Osteoarthritis और रूमेटॉइड आर्थराइटिस, जानें दोनों के इलाज में अंतर!
Osteoarthritis एक गंभीर बीमारी है, जो अक्सर सर्दियों के मौसम में बढ़ जाती है। आर्थराइटिस में जोड़ों में दर्द, सूजन और जकड़न महसूस होती है। यह बीमारी किसी भी उम्र में हो सकती है, लेकिन 65 वर्ष से ऊपर के लोगों में यह ज्यादा आम है। आर्थराइटिस के कई प्रकार होते हैं, जिनमें ऑस्टियोआर्थराइटिस, रूमेटॉइड आर्थराइटिस और गाउट प्रमुख हैं।
Osteoarthritis और रूमेटॉइड आर्थराइटिस में अंतर
भारत टीवी के अंग्रेजी पोर्टल पर प्रकाशित समाचार के अनुसार, मणिपाल अस्पताल, गोवा के कंसल्टेंट ऑर्थोपेडिक और ट्रॉमा सर्जन डॉ. सुशांत बी मुमिगाटी बताते हैं कि ऑस्टियोआर्थराइटिस एक ऐसी स्थिति है जो जोड़ों में कार्टिलेज (जोड़ों में कुशन) के घिसने और टूटने के कारण होती है। वहीं, रूमेटॉइड आर्थराइटिस एक ऑटोइम्यून प्रक्रिया के परिणामस्वरूप होता है, जो जोड़ों में पुरानी सूजन के बदलाव उत्पन्न करता है।
ऑस्टियोआर्थराइटिस के लक्षण
आमतौर पर ऑस्टियोआर्थराइटिस बुजुर्गों में देखा जाता है। यह मुख्य रूप से शरीर के वजन उठाने वाले जोड़ों को प्रभावित करता है। सबसे अधिक प्रभावित जोड़ घुटने का जोड़ होता है, और इस बीमारी के मुख्य लक्षणों में घुटने के अंदरूनी हिस्से में दर्द महसूस होता है, जिससे वजन उठाने में कठिनाई होती है।
रूमेटॉइड आर्थराइटिस के लक्षण
रूमेटॉइड आर्थराइटिस जीवन के शुरुआती वर्षों में शुरू हो सकता है, यह आमतौर पर 30-40 वर्ष की उम्र में देखा जाता है। इस बीमारी में महिलाएं ज्यादा प्रभावित होती हैं, और आमतौर पर उनके परिवार में भी इस तरह के जोड़ों के दर्द का इतिहास होता है। रूमेटॉइड आर्थराइटिस सामान्य रूप से हाथों के छोटे जोड़ों को प्रभावित करता है, जिसमें दर्द, सूजन या विकृति हो सकती है। बाद में अन्य जोड़ों को भी प्रभावित किया जा सकता है।
Osteoarthritis और रूमेटॉइड आर्थराइटिस के रोग प्रक्रिया में अंतर
Osteoarthritis में, जोड़ों में घिसावट के कारण कार्टिलेज धीरे-धीरे पतला हो जाता है और बाद में पूरी तरह से समाप्त हो सकता है, जिससे जोड़ों के किनारों पर अतिरिक्त हड्डी (ऑस्टियोफाइट्स) बन जाती है। यहां मुख्य नुकसान कार्टिलेज में होता है।
रूमेटॉइड आर्थराइटिस में, शरीर की कमजोरी के कारण जोड़ों में मौजूद एंटीजन को शरीर विदेशी मानता है और प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर हो जाती है। इसके परिणामस्वरूप साइनोवियम (जोड़ों की आंतरिक परत) का वृद्धि होती है, जो समय के साथ कार्टिलेज को नष्ट कर देती है। यहां मुख्य नुकसान साइनोवियम में होता है।
ऑस्टियोआर्थराइटिस और रूमेटॉइड आर्थराइटिस का इलाज
दोनों प्रकार के आर्थराइटिस का इलाज अलग-अलग तरीकों से किया जाता है। अगर लक्षण हल्के होते हैं, तो इलाज दर्द निवारक दवाइयों और व्यायाम से किया जा सकता है। लंबे समय तक और गंभीर लक्षणों के लिए, मरीज को विशेष DMARD (Disease-Modifying Antirheumatic Drugs) दवाइयां और स्टेरॉयड की आवश्यकता हो सकती है। गंभीर मामलों में, जहां विकृति गंभीर होती है, वहां स्प्लिंटिंग और सर्जरी की आवश्यकता हो सकती है।
ऑस्टियोआर्थराइटिस और रूमेटॉइड आर्थराइटिस दोनों ही गंभीर स्थितियां हैं, लेकिन इनकी प्रक्रिया और इलाज में अंतर है। सही समय पर इलाज और प्रबंधन से इन बीमारियों को नियंत्रित किया जा सकता है। यदि किसी को जोड़ों में दर्द, सूजन या जकड़न महसूस हो, तो उसे तुरंत डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए, ताकि बीमारी को समय पर पहचाना जा सके और उचित इलाज किया जा सके।