Uttar Pradesh के कानपुर में बंद मदरसे से मिले मानव कंकाल, जांच शुरू
Uttar Pradesh के कानपुर जिले के जाजमऊ इलाके में स्थित एक बंद मदरसे से बुधवार को एक मानव कंकाल मिलने से सनसनी फैल गई। कंकाल बेहद विकृत अवस्था में था, जिससे मामले ने और अधिक रहस्यात्मक मोड़ ले लिया है। पुलिस अधिकारियों के मुताबिक, यह कंकाल पुराना प्रतीत हो रहा है और मदरसा कई सालों से बंद पड़ा हुआ था।
कंकाल का डीएनए परीक्षण होगा
अध्यक्ष उप पुलिस आयुक्त (पूर्व) राजेश श्रीवास्तव ने बताया कि कंकाल को फॉरेंसिक विशेषज्ञों और क्षेत्रीय यूनिट द्वारा जांच के लिए भेजा गया है। उन्होंने यह भी कहा कि कंकाल का डीएनए परीक्षण किया जाएगा, ताकि मृतक का लिंग पता चल सके। इसके अलावा, कंकाल का वैज्ञानिक अध्ययन भी किया जाएगा, जिससे मृतक का कारण मौत और उम्र का पता चल सके।
कंकाल मिलने के बाद मदरसा के मालिक हमजा को उनके कजिन से सूचना मिली थी। सूचना मिलने के बाद मदरसे का ताला तोड़ा गया और वहां से कंकाल बरामद किया गया। पुलिस अब मामले की गहराई से जांच कर रही है। जांच के बाद मामले के अन्य पहलुओं का खुलासा होगा।
मदरसा के बंद होने से जुड़ी जानकारी
यह मदरसा पिछले कई वर्षों से बंद पड़ा था, और अब कंकाल मिलने के बाद यह सवाल उठ रहा है कि कंकाल आखिर कब और किस कारण से वहां रखा गया था। यह जांच का एक महत्वपूर्ण पहलू बन गया है। कंकाल की विकृत अवस्था इसे और भी रहस्यपूर्ण बना रही है, और पुलिस को यह समझने में समय लग सकता है कि यह हत्या है या किसी और कारण से कंकाल को यहां डाला गया है।
कन्नौज में हुआ भीषण सड़क हादसा, 5 की मौत
दूसरी खबर कन्नौज जिले से आ रही है, जहां मंगलवार रात लखनऊ-आगरा एक्सप्रेसवे पर एक सड़क हादसे में पांच लोगों की मौत हो गई। मृतकों में चार डॉक्टर और एक प्रयोगशाला तकनीशियन शामिल हैं। यह हादसा बुधवार रात करीब 3:00 बजे हुआ, जब एक एसयूवी के चालक ने वाहन पर नियंत्रण खो दिया और वह डिवाइडर से टकरा गई। “डिवाइडर से टकराने के बाद, कार सड़क के दूसरी ओर गिर गई, जहां एक ट्रक ने उसे टक्कर मार दी। चार डॉक्टर और एक प्रयोगशाला तकनीशियन की मौके पर ही मौत हो गई। एक पोस्टग्रेजुएट छात्र गंभीर रूप से घायल हुआ, जिसे तिर्वा के भीमराव अंबेडकर मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया,” अधिकारियों ने बताया।
हादसे में मृतकों की पहचान
हादसे में मारे गए डॉक्टरों और तकनीशियन की पहचान की गई है। मृतकों में डॉ. अनुरुध वर्मा (29), जो आगरा के निवासी थे; संतोष कुमार Maurya (46), जो भदोही के रहने वाले थे; डॉ. अरुण कुमार (34), जो कन्नौज के निवासी थे; डॉ. नारदेव (35), जो बरेली के निवासी थे; और प्रयोगशाला तकनीशियन राकेश कुमार (38) शामिल हैं। इस हादसे में मारे गए डॉक्टर और तकनीशियन लखनऊ में एक शादी में भाग लेने के बाद सैफई लौट रहे थे।
घायल व्यक्ति का इलाज जारी
हादसे में घायल हुए व्यक्ति की पहचान जयवीर सिंह (39) के रूप में हुई है, जो मुरादाबाद के रहने वाले हैं। उन्हें गंभीर चोटें आई हैं और उनका इलाज तिर्वा मेडिकल कॉलेज में चल रहा है। पुलिस ने घटना स्थल पर पहुंचकर पूरे मामले की जांच शुरू कर दी है और दुर्घटना के कारणों का पता लगाने की कोशिश कर रही है।
सड़क सुरक्षा को लेकर उठे सवाल
इस भीषण सड़क हादसे ने फिर से सड़क सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। तेज गति से वाहन चलाना, शराब पीकर गाड़ी चलाना, और वाहन पर नियंत्रण खोने जैसी स्थितियां अक्सर ऐसे हादसों का कारण बनती हैं। सरकार और संबंधित विभागों को इस प्रकार के हादसों को रोकने के लिए प्रभावी कदम उठाने की आवश्यकता है, ताकि भविष्य में ऐसे हादसों से बचा जा सके और लोगों की जान बचाई जा सके।
कानपुर में मदरसे से कंकाल मिलने की घटना और कन्नौज में हुए भीषण सड़क हादसे ने पूरे प्रदेश को हिला दिया है। जहां एक ओर कंकाल की बरामदगी ने कई सवाल खड़े किए हैं, वहीं दूसरी ओर कन्नौज में हुए हादसे ने सड़क सुरक्षा के मुद्दे को फिर से सुर्खियों में ला दिया है। इन दोनों घटनाओं के बाद प्रशासन और सरकार के लिए यह जरूरी हो गया है कि वे इन मामलों की गहरी जांच करें और भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति को रोकने के लिए ठोस कदम उठाएं।