Illegal e-rickshaws: दिल्ली सरकार के परिवहन विभाग ने अवैध ई-रिक्शा की बढ़ती समस्या को नियंत्रित करने के लिए एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। विभाग ने कहा है कि यदि ई-रिक्शा के मालिक अपने वाहनों के पंजीकरण के लिए आवेदन नहीं करते हैं, तो कब्जे में लिए गए और बिना पंजीकृत ई-रिक्शा को सात दिनों के भीतर स्क्रैप कर दिया जाएगा। पहले इस प्रक्रिया के लिए 90 दिन दिए जाते थे।
परिवहन विभाग के एक अधिकारी ने शुक्रवार को कहा, “नियमों के तहत पंजीकरण की अवधि 90 दिन है। लेकिन चूंकि ये रिक्शा अवैध हैं, इन्हें सात दिनों के भीतर स्क्रैप किया जा सकता है।” उन्होंने कहा, “कब्जे में लिए गए ई-रिक्शा को पंजीकृत स्क्रैपिंग सुविधा को सौंपने से पहले उन्हें कुचल दिया जाएगा।”
अवैध ई-रिक्शा को नियंत्रित करने का प्रयास
परिवहन विभाग ने अवैध रूप से चलाए जा रहे ई-रिक्शा को नियंत्रित करने के लिए एक नई पहल की है। इस महीने 21 अगस्त तक विभाग ने 1,077 ई-रिक्शा को जब्त किया है, जिसका मतलब है कि प्रतिदिन 50 से अधिक ई-रिक्शा जब्त किए गए हैं।
मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, यह निर्णय उपराज्यपाल की अध्यक्षता में एक उच्च-स्तरीय समीक्षा बैठक के बाद लिया गया था, जिसका उद्देश्य शहर की जाम की समस्या को हल करना है। अनुमान के अनुसार, शहर में 1.2 लाख पंजीकृत ई-रिक्शा हैं। हालांकि, वास्तविक संख्या शायद दोगुनी हो सकती है, जिससे अवैध वृद्धि को नियंत्रित करने की आवश्यकता है।
अवैध ई-रिक्शा की समस्याएं
अधिकारी ने कहा, “चूंकि अवैध ई-रिक्शा के पास नंबर प्लेट नहीं होती, इसलिए उन्हें ऑनलाइन चालान नहीं किया जा सकता। ये सभी यातायात नियमों का उल्लंघन करते हैं और अक्सर उन सड़कों पर चलते हैं जहां उन्हें अनुमति नहीं होती, जिससे ट्रैफिक जाम और भीड़भाड़ होती है।”
परिवहन विभाग ने हाल ही में उत्तर दिल्ली के बुराड़ी में कब्जे में लिए गए ई-रिक्शा के लिए एक विशेष गड्ढा बनाया है। लेकिन इन वाहनों की सड़क पर की गई उल्लंघनों की भारी संख्या के कारण अधिक खाली जमीन की आवश्यकता है। कब्जे में लिए गए ई-रिक्शा को बुराड़ी, सराय काले खान और द्वारका में भेजा जाता है। इसके अलावा, विभाग ने कब्जे में लिए गए चार-पहिया वाहनों के लिए भी जगह की आवश्यकता की बात की है।
ई-रिक्शा का अनियंत्रित विकास
ई-रिक्शा, जो 2012 में शहर की सड़कों पर चलना शुरू हुए थे, सस्ते परिवहन के एक प्रमुख साधन के रूप में उभरे। हालांकि, इनकी अनियंत्रित वृद्धि और यातायात नियमों के प्रति उदासीन रवैया सड़क उपयोगकर्ताओं के लिए एक बड़ी समस्या बन गया।
ई-रिक्शा से जुड़ी शिकायतें
परिवहन विभाग के अधिकारी के अनुसार, ई-रिक्शा के खिलाफ मुख्य शिकायतें सड़क पर जाम, लंबे बैकलॉग, improper parking, सड़क उपयोग पर प्रतिबंधों का उल्लंघन, एकतरफा उल्लंघन, अधिक वजन के यात्री और नाबालिग चालक शामिल हैं। इसके अलावा, कई अवैध ई-रिक्शा बिजली की सीधी चोरी के माध्यम से अवैध चार्जिंग में लगे हुए हैं। इनकी खराब गुणवत्ता की बैटरी भी सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण खतरे उत्पन्न करती है। इस सप्ताह, एक सात वर्षीय लड़के की शालीमार बाग में एक सार्वजनिक शौचालय के पास अवैध ई-रिक्शा चार्जिंग प्वाइंट पर खुली तार से संपर्क में आने के कारण मौत हो गई।
निष्कर्ष
दिल्ली सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों ने कहा कि इन वाहनों की समस्या को नियंत्रित करने के लिए सबसे पहले केवल पंजीकृत रिक्शा को सड़कों पर चलने की अनुमति दी जानी चाहिए। इससे नियमों को लागू करने और निगरानी करने में आसानी होगी।