Istanbul से भारत पहुंचे इंडिगो यात्रियों ने साझा किए दर्दनाक अनुभव
Istanbul , तुर्की से 400 इंडिगो यात्रियों का एक लंबे इंतजार के बाद भारत पहुंचना उनके और उनके परिवारों के लिए राहत की बात थी। इन यात्रियों ने 12 दिसंबर को इस्तांबुल एयरपोर्ट से दिल्ली और मुंबई के लिए अपनी यात्रा शुरू की थी, लेकिन फ्लाइट में अचानक देरी और फिर रद्द हो जाने के कारण वे इस्तांबुल में फंसे रहे। इसके बाद, यात्रियों को 14 दिसंबर को दो अलग-अलग फ्लाइट्स के जरिए भारत लाया गया। इनमें से एक फ्लाइट ने दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर 200 यात्रियों को उतारा, जबकि दूसरी फ्लाइट ने बाकी 200 यात्रियों को मुंबई पहुंचाया। इस लेख में हम इस पूरे घटनाक्रम, यात्रियों की समस्याओं, इंडिगो एयरलाइंस की सफाई और भविष्य में सुधार की जरूरतों पर चर्चा करेंगे।
यात्रियों की परेशानियों का सामना
जब इन यात्रियों ने दिल्ली और मुंबई एयरपोर्ट पर कदम रखा, तो उनके चेहरों पर राहत और खुशी साफ झलक रही थी। उनके परिजन जो एयरपोर्ट पर उनका स्वागत करने पहुंचे थे, वे भी बहुत खुश और संतुष्ट थे। शनिवार रात करीब 2 बजे पहली फ्लाइट दिल्ली पहुंची, जिसमें 200 यात्रियों का समूह था। यात्रियों को एयरपोर्ट से बाहर आने में लगभग एक घंटे का समय लगा, क्योंकि सुरक्षा जांच और प्रक्रियाओं में देरी हो रही थी। जबकि दूसरी फ्लाइट रविवार सुबह मुंबई एयरपोर्ट पर पहुंची, जहां भी यात्रियों के परिजन उनका स्वागत करने के लिए मौजूद थे।
लेकिन इन यात्रियों ने जो अपने अनुभव साझा किए, उससे पता चलता है कि इस पूरी यात्रा में उन्हें बहुत सी परेशानियों का सामना करना पड़ा। 12 दिसंबर को जब इंडिगो की दोनों फ्लाइट्स (6E12 और 6E18) को इस्तांबुल से दिल्ली और मुंबई के लिए उड़ान भरनी थी, तो अचानक इन फ्लाइट्स में देरी होने लगी। पहले तो फ्लाइट्स की उड़ान में देर हुई, फिर दोनों फ्लाइट्स को रद्द कर दिया गया। इस तरह के घटनाक्रम से यात्रियों के बीच घबराहट और असंतोष फैल गया। इंडिगो एयरलाइंस की तरफ से यात्रियों को किसी प्रकार की स्पष्ट जानकारी नहीं दी गई और ना ही कोई सहायता प्रदान की गई। यात्रियों का कहना था कि एयरलाइंस द्वारा दी गई सेवाएं मानकों के अनुरूप नहीं थीं।
पुराने विमानों के इस्तेमाल पर सवाल
जिस बात ने इस घटना को और विवादास्पद बना दिया, वह था उड़ान में तकनीकी खराबी का आना। रिपोर्ट्स के मुताबिक, जिन दो विमानों में तकनीकी खराबी आई थी, वे बोइंग विमान थे और तुर्की एयरलाइंस से लीज पर लिए गए थे। इन विमानों का इस्तेमाल इंडिगो ने किया था, लेकिन ये विमान 10 साल से अधिक पुराने बताए जा रहे हैं। यात्रियों और विशेषज्ञों का कहना है कि अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के लिए इतने पुराने विमानों का इस्तेमाल करना यात्रियों की सुरक्षा के लिए खतरे की घंटी हो सकता है। जबकि एक ओर इंडिगो अपनी सेवाओं का विस्तार करने और अंतरराष्ट्रीय मार्गों पर यात्री संख्या बढ़ाने की बात करता है, वहीं दूसरी ओर पुराने विमानों का उपयोग करना यात्रियों के लिए उचित नहीं है।
