Heart Disease: हृदय रोग के कई कारण हो सकते हैं, जानिए वो कारण जिनसे बढ़ता है खतरा
Heart Disease: बढ़ते हृदय रोग के मामलों को देखते हुए सतर्क रहना जरूरी है। हृदय रोग के कुछ ऐसे जोखिम कारक होते हैं जो इस बीमारी का खतरा बढ़ा देते हैं। इनके बारे में जानना जरूरी है ताकि समय रहते इनसे बचाव किया जा सके। इस लेख में हम इन्हीं जोखिम कारकों के बारे में जानेंगे।
हृदय रोग दुनिया भर में सबसे बड़ा स्वास्थ्य खतरा है। हर साल लाखों लोग इस बीमारी के कारण अपनी जान गंवा देते हैं। हाल ही में, हृदय संबंधी मामलों की संख्या में वृद्धि देखी गई है, जिनमें अधिकतर युवा लोग शामिल हैं। कई लोग इसके पीछे कोविड-19 को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं, लेकिन इसके अन्य कारण भी हो सकते हैं। क्या आप हृदय रोग के जोखिम कारकों के बारे में जानते हैं? इस लेख में हम इनके बारे में जानेंगे, जिससे हृदय रोग से बचाव करने में मदद मिल सके।
हृदय रोग के जोखिम कारक क्या हैं?
वंशानुगत (Genetics)
हृदय रोग के जोखिम कारकों में से एक वंशानुगत कारण है। यदि आपके परिवार में किसी को हृदय रोग है, तो आपके इस बीमारी से ग्रस्त होने की संभावना बढ़ जाती है। इसका कारण कुछ विशेष जीन हो सकते हैं, जो आपको हृदय रोग के प्रति अधिक संवेदनशील बना सकते हैं।
उम्र (Age)
उम्र भी एक महत्वपूर्ण जोखिम कारक है। जैसे-जैसे आपकी उम्र बढ़ती है, हृदय रोग का खतरा भी बढ़ जाता है। इसका कारण यह है कि उम्र के साथ आपकी धमनियां सख्त हो सकती हैं और उनमें प्लाक या खून के थक्के जम सकते हैं, जिससे रक्त प्रवाह कम हो सकता है।
लिंग (Gender)
पुरुषों में हृदय रोग का खतरा अधिक होता है, विशेष रूप से 45 वर्ष से अधिक उम्र के पुरुषों में। महिलाओं में हृदय रोग का खतरा कम होता है, क्योंकि उनमें हार्मोन एस्ट्रोजन की मात्रा अधिक होती है, जो हृदय को स्वस्थ रखने में मदद करता है। हालांकि, रजोनिवृत्ति (Menopause) के बाद महिलाओं में भी हृदय रोग का खतरा बढ़ सकता है।
धूम्रपान (Smoking)
धूम्रपान हृदय रोग का एक प्रमुख जोखिम कारक है। धूम्रपान से आपकी धमनियां सख्त हो सकती हैं, जिससे रक्त प्रवाह कम हो जाता है। यह आपके रक्तचाप को बढ़ा सकता है और खून में कोलेस्ट्रॉल के स्तर को खतरनाक रूप से बढ़ा सकता है।
अस्वस्थ आहार (Unhealthy Diet)
अस्वस्थ आहार भी हृदय रोग के खतरे को बढ़ा सकता है। वसा, उच्च कोलेस्ट्रॉल और सोडियम से भरपूर आहार आपकी धमनियों को सख्त कर सकता है और आपके रक्तचाप को बढ़ा सकता है।
बैठे रहने की जीवनशैली (Sedentary Lifestyle)
शारीरिक गतिविधि की कमी भी हृदय रोग के खतरे को बढ़ा सकती है। नियमित रूप से व्यायाम करने से आपका रक्तचाप नियंत्रित रहता है, कोलेस्ट्रॉल का स्तर कम होता है और वजन नियंत्रित रहता है।
मोटापा (Obesity)
मोटापा हृदय रोग के खतरे को बढ़ा सकता है। अधिक वजन से आपका रक्तचाप और कोलेस्ट्रॉल स्तर बढ़ सकता है।
तनाव (Stress)
तनाव भी हृदय रोग का खतरा बढ़ा सकता है। जब आप तनाव में होते हैं, तो आपका शरीर अधिक मात्रा में कॉर्टिसोल नामक हार्मोन का उत्पादन करता है। कॉर्टिसोल आपके रक्तचाप को बढ़ा सकता है और खून में कोलेस्ट्रॉल के स्तर को बढ़ा सकता है।
मधुमेह (Diabetes)
मधुमेह भी हृदय रोग के खतरे को बढ़ा सकता है। जब आपके खून में शुगर का स्तर अधिक होता है, तो यह आपकी धमनियों को सख्त कर सकता है और आपके रक्तचाप को बढ़ा सकता है।
उच्च रक्तचाप (High Blood Pressure)
उच्च रक्तचाप हृदय रोग के खतरे को बढ़ा सकता है। उच्च रक्तचाप आपकी धमनियों पर दबाव डालता है, जिससे वे सख्त हो सकती हैं और उनमें प्लाक जम सकता है।
उच्च कोलेस्ट्रॉल (High Cholesterol)
उच्च कोलेस्ट्रॉल हृदय रोग के खतरे को बढ़ा सकता है। उच्च कोलेस्ट्रॉल धमनियों में प्लाक के जमाव का कारण बन सकता है, जिससे रक्त प्रवाह कम हो जाता है।
हृदय रोग के खतरे को कम करने के लिए क्या करें?
- स्वस्थ आहार खाएं।
- रोज़ाना व्यायाम करें।
- धूम्रपान न करें।
- तनाव प्रबंधन की तकनीकें सीखें।
- अपने रक्तचाप और कोलेस्ट्रॉल के स्तर की नियमित जांच करवाएं।
- यदि परिवार में किसी को हृदय रोग है, तो इस बारे में अपने डॉक्टर से बात करें।
इन उपायों को अपनाकर आप हृदय रोग के खतरे को काफी हद तक कम कर सकते हैं और अपने दिल को स्वस्थ रख सकते हैं।