Gorakhpur News: गोरखपुर में एक गंभीर मामला सामने आया है जिसमें किशोरों ने स्कूल के बच्चों के आपत्तिजनक वीडियो बेचने का काम किया है। इस मामले में यह पता चला है कि कई किशोरों के इंस्टाग्राम खातों के माध्यम से देश भर में अश्लील वीडियो बेचे जा रहे थे। जब तमिलनाडु पुलिस ने इस वीडियो का पता लगाया, तो पुलिस मुख्यालय को इस बारे में सूचित किया गया।
मामला सामने आया
गोरखपुर में कुड़घाट क्षेत्र के एक 11वीं कक्षा के छात्र को साइबर पुलिस ने हिरासत में लिया और उसके खिलाफ मामला दर्ज कर अदालत में पेश किया गया। अदालत ने उसे बाल संरक्षण गृह भेज दिया है। पुलिस गोरखनाथ क्षेत्र में एक अन्य छात्र की तलाश कर रही है जो इस आपराधिक गतिविधि में संलग्न था।
छात्र ने पूछताछ के दौरान अपने अपराध को स्वीकार करते हुए बताया कि उसने नेकोग्राम ऐप पर एक खाता बनाया था। इसके अलावा, उसने टेलीग्राम के माध्यम से डार्क वेब विक्रेता के रूप में भी काम किया, जिसकी मदद से उसने अब तक लगभग 4000 वीडियो बेचने में सफलता पाई है।
राज तिवारी का हाथ
साइबर पुलिस ने उसकी साइट पर कई अश्लील चैट्स भी पाई हैं। जांच में यह सामने आया कि राज तिवारी इस गिरोह का मुख्य आरोपी है जो बच्चों के अश्लील वीडियो चलाता है। कुड़घाट के अलावा, उसने जिले के कई स्कूलों के छात्रों को अपने जाल में फंसाया है और उनके टेलीग्राम और इंस्टाग्राम खातों का उपयोग कर रहा है।
पुलिस अब गोरखनाथ क्षेत्र में एक अन्य छात्र की तलाश कर रही है जिसने देशभर में 100 से अधिक बच्चों के अश्लील वीडियो बेचे हैं।
डार्क वेब विक्रेताओं की मदद से वीडियो बेचना
चौरी चौरा क्षेत्र के एक छात्र की पूछताछ में पता चला कि वह टेलीग्राम पर राज तिवारी नामक एक गिरोह के नेता के साथ दोस्ती कर चुका था। दोस्ती के बाद, वह उसे अश्लील वीडियो के लिंक देता था। जिसे वह टेलीग्राम पर डार्क वेब विक्रेताओं की मदद से बेचता था। उसे एक वीडियो के लिए तीन से 15 हजार रुपये मिलते थे और कुल राशि में से 30 प्रतिशत लाभ प्राप्त होता था।
आत्महत्या के मामले
गुरुवार को पिपराइच और बांसगांव पुलिस थाना क्षेत्रों में दो युवकों ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। दोनों मामलों में पुलिस ने फॉरेंसिक टीम के साथ सबूत इकट्ठा किए। पिपराइच के संवाददाता के अनुसार, महाराजी के निवासी धनंजय निषाद घरेलू विवाद से परेशान होकर छत के लटके से फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली।
बुधवार को धनंजय अपने ससुराल मोहनपुर गए थे जहां उन्होंने अपने बड़े बेटे अंश से मिलने की कोशिश की। वहां के विवाद के बाद वह रात में देर से घर लौटे। सुबह जब दरवाजा नहीं खुला, तो पड़ोसियों ने पुलिस को सूचित किया। जब पुलिस ने दरवाजा खोला, तो धनंजय का शव फांसी पर लटका हुआ था।
गाजपुर के संवाददाता के अनुसार, बांसगांव के धस्का निवासी जितेंद्र कुमार ने साड़ी का फंदा बनाकर छत के लटके से फांसी लगाकर आत्महत्या की।