यह घटना यह भी दर्शाती है कि एयरलाइंस को अपनी उड़ान सुरक्षा और संकट प्रबंधन पर अधिक ध्यान देना चाहिए। जब इंडिगो जैसे बड़े एयरलाइंस अपनी सेवाओं का विस्तार कर रहे हैं, तो उन्हें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि वे जो विमान चला रहे हैं, वे सुरक्षित और तकनीकी रूप से सक्षम हों। साथ ही, जब फ्लाइट्स में कोई समस्या होती है, तो यात्रियों को समुचित जानकारी और सहायता प्रदान की जानी चाहिए।
इंडिगो की सफाई और जांच प्रक्रिया
इंडिगो ने इस पूरे मामले पर सफाई दी और कहा कि यह तकनीकी खराबी एक अनपेक्षित घटना थी। एयरलाइंस ने बताया कि इस मामले की पूरी जांच की जा रही है और इसके नतीजे नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) को सौंपे जाएंगे। इंडिगो ने यह भी कहा कि वह भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचने के लिए अपनी प्रक्रियाओं में सुधार करेगा और तकनीकी आधार पर विमानों की जांच को और अधिक सख्त बनाएगा।
इसके अलावा, इंडिगो ने यह भी कहा कि यात्रियों को हो रही असुविधा के लिए वह खेद प्रकट करते हैं और इसके लिए कुछ मुआवजा देने की योजना भी बनाई जा रही है। हालांकि, यात्रियों का कहना है कि उन्हें एयरलाइंस से उचित सहायता और जवाब नहीं मिला, जिसके कारण वे मानसिक रूप से बहुत परेशान हो गए थे। इस घटना ने यात्रियों के बीच एयरलाइंस के प्रति विश्वास को भी कमजोर किया है।
IGI एयरपोर्ट पर सर्वर डाउन समस्या
इसी बीच, दिल्ली के IGI एयरपोर्ट पर एक और घटना ने इंडिगो के यात्रियों को असुविधा दी। यात्रियों ने बताया कि जब वे चेक-इन करने पहुंचे, तो इंडिगो का सर्वर धीमा हो गया, जिसके कारण उन्हें टिकट, चेक-इन और बैगेज संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ा। हालांकि, इंडिगो ने इस पर सफाई दी और कहा कि सर्वर तकनीकी खराबी के कारण डाउन नहीं हुआ था, बल्कि यह धीमा हो गया था, जिससे समस्याएं उत्पन्न हुईं। यात्रियों का कहना था कि इस घटना के कारण उन्हें काफी समय बर्बाद हुआ और यात्रा की शुरुआत में ही उन्हें परेशानियों का सामना करना पड़ा।
यात्रियों की मांग: सुरक्षा और सेवा में सुधार
इस्तांबुल में फंसे यात्रियों ने अपनी समस्याओं का उल्लेख करते हुए एयरलाइंस से अपनी सेवाओं और सुरक्षा में सुधार की मांग की है। यात्रियों का कहना है कि पुरानी तकनीक और विमानों का उपयोग अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के लिए उपयुक्त नहीं है। इसके साथ ही, उन्हें यह भी उम्मीद है कि एयरलाइंस की संकट प्रबंधन प्रणाली को और मजबूत किया जाएगा, ताकि भविष्य में इस तरह की समस्याएं उत्पन्न न हों।
यात्रियों ने यह भी कहा कि एयरलाइंस को अपनी संचार प्रणाली को भी बेहतर बनाना चाहिए ताकि किसी भी प्रकार की समस्या होने पर यात्रियों को सही और समय पर जानकारी मिल सके। उनका कहना था कि इस पूरे घटनाक्रम से उन्हें यह महसूस हुआ कि इंडिगो को अपनी सेवाओं और सुरक्षा मानकों को लेकर गंभीरता से काम करने की जरूरत है।
इस्तांबुल में फंसे 400 इंडिगो यात्रियों का भारत लौटना उनके और उनके परिवारों के लिए राहत की बात थी, लेकिन इस घटना ने इंडिगो एयरलाइंस की सुरक्षा, सेवा और संकट प्रबंधन पर कई सवाल खड़े कर दिए हैं। यात्री चाहते हैं कि एयरलाइंस भविष्य में सुरक्षा और सेवा में सुधार करें, ताकि ऐसी घटनाएं दोबारा न हों। इंडिगो को अपनी सेवाओं और विमानों की सुरक्षा मानकों को और मजबूत करने की जरूरत है, ताकि वे यात्रियों के विश्वास को बनाए रख सकें और उनके लिए एक सुरक्षित यात्रा अनुभव सुनिश्चित कर सकें।