Haryana Assembly elections: हरियाणा विधानसभा चुनावों से पहले कांग्रेस पार्टी ने हरियाणा के दो पहलवानों, विनेश फोगाट और बजरंग पुनिया, को अपनी पार्टी में शामिल कर लिया है। इससे पहले, विनेश और बजरंग ने अपने रेलवे की नौकरियों से तुरंत इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद रेलवे ने दोनों पहलवानों को शो कॉज नोटिस जारी किया था। हालांकि, अब रेलवे ने विनेश फोगाट और बजरंग पुनिया को बड़ी राहत दी है और दोनों का इस्तीफा स्वीकार कर लिया है।
समस्या क्या थी?
दरअसल, चुनाव आयोग के नियमों के अनुसार, जब तक रेलवे विनेश फोगाट का इस्तीफा स्वीकार नहीं करता और उन्हें अनापत्ति प्रमाण पत्र (NOC) नहीं देता, तब तक वे चुनाव नहीं लड़ सकतीं। उत्तर रेलवे का कहना था कि शो कॉज नोटिस सेवा नियमों का हिस्सा है, क्योंकि रेलवे के रिकॉर्ड में वे अभी भी सरकारी कर्मचारी मानी जाती थीं। हालांकि, अब बजरंग और विनेश का इस्तीफा स्वीकार कर लिया गया है, जिससे चुनाव लड़ने का उनका रास्ता साफ हो गया है।
विनेश को जुलाना से टिकट मिला
कांग्रेस ने हरियाणा विधानसभा चुनावों के लिए उम्मीदवारों की सूची जारी कर दी है। इस सूची के अनुसार, महिला पहलवान विनेश फोगाट को राज्य की जुलाना विधानसभा सीट से टिकट दिया गया है। वहीं, बजरंग पुनिया चुनाव नहीं लड़ेंगे। उन्हें भारतीय किसान कांग्रेस के अध्यक्ष पद का दायित्व सौंपा गया है। रेलवे द्वारा इस्तीफा स्वीकार किए जाने के बाद, विनेश फोगाट के चुनाव लड़ने का मार्ग साफ हो गया है।
इस्तीफे का कारण क्या था?
विनेश फोगाट ने रेलवे को भेजे अपने इस्तीफे में कहा था कि वह वर्तमान में रेलवे के लेवल-7 के तहत ओएसडी/स्पोर्ट्स के रूप में कार्यरत हैं। उन्होंने कहा था कि पारिवारिक परिस्थितियों और व्यक्तिगत कारणों के चलते वह ओएसडी/स्पोर्ट्स के रूप में अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन करने में असमर्थ हैं।
विनेश फोगाट के इस निर्णय ने एक बार फिर से उनके जीवन में खेल से राजनीति की ओर एक बड़ा मोड़ दिया है। विनेश, जो देश के लिए कई अंतरराष्ट्रीय पदक जीत चुकी हैं, अब राजनीति में अपनी नई भूमिका को निभाने की तैयारी कर रही हैं। बजरंग पुनिया, जो भारतीय कुश्ती का एक बड़ा नाम हैं, ने भी कांग्रेस पार्टी के साथ अपने संबंधों को मजबूत किया है और उन्हें भारतीय किसान कांग्रेस का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है।
इस्तीफे पर रेलवे का रुख
रेलवे के अधिकारियों ने शुरू में विनेश और बजरंग दोनों के इस्तीफे पर विचार करने के बजाय उन्हें शो कॉज नोटिस जारी किया था। यह नोटिस इसलिए जारी किया गया था क्योंकि रेलवे के रिकॉर्ड के अनुसार, वे अभी भी सरकारी सेवा में थे और उनके इस्तीफे को औपचारिक रूप से स्वीकार नहीं किया गया था। इससे पहले, चुनाव आयोग के नियमों के अनुसार, सरकारी सेवा में रहते हुए कोई भी व्यक्ति चुनाव नहीं लड़ सकता।
कांग्रेस में शामिल होने की योजना
विनेश और बजरंग का कांग्रेस में शामिल होना, हरियाणा की राजनीति में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। जहां एक ओर विनेश को जुलाना से टिकट दिया गया है, वहीं बजरंग पुनिया को पार्टी के संगठनात्मक ढांचे में महत्वपूर्ण भूमिका दी गई है। विनेश के पास खेल की दुनिया में जो प्रतिष्ठा है, वह उन्हें राजनीति में एक मजबूत उम्मीदवार के रूप में प्रस्तुत करती है।
खेल से राजनीति तक का सफर
विनेश फोगाट और बजरंग पुनिया दोनों ही अपने-अपने खेल में उत्कृष्टता की मिसाल हैं। विनेश, फोगाट परिवार की एक और सदस्य हैं, जो देश के लिए कई अंतरराष्ट्रीय पदक जीत चुकी हैं। बजरंग पुनिया ने भी अपने करियर में कई महत्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल की हैं और भारतीय कुश्ती का एक प्रमुख चेहरा बन चुके हैं।
अब, राजनीति में अपने नए सफर की शुरुआत करते हुए, यह देखना दिलचस्प होगा कि विनेश और बजरंग अपनी खेल भावना और अनुशासन का इस्तेमाल राजनीति में कैसे करते हैं।
राजनीतिक विश्लेषकों की राय
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि कांग्रेस द्वारा इन दोनों खिलाड़ियों को अपने पाले में लाना, हरियाणा में पार्टी के लिए एक महत्वपूर्ण रणनीतिक कदम है। इससे पार्टी को न केवल खेल प्रेमियों का समर्थन मिलेगा, बल्कि युवा मतदाताओं के बीच भी कांग्रेस की पकड़ मजबूत होगी।
विनेश और बजरंग का राजनीतिक सफर अभी शुरू हुआ है, और आने वाले समय में यह देखना होगा कि वे राजनीति में कितनी सफल होते हैं। लेकिन एक बात तो तय है कि इन दोनों खिलाड़ियों ने खेल के मैदान पर जो धाक जमाई थी, अब वे राजनीति के मैदान में भी अपनी छाप छोड़ने के लिए तैयार हैं।