विदेश मंत्री S. Jaishankar ने शनिवार को आदित्य बिड़ला ग्रुप स्कॉलरशिप प्रोग्राम के सिल्वर जुबली कार्यक्रम के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व के बारे में अपने अनुभव साझा किए। उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी के कार्यशैली की सराहना करते हुए बताया कि पीएम मोदी एक ऐसे नेता हैं जो अपनी टीम को स्वतंत्रता और जिम्मेदारी देते हैं, लेकिन उनसे काम करने के लिए पूरी तैयारी और डेटा की आवश्यकता होती है।
पीएम मोदी के साथ काम करने का अनुभव
जयशंकर ने प्रधानमंत्री मोदी के साथ काम करने के अपने अनुभव को साझा करते हुए बताया कि पीएम मोदी एक उच्च-स्तरीय बॉस हैं जो हर विषय पर गहरी जानकारी रखते हैं। यदि आप पीएम मोदी से किसी मुद्दे पर चर्चा करना चाहते हैं तो आपको पूरी तैयारी के साथ जाना होगा, क्योंकि वह हर पहलू पर डेटा आधारित चर्चा करते हैं।
उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी का कार्यशैली बहुत स्पष्ट और संगठित है। वे अपनी टीम के सदस्यों को “ऑपरेशनल फ्रीडम” प्रदान करते हैं, जिससे हर सदस्य स्वतंत्रता के साथ काम कर सकता है। जयशंकर ने कहा, “प्रधानमंत्री मोदी हमेशा यह सुनिश्चित करते हैं कि हर सदस्य स्वतंत्र रूप से नए विचारों के साथ फैसले लें और उन्हें लागू करने की पूरी आज़ादी हो।”
प्रधानमंत्री मोदी की निर्णय लेने की शैली
जयशंकर ने पीएम मोदी की निर्णय लेने की शैली की विशेषता बताते हुए कहा कि पीएम मोदी की कार्यशैली अन्य नेताओं से अलग है। जहां कई बॉस पहले ही किसी निर्णय को ले चुके होते हैं, वहीं प्रधानमंत्री मोदी निर्णय लेने से पहले अपनी टीम के साथ विचार-विमर्श करते हैं। वे पूरी टीम को एक साथ मिलकर काम करने का मौका देते हैं और यही उनके नेतृत्व की ताकत है। जयशंकर ने कहा, “मुझे उनके साथ काम करना अच्छा लगता है क्योंकि वे पहले फैसले नहीं लेते, बल्कि पूरी प्रक्रिया पर विचार करते हैं और फिर निर्णय लेते हैं।”
डेटा के साथ चर्चा की आवश्यकता
प्रधानमंत्री मोदी के साथ काम करने के अनुभव पर जयशंकर ने कहा कि जब भी कोई बड़ा निर्णय लिया जाता है, तो उसे डेटा और तथ्यों के आधार पर लिया जाता है। “प्रधानमंत्री मोदी के साथ चर्चा करने से पहले आपको पूरी तैयारी करनी होती है, क्योंकि वे हमेशा डेटा के आधार पर बात करते हैं। अगर आप अपने तर्क को मजबूती से रखना चाहते हैं, तो आपके पास सभी जरूरी आंकड़े और जानकारी होनी चाहिए,” जयशंकर ने कहा।
यूक्रेन संकट के दौरान पीएम मोदी का नेतृत्व
जयशंकर ने यूक्रेन संकट का उदाहरण देते हुए बताया कि प्रधानमंत्री मोदी ने भारतीय नागरिकों को सुरक्षित निकालने का निर्णय लिया था। उन्होंने तत्काल सेना और नागरिक उड्डयन विभाग के संसाधनों का इस्तेमाल करने का निर्देश दिया था। जयशंकर ने कहा, “प्रधानमंत्री मोदी ने यह सुनिश्चित किया कि भारतीय नागरिकों को जितनी जल्दी हो सके सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जाए। उन्होंने कहा, ‘जो भी संसाधन चाहिए, वे उपलब्ध करा दिए जाएंगे। मुझे बताइए कहां कॉल करना है।'” इस प्रकार की स्पष्टता और संकल्पना ने टीम को प्रेरित किया और संकट से निपटने में मदद की।
पीएम मोदी का माइक्रोमैनेजमेंट न करना
जयशंकर ने प्रधानमंत्री मोदी के माइक्रोमैनेजमेंट की शैली की भी प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी काम की प्रगति पर नजर रखते हैं, लेकिन वे हर छोटी-छोटी बात का निर्देश नहीं देते। इससे टीम को काम करने की स्वतंत्रता मिलती है, जो उनके कामकाजी वातावरण को सकारात्मक बनाता है। “प्रधानमंत्री मोदी ने हमेशा हमें जिम्मेदारी दी है और हमें अपने कार्यों को स्वतंत्र रूप से पूरा करने की आज़ादी दी है,” जयशंकर ने कहा।
अमेरिका के साथ संबंधों को मजबूत बनाने में पीएम मोदी की भूमिका
इस कार्यक्रम के दौरान, जयशंकर ने भारत-अमेरिका संबंधों पर भी चर्चा की। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी ने कई अमेरिकी राष्ट्रपतियों के साथ मजबूत संबंध स्थापित किए हैं, जिसमें बाराक ओबामा, डोनाल्ड ट्रंप और जो बाइडेन शामिल हैं। उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री मोदी ने अपनी विदेश नीति के तहत भारत और अमेरिका के रिश्तों को स्थिर और मजबूत बनाए रखा है, जो उनकी कूटनीतिक समझ और नेतृत्व क्षमता को दर्शाता है।”
भारत की आत्मनिर्भरता और आत्मविश्वास में वृद्धि
जयशंकर ने प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व को भारत की आत्मनिर्भरता और आत्मविश्वास को बढ़ावा देने वाला बताया। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी ने भारत को वैश्विक मंच पर एक नई पहचान दिलाई है। अब भारत बड़े निर्णय लेने में संकोच नहीं करता और दुनिया में अपनी प्रभावशाली उपस्थिति दर्ज कराता है। “प्रधानमंत्री मोदी का नेतृत्व भारत को एक नई ऊंचाई की ओर ले जा रहा है, जहां हम अपने फैसले लेने में आत्मविश्वासी होते हैं,” जयशंकर ने कहा।
एस जयशंकर के अनुसार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक ऐसे नेता हैं जो अपनी टीम को जिम्मेदारी और स्वतंत्रता देते हैं, साथ ही उच्च मानकों की उम्मीद भी रखते हैं। उनका नेतृत्व न केवल भारत की विदेश नीति को सशक्त बना रहा है, बल्कि देश को एक नई आत्मविश्वास के साथ दुनिया में स्थापित कर रहा है। जयशंकर ने इस बात को स्पष्ट किया कि प्रधानमंत्री मोदी का नेतृत्व भारत को विश्व में एक मजबूत भूमिका निभाने के लिए प्रेरित कर रहा है, और इसके परिणामस्वरूप भारत एक आत्मनिर्भर और आत्मविश्वासी राष्ट्र के रूप में उभर रहा है।
प्रधानमंत्री मोदी का नेतृत्व न केवल निर्णय लेने की प्रक्रिया को प्रभावी बनाता है, बल्कि भारत के सामर्थ्य को भी बढ़ाता है। इस प्रकार, प्रधानमंत्री मोदी की नेतृत्व शैली भारत की सफलता की कुंजी बन गई है, जो आगे चलकर वैश्विक मंच पर भारत को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाएगी।