति के मार्ग पर ले गया, बल्कि उन्होंने भारतीय संगीत को विश्व मंच पर एक पहचान दिलाई। उनका संगीत, उनकी शिक्षा और उनके योगदान को हमेशा याद रखा जाएगा।