New Delhi: जम्मू-कश्मीर और हरियाणा विधानसभा चुनावों के परिणामों की घोषणा शुरू हो चुकी है। हालांकि आम आदमी पार्टी (AAP) ने हरियाणा में कोई सीट नहीं जीती, लेकिन जम्मू-कश्मीर में पहली बार पार्टी का एक नेता विधायक के रूप में चुना गया है। इस अवसर पर, अरविंद केजरीवाल ने अत्यधिक खुशी जताते हुए पूरी पार्टी को इस उपलब्धि पर बधाई दी। उन्होंने ट्वीट किया, “Doda से आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार मेहराज मलिक को भाजपा को हराकर बड़ी जीत हासिल करने के लिए ढेर सारी बधाई। आपने बहुत अच्छे से चुनाव लड़ा। आम आदमी पार्टी को पांचवे राज्य में विधायक बनने पर बधाई।”
आम आदमी पार्टी का सफर
आम आदमी पार्टी का गठन दस साल पहले हुआ था और इसने पहली बार दिल्ली में कांग्रेस के साथ मिलकर सरकार बनाई थी। तब से, पार्टी ने दिल्ली में दो बार पूर्ण बहुमत के साथ सरकार बनाई है। इसके साथ ही, आम आदमी पार्टी पंजाब में भी सत्ता में है। पार्टी के पास गोवा और गुजरात में भी विधायक हैं। अब जम्मू-कश्मीर में भी आम आदमी पार्टी का एक विधायक चुना गया है, जो पार्टी के लिए एक ऐतिहासिक पल है।
मेहराज मलिक की जीत
आम आदमी पार्टी के मेहराज मलिक ने Doda सीट पर 22,944 वोट प्राप्त किए और भाजपा के गजेंद्र सिंह राणा को 4,770 वोटों से हराया। गजेंद्र सिंह को 18,174 वोट मिले। इस सीट पर कुल नौ उम्मीदवार चुनावी मैदान में थे। भाजपा और आम आदमी पार्टी के अलावा, कांग्रेस, नेशनल कॉन्फ्रेंस, PDP और डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी ने भी अपने उम्मीदवार उतारे थे। यहां तीन स्वतंत्र उम्मीदवार भी थे। कांग्रेस, नेशनल कॉन्फ्रेंस, PDP और डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी के बीच वोटों का विभाजन हुआ, जिससे आम आदमी पार्टी को लाभ मिला।
राज्यों में विधायक संख्या
आम आदमी पार्टी ने दिल्ली में तीन बार सरकार बनाई है। पहली बार, इसने कांग्रेस के साथ गठबंधन सरकार बनाई थी। इसके बाद, पार्टी ने दो बार बड़ी बहुमत के साथ सत्ता में आई। वर्तमान में, आम आदमी पार्टी के पास दिल्ली में 62 विधायक हैं, पंजाब में 92, गुजरात में पांच, गोवा में दो और जम्मू-कश्मीर में एक विधायक है। इस प्रकार, पार्टी के कुल विधायकों की संख्या 162 हो गई है।
एक राष्ट्रीय पार्टी के रूप में उभरना
दस साल में, आम आदमी पार्टी ने एक राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा हासिल कर लिया है। इस दौरान, कई बड़े नेता पार्टी छोड़ चुके हैं और वर्तमान में पार्टी के सभी शीर्ष नेता भ्रष्टाचार और धन शोधन के आरोपों का सामना कर रहे हैं। अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसोदिया और संजय सिंह जैसे बड़े नेता जमानत पर बाहर हैं। फिर भी, यह पार्टी विभिन्न राज्यों में अपनी पकड़ मजबूत कर रही है।
पार्टी की चुनौतियाँ
हालांकि आम आदमी पार्टी ने कई उपलब्धियाँ हासिल की हैं, लेकिन उसे कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। भ्रष्टाचार के आरोपों ने पार्टी की छवि को नुकसान पहुँचाया है, और इसके नेताओं को कानूनी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। इसके बावजूद, केजरीवाल और उनकी टीम ने हमेशा यह साबित करने की कोशिश की है कि उनकी सरकार ने लोगों की भलाई के लिए कई महत्वपूर्ण कार्य किए हैं।
जनता का समर्थन
आम आदमी पार्टी की सफलता में जनता का समर्थन एक महत्वपूर्ण कारक रहा है। दिल्ली में शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार करने के कारण, पार्टी ने जनता के बीच एक सकारात्मक छवि बनाई है। अब, जम्मू-कश्मीर में विधायक बनने के बाद, पार्टी की उम्मीद है कि वह यहाँ भी विकास कार्यों को गति देगी और जनता के विश्वास को और मजबूत करेगी।
भविष्य की योजनाएँ
आम आदमी पार्टी ने अपनी भविष्य की योजनाओं के बारे में भी संकेत दिया है। पार्टी का उद्देश्य विभिन्न राज्यों में अपनी स्थिति को और मजबूत करना और राष्ट्रीय स्तर पर एक सशक्त विकल्प के रूप में उभरना है। इसके लिए, पार्टी विभिन्न मुद्दों पर जनता के बीच जागरूकता फैलाने और उनके साथ संवाद करने की योजना बना रही है।