Patna: बिहार से एक चौंकाने वाली खबर सामने आई है। यहाँ एक महिला ने ट्रेन में बेटी को जन्म दिया है। सौभाग्यवश, माँ और बच्चा दोनों पूरी तरह स्वस्थ हैं। इस सफल डिलीवरी को डॉक्टर पायल मिश्रा की निगरानी में अंजाम दिया गया, जो रेलवे अस्पताल से थीं।
पूरा मामला क्या है?
दिबरुगढ़-चंडीगढ़ एक्सप्रेस (15903) ट्रेन, जो बरौनी-सामस्तीपुर रेलवे लाइन पर चल रही थी, में एक महिला ने बच्चे को जन्म दिया। सामस्तीपुर स्टेशन पर ट्रेन के पहुँचने पर, रेलवे अस्पताल की डॉक्टर पायल मिश्रा की निगरानी में सुरक्षित डिलीवरी की गई। डॉक्टर पायल मिश्रा ने बताया कि माँ और बच्चा दोनों स्वस्थ हैं।
घटनाक्रम का विवरण
महिला का नाम रजनी देवी है, जो बारौनी से ट्रेन पर चढ़कर मुजफ्फरपुर जा रही थी। जैसे ही ट्रेन बारौनी से रवाना हुई, रजनी देवी को प्रसव पीड़ा शुरू हो गई। इसके बाद, उनके पति ने यात्रा टिकट निरीक्षक (TTE) और रेलवे सुरक्षा बल (RPF) को सूचना दी। इसके साथ ही, नियंत्रण कक्ष को भी 139 पर सूचित किया गया।
सूचना मिलने के बाद, डॉक्टर पायल मिश्रा के नेतृत्व में मेडिकल टीम सामस्तीपुर स्टेशन पर पहुँच गई और महिला की सुरक्षित डिलीवरी कराई। डिलीवरी के दौरान ट्रेन को स्टेशन पर रोका गया ताकि प्रसव का पूरा ध्यान रखा जा सके।
मेडिकल टीम की तत्परता
डॉक्टर पायल मिश्रा ने कहा कि यह डिलीवरी एक चुनौतीपूर्ण स्थिति थी, लेकिन टीम की तत्परता और सूझबूझ ने स्थिति को नियंत्रित कर लिया। डिलीवरी के बाद, महिला और नवजात बच्ची को अच्छे स्वास्थ्य में पाया गया। डॉक्टर मिश्रा ने बताया कि महिला और बच्चे दोनों का स्वास्थ्य सामान्य है और उन्हें किसी प्रकार की कोई समस्या नहीं है।
ट्रेन का रुकना और डिलीवरी
इस घटना ने रेलवे की तत्परता और मेडिकल टीम की दक्षता को उजागर किया। सामान्यतः, ट्रेन का किसी आपातकालीन स्थिति में रोकना एक असामान्य घटना है, लेकिन यहाँ पर ट्रेन को प्रसव के लिए रोका गया ताकि माँ और बच्चे की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। यह एक ऐतिहासिक घटना थी, जिसने रेलवे कर्मचारियों की सजगता और मानवता की मिसाल पेश की।
यात्रियों की प्रतिक्रिया
ट्रेन में यात्रा कर रहे अन्य यात्री भी इस घटना से चकित थे। कुछ यात्रियों ने कहा कि यह स्थिति एक अपूर्व घटना थी और इससे रेलवे के समर्पण और तत्परता का पता चलता है। यात्रियों ने डॉक्टर पायल मिश्रा और उनकी टीम की प्रशंसा की, जिन्होंने इस कठिन परिस्थिति में उत्कृष्ट कार्य किया।
रेलवे का समर्थन
रेलवे ने इस घटना के बाद रजनी देवी और उनकी नवजात बच्ची को चिकित्सा सहायता और समर्थन प्रदान किया। रेलवे द्वारा जारी किए गए एक बयान में कहा गया कि रेलवे के कर्मचारियों और मेडिकल टीम ने इस आपातकालीन स्थिति में पेशेवर तरीके से काम किया और यह सुनिश्चित किया कि माँ और बच्चा दोनों सुरक्षित रहें।
निष्कर्षदर्शाती
यह घटना न केवल रेलवे की तत्परता को है बल्कि यह भी दिखाती है कि किसी भी स्थिति में मानवता और पेशेवर कौशल का महत्व होता है। डॉक्टर पायल मिश्रा और उनकी टीम की कड़ी मेहनत और सजगता ने एक जीवनदायिनी घटना को सफलतापूर्वक पूरा किया। रजनी देवी और उनकी नवजात बच्ची की स्वस्थता इस बात का प्रमाण है कि रेलवे के कर्मचारियों की कोशिशें और मानवता कभी भी एक जीवन को बदल सकती हैं।