PM E-Drive: इलेक्ट्रिक दोपहिया खरीदारों को पहले वर्ष में मिलेगा ₹10,000 तक का सब्सिडी
PM E-Drive: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए एक नई योजना की घोषणा की है, जिसे PM ई-ड्राइव नाम दिया गया है। इस योजना के तहत, इलेक्ट्रिक दोपहिया और ई-रिक्शा खरीदने वाले ग्राहकों को सब्सिडी प्रदान की जाएगी, जिससे उनकी वित्तीय स्थिति पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा और पर्यावरण के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया जाएगा। इस लेख में हम विस्तार से जानेंगे कि इस योजना के तहत क्या लाभ मिलेंगे, किस प्रकार की सब्सिडी मिलेगी, और इसे लागू करने की प्रक्रिया क्या होगी।
प्रधानमंत्री ई-ड्राइव योजना की प्रमुख बातें
इलेक्ट्रिक दोपहिया के लिए सब्सिडी
प्रधानमंत्री ई-ड्राइव योजना के तहत, इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों पर पहले वर्ष में अधिकतम ₹10,000 की सब्सिडी दी जाएगी। केंद्रीय भारी उद्योग मंत्री एचडी कुमारस्वामी ने इस बात की पुष्टि की है कि इस योजना के अंतर्गत, बैटरी पावर के आधार पर प्रति किलोवॉट-घंटा ₹5,000 की सब्सिडी दी जाएगी। पहले वर्ष में कुल सब्सिडी ₹10,000 से अधिक नहीं होगी। दूसरी वर्ष में यह सब्सिडी आधी कर दी जाएगी, अर्थात ₹2,500 प्रति किलोवॉट-घंटा, और कुल लाभ ₹5,000 से अधिक नहीं होगा। यह सब्सिडी दो वर्षों तक जारी रहेगी।
ई-रिक्शा और तीन-पहिया वाहनों पर लाभ
ई-रिक्शा और अन्य तीन-पहिया वाहनों के लिए, पहले वर्ष में ₹25,000 की सब्सिडी दी जाएगी। दूसरी वर्ष में यह राशि ₹12,500 प्रति वाहन तक सीमित कर दी जाएगी। इसके अलावा, L5 श्रेणी के तीन-पहिया वाहनों के लिए, जो माल ढुलाई के लिए उपयोग किए जाते हैं, पहले वर्ष में ₹50,000 की सब्सिडी दी जाएगी, जो दूसरे वर्ष में ₹25,000 हो जाएगी।
सुब्सिडी प्राप्त करने की प्रक्रिया
इस योजना के तहत सब्सिडी प्राप्त करने के लिए, खरीदार को PM ई-ड्राइव पोर्टल के माध्यम से एक आधार प्रमाणित ई-वाउचर जारी किया जाएगा। खरीदार और डीलर को इस वाउचर पर सही तरीके से साइन करना होगा और इसे पोर्टल पर अपलोड करना होगा। इसके अलावा, खरीदार को योजना के लाभ प्राप्त करने के लिए एक ‘सेल्फी’ भी अपलोड करनी होगी।
उत्पादन परीक्षण की व्यवस्था
सबसिडी के दुरुपयोग से बचने के लिए, भारी उद्योग मंत्रालय के सचिव कमरान रिजवी ने बताया कि FAME-2 योजना से हमने कई महत्वपूर्ण बातें सीखी हैं। इसीलिए, हर छह महीने में उत्पादन परीक्षण किया जाएगा ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि सब कुछ सही तरीके से चल रहा है या नहीं।
उत्पादकों के खिलाफ कार्रवाई
जब इस बात पर चर्चा की गई कि क्या वे ई-वाहन निर्माता जो FAME-II मानदंडों का उल्लंघन कर चुके हैं, उन्हें PM ई-ड्राइव योजना से बाहर रखा जाएगा, कुमारस्वामी ने कहा, “हम उन्हें प्रोत्साहित कैसे कर सकते हैं? इस पर निर्णय लिया जाएगा।”
योजना का महत्व और भविष्य
PM ई-ड्राइव योजना का उद्देश्य न केवल इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री को बढ़ावा देना है, बल्कि पर्यावरण को भी बेहतर बनाने में योगदान देना है। इलेक्ट्रिक वाहनों का उपयोग प्रदूषण कम करने में सहायक होता है और जीवाश्म ईंधनों पर निर्भरता को कम करता है।
इस योजना से उपभोक्ताओं को एक ओर आर्थिक लाभ होगा और दूसरी ओर, वे पर्यावरण के प्रति अपनी जिम्मेदारी निभा सकेंगे। सरकार की इस पहल से इलेक्ट्रिक वाहनों की लोकप्रियता में वृद्धि होगी और भारत को स्वच्छ और हरी-भरी ऊर्जा की दिशा में एक कदम और आगे बढ़ने का अवसर मिलेगा।
इस प्रकार, PM ई-ड्राइव योजना की शुरुआत से इलेक्ट्रिक दोपहिया और तीन-पहिया वाहनों के खरीदारों को बड़ी राहत मिलेगी। सरकार द्वारा प्रदान की गई सब्सिडी की राशि से न केवल आर्थिक भार कम होगा बल्कि लंबे समय में पर्यावरणीय लाभ भी प्राप्त होंगे।