Jitan Manjhi: बिहार विधानसभा में बुधवार को विपक्ष के नेता और राजद प्रमुख तेजस्वी यादव के आरोपों का जवाब देते हुए केंद्रीय मंत्री जितन राम मांझी ने कड़ी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि जो लोग अपराध की बात करते हैं, उन्हें पहले अपनी सरकार का रिकॉर्ड देखना चाहिए। जितन राम मांझी ने बुधवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि तेजस्वी यादव को वर्ष 2005 से पहले का डेटा देखना चाहिए। जब उनके माता-पिता राज्य के मुख्यमंत्री थे, उसके बाद ही उन्हें आज की बात करनी चाहिए। मांझी ने आगे कहा कि उस समय मुख्यमंत्री निवास में अपराधियों के साथ समझौता होता था, लेकिन अब अगर कोई अपराध होता है तो सबसे पहले उनके खिलाफ कार्रवाई होती है।
मांझी का बंगाल के एंटी-रेप बिल पर बयान
केंद्रीय मंत्री जितन राम मांझी ने बंगाल में बलात्कार की घटना के बाद विधानसभा में पारित कानून पर भी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, “बंगाल सरकार ने बिल लाकर एक दिखावा किया है। ममता बनर्जी को अपने पद से इस्तीफा देना चाहिए। मैंने बार-बार कहा है कि एक महिला का अपमान हुआ है। बंगाल सरकार द्वारा पारित कानून में उम्रकैद की सजा की बात की गई है, लेकिन इस कानून में सजा के बजाय फांसी का प्रावधान होना चाहिए था। इस कानून में अपराध को कम करके पेश किया गया है ताकि अपराधियों को बचाया जा सके।”
प्रशांत किशोर पर भी साधा निशाना
जितन राम मांझी ने राजनीतिक विश्लेषक प्रशांत किशोर पर भी कटाक्ष किया। मांझी ने कहा, “प्रशांत किशोर इस समय हवा में हैं, लेकिन आने वाले समय में पता चलेगा कि वह कहां जाएंगे।” उन्होंने यह भी कहा कि गिरिराज सिंह के मुसलमानों की बढ़ती जनसंख्या पर दिए गए बयान पर उनकी अपनी राय है। मांझी ने कहा, “हम मानते हैं कि भारत के सभी लोग एकजुट होने चाहिए। भारत एक धर्मनिरपेक्ष देश है, मैं सभी को एक साथ रहने की बात करता हूं। सभी को एक साथ रहना चाहिए और उन्हें इस तरह की बातें नहीं करनी चाहिए।”
अपराध के मुद्दे पर तेजस्वी यादव के आरोपों का जवाब
जितन राम मांझी का तेजस्वी यादव पर पलटवार यह दिखाता है कि बिहार की राजनीति में अपराध का मुद्दा किस हद तक संवेदनशील है। तेजस्वी यादव ने सरकार पर आरोप लगाया था कि राज्य में अपराधों की संख्या बढ़ रही है और सरकार इसे नियंत्रित करने में विफल रही है। इसके जवाब में मांझी ने यह स्पष्ट किया कि 2005 से पहले के वर्षों में, जब तेजस्वी यादव के माता-पिता लालू प्रसाद यादव और राबड़ी देवी मुख्यमंत्री थे, राज्य में अपराध की स्थिति कितनी गंभीर थी। मांझी ने कहा कि उस समय अपराधियों के साथ समझौते होते थे, जबकि वर्तमान सरकार अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई कर रही है।
बंगाल में एंटी-रेप बिल पर मांझी की प्रतिक्रिया
बंगाल में बलात्कार की घटना के बाद पारित एंटी-रेप बिल पर मांझी ने इसे एक ‘दिखावा’ करार दिया। उन्होंने ममता बनर्जी की सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि इस बिल में उम्रकैद का प्रावधान तो किया गया है, लेकिन अपराध की गंभीरता को देखते हुए इसमें फांसी की सजा का प्रावधान होना चाहिए था। उन्होंने कहा कि इस कानून के माध्यम से अपराध को कम करके दिखाने की कोशिश की गई है ताकि अपराधियों को बचाया जा सके।
प्रशांत किशोर पर मांझी का कटाक्ष
प्रशांत किशोर पर निशाना साधते हुए मांझी ने कहा कि किशोर इस समय हवा में हैं, लेकिन समय के साथ यह स्पष्ट हो जाएगा कि उनका राजनीतिक करियर किस दिशा में जाएगा। मांझी का यह बयान यह संकेत देता है कि वे प्रशांत किशोर की वर्तमान राजनीतिक गतिविधियों को गंभीरता से नहीं ले रहे हैं और उनके भविष्य के बारे में संशय व्यक्त कर रहे हैं।
भारत की धर्मनिरपेक्षता पर मांझी का बयान
गिरिराज सिंह के मुसलमानों की बढ़ती जनसंख्या पर दिए गए बयान के संदर्भ में मांझी ने कहा कि भारत एक धर्मनिरपेक्ष देश है और सभी को एक साथ मिलकर रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस तरह के बयानों से समाज में विभाजन की भावना पैदा होती है, जो कि देश के लिए हानिकारक है। मांझी ने इस बात पर जोर दिया कि देश के सभी नागरिकों को एक साथ मिलकर रहना चाहिए और आपसी प्रेम और सद्भावना को बनाए रखना चाहिए।