Kannauj: कन्नौज जिले के तालग्राम क्षेत्र के माधौनगर में आयोजित एक मेला अचानक एक खौफनाक घटना का गवाह बना। जहां बच्चों और युवाओं के मनोरंजन के लिए झूलों का इंतजाम किया गया था, वहीं एक लड़की के लिए यह मेला दर्द और खौफ का कारण बन गया। झूले के दौरान एक लड़की के बाल झूले में फंस गए, जिससे उसके सिर से बाल पूरी तरह से अलग हो गए। इस घटना ने वहां उपस्थित लोगों को झकझोर दिया और पूरे जिले में खलबली मचा दी। आइए, जानते हैं इस दुर्घटना की पूरी कहानी।
घटना का विवरण:
माधौनगर के मेले में झूलों का आनंद लेने आई लड़की अनुराधा के साथ यह खौफनाक हादसा हुआ। जैसे ही अनुराधा झूले में झूलने लगी, उसका बाल ऊपर लगे लोहे के रॉड में फंस गया। बालों का इस तरह झूले में फंसना एक खतरनाक हादसा साबित हुआ। लड़की ने दर्द से चीखना शुरू किया, लेकिन झूला रुकने में काफी समय लगा। जब झूला रोका गया, तब तक अनुराधा के बाल उसके सिर से पूरी तरह से अलग हो गए थे। बाल सिर से उखड़कर एक कटे हुए भाग में लटक गए थे। यह दृश्य उपस्थित लोगों के लिए इतना डरावना था कि किसी के भी होश उड़ गए।
शारीरिक स्थिति और इलाज:
बालों के उखड़ने के बाद अनुराधा खून से सनी हालत में बेहोश हो गई। उसकी हालत देखकर वहां मौजूद लोग सिहर उठे। उसे तुरंत मेडिकल कॉलेज ले जाया गया, जहां प्राथमिक उपचार दिया गया। डॉक्टरों ने उसकी हालत को गंभीर देखते हुए उसे लखनऊ के पीजीआई रेफर कर दिया।
स्विंग ऑपरेटर का फरार होना:
इस हादसे के बाद स्विंग चलाने वाला ऑपरेटर मौके से फरार हो गया। पीड़िता के परिवार ने उसका आधार कार्ड छीनकर अपने पास रख लिया ताकि बाद में उसकी पहचान हो सके। अब पुलिस की जांच की उम्मीदें इस कार्ड पर टिकी हैं। ऑपरेटर का भाग जाना और घटना के बाद पुलिस प्रशासन का चुप रहना सवालों के घेरे में है।
सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल:
इस दर्दनाक घटना का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, जिसमें लड़की के बाल झूले में फंसे हुए दिख रहे हैं। वीडियो ने देखते ही देखते वायरल होते हुए लोगों को स्तब्ध कर दिया। इस वीडियो ने सोशल मीडिया पर एक नई बहस को जन्म दिया, जिसमें लोग मेले में सुरक्षा व्यवस्था और झूले की सुरक्षा की कड़ी आलोचना करने लगे।
स्थानीय प्रशासन की चुप्पी:
घटना के बाद पूरे जिले में हड़कंप मच गया है। लोग सवाल उठा रहे हैं कि जब ऐसे मेलों का आयोजन किया जाता है, तो वहां सुरक्षा के क्या इंतजाम होते हैं? आखिरकार इस तरह की दुर्घटनाएं कैसे घटित होती हैं, जिनसे किसी की जान जा सकती थी? स्थानीय पुलिस प्रशासन ने अब तक इस मामले पर कोई टिप्पणी नहीं की है, और मामला अब तक पुलिस के पास एक शिकायत का इंतजार कर रहा है।
सुरक्षा के मुद्दे पर सवाल:
मेलों में सुरक्षा की कमी पर सवाल उठने लगे हैं। लोग यह सवाल कर रहे हैं कि आखिरकार क्या कारण था कि एक साधारण झूला इस तरह खतरनाक हादसे का कारण बना। क्या झूले की मरम्मत या उसकी सुरक्षा की जांच ठीक से नहीं की गई थी? यह सवाल प्रशासन से लेकर मेला आयोजकों तक उठाए जा रहे हैं।
पीड़िता के परिवार का दुख:
अनुराधा के परिवार ने इस घटना के बाद काफी दुख जताया और कहा कि उनके लिए यह घटना जीवनभर के सदमे की तरह है। उन्होंने मांग की है कि दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए और मेले में सुरक्षा की उचित व्यवस्था की जाए, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाएं न हो सकें। परिवार ने कहा कि उनकी बेटी के साथ जो हुआ, वह कभी नहीं भूल सकते, और इसके लिए जिम्मेदार व्यक्तियों को दंडित किया जाना चाहिए।
कन्नौज में मेला सुरक्षा की अनदेखी:
कन्नौज जिले में मेलों का आयोजन सालों से होता आया है, लेकिन इस घटना ने यह दिखा दिया है कि इन मेलों में सुरक्षा इंतजामों की गंभीरता से समीक्षा करने की जरूरत है। झूलों के संचालन, उनके रख-रखाव और सुरक्षा उपायों की समीक्षा के बिना मेलों का आयोजन खतरनाक साबित हो सकता है।
कन्नौज के माधौनगर मेले में अनुराधा के साथ हुआ यह खौफनाक हादसा केवल एक व्यक्तिगत दुर्घटना नहीं, बल्कि समाज और प्रशासन के लिए एक चेतावनी है। यह घटना इस बात का संकेत देती है कि मेलों और सार्वजनिक आयोजनों में सुरक्षा को प्राथमिकता दी जानी चाहिए। सरकार और प्रशासन को चाहिए कि वे इस घटना के बाद सुरक्षा मानकों की समीक्षा करें और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए कठोर कदम उठाएं। साथ ही, दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों और किसी और की जान खतरे में न पड़े।