Patna: बिहार में अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत करने वाले प्रशांत किशोर ने शराबबंदी को लेकर बड़ा बयान दिया है। शनिवार को अपनी पार्टी के स्थापना दिवस की तैयारी से पहले प्रशांत किशोर ने कहा कि अगर उनकी पार्टी सत्ता में आती है तो वे एक घंटे में शराबबंदी को समाप्त कर देंगे। मीडिया से बात करते हुए प्रशांत किशोर ने कहा, “2 अक्टूबर के लिए किसी विशेष तैयारी की जरूरत नहीं है। हम पिछले दो वर्षों से तैयारी कर रहे हैं। अगर जनसुराज सरकार बनती है, तो हम एक घंटे में शराबबंदी को समाप्त कर देंगे।”
तेजस्वी यादव को घेरा
जब प्रशांत किशोर से राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के नेता तेजस्वी यादव की हाल की यात्रा के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कहा, “मेरी शुभकामनाएं उन्हें। कम से कम वह घर से बाहर निकले हैं और जनता के बीच जा रहे हैं।” तेजस्वी यादव द्वारा यह दावा किए जाने के बाद कि नीतीश कुमार ने भाजपा-नेतृत्व वाले एनडीए से जुड़ने के लिए हाथ जोड़कर माफी मांगी, प्रशांत किशोर ने कहा, “यह मुद्दा नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव के बीच है, और यह मायने नहीं रखता कि कौन हाथ जोड़कर माफी मांगता है; दोनों ने बिहार को नुकसान पहुँचाया है। बिहार के लोग दोनों को 30 वर्षों से देख रहे हैं। हम दोनों से आग्रह कर रहे हैं कि वे बिहार को छोड़ दें।”
शिक्षा के दृष्टिकोण पर उठाए सवाल
प्रशांत किशोर ने पहले बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव पर तीखा हमला किया और राज्य के विकास में उनकी क्षमताओं पर सवाल उठाए। भोजपुर, बिहार में एक सभा को संबोधित करते हुए, प्रशांत किशोर ने कहा, “अगर किसी को संसाधनों की कमी के कारण शिक्षा प्राप्त नहीं हो पाई, तो इसे समझा जा सकता है, लेकिन अगर किसी के माता-पिता मुख्यमंत्री रहे हैं और वह 10वीं कक्षा पास नहीं कर सका, तो यह शिक्षा के प्रति उनके दृष्टिकोण को दिखाता है।” उन्होंने आगे कहा, “9वीं कक्षा का ड्रॉपआउट बिहार के विकास का मार्ग दिखा रहा है। वह (तेजस्वी यादव) जीडीपी और जीडीपी ग्रोथ में अंतर नहीं जानते, फिर भी वे दावा करते हैं कि बिहार कैसे सुधरेगा।”
प्रशांत किशोर का राजनीतिक दृष्टिकोण
प्रशांत किशोर का यह बयान राज्य की राजनीति में एक नया मोड़ ला सकता है। उन्होंने शराबबंदी जैसे संवेदनशील मुद्दे पर अपने स्पष्ट विचार रखे हैं और इसके लिए एक तात्कालिक समाधान का वादा किया है। इसके साथ ही, उन्होंने वर्तमान नेताओं के खिलाफ अपने आरोपों को भी प्रमुखता दी है, जो उनकी राजनीतिक रणनीति को दर्शाता है।
राजनीतिक बयानों का प्रभाव
प्रशांत किशोर के ये बयानों से बिहार की राजनीति में एक नई बहस शुरू हो सकती है। शराबबंदी, शिक्षा की स्थिति और नेताओं के व्यक्तिगत मामलों पर उनकी टिप्पणियां राजनीति के गर्म मुद्दे बन सकते हैं। इससे पहले भी प्रशांत किशोर ने विभिन्न मुद्दों पर अपनी स्पष्ट राय व्यक्त की है, और अब शराबबंदी के मुद्दे पर उनका यह वादा राज्य की जनता के बीच एक महत्वपूर्ण चर्चा का विषय बन सकता है।