Ghaziabad: गाजियाबाद के साहिबाबाद पुलिस क्षेत्र में एक 20 वर्षीय एलएलबी की छात्रा ने सोमवार को अपने आठवीं मंजिल के अपार्टमेंट से कूदकर आत्महत्या कर ली। पुलिस अधिकारियों के अनुसार, छात्रा मानसिक स्वास्थ्य उपचार से गुजर रही थी और वह दिल्ली के एक कॉलेज में कानून की पढ़ाई कर रही थी। छात्रा खुशबू ने घर से बाहर जाकर टहलने का बहाना बनाया और फिर अपार्टमेंट की छत पर चली गई, जहां से उसने कूदने का कदम उठाया।
परिवार का रहन-सहन और पृष्ठभूमि
साहिबाबाद के एसीपी राजनीश कुमार उपाध्याय ने बताया कि “यह छात्रा अपने माता-पिता के साथ एक समूह आवास सोसाइटी में रहती थी। उसके पिता एमटीएनएल से रिटायर हो चुके हैं और उसका एक छोटा भाई भी है जो पढ़ाई कर रहा है।” उपाध्याय ने कहा, “सोमवार को छात्रा ने अपार्टमेंट की आठवीं मंजिल से कूदकर जान दे दी।” इसके अलावा, उसके माता-पिता ने पुलिस को बताया कि वह पिछले डेढ़ साल से अवसाद का सामना कर रही थी और इसके लिए वह बेंगलुरु के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ मेंटल हेल्थ एंड न्यूरो-साइंसेज में उपचार ले रही थी।
सुरक्षा गार्ड से मिली सूचना
परिवार ने बताया कि छात्रा ने रात का खाना खाने के बाद टहलने का बहाना बनाया और फिर घर से बाहर चली गई। जब वह बाहर से लौटी, तो उसने फिर से उसी टॉवर की छत पर जाने की बात की। कुछ समय बाद, सुरक्षा गार्डों ने परिवार को छात्रा के गिरने की सूचना दी। जब परिवार मौके पर पहुंचा, तो वहां कई लोग जमा थे। किसी ने एंबुलेंस को बुलाया, और खुशबू को मोहन नगर के एक निजी अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
पुलिस की कार्रवाई
पुलिस ने बताया कि शव को पोस्ट-मॉर्टम के लिए भेजा गया है। उन्होंने यह भी कहा कि छात्रा के मानसिक स्वास्थ्य संबंधी उपचार से संबंधित दस्तावेजों की मांग की गई है, ताकि यह सत्यापित किया जा सके कि वह वास्तव में मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं का सामना कर रही थी या नहीं। अधिकारियों ने कहा कि माता-पिता ने काउंसलिंग के साक्ष्य प्रस्तुत किए हैं। पुलिस ने बताया कि इस मामले में आगे की कानूनी कार्रवाई की जा रही है।
मानसिक स्वास्थ्य की गंभीरता
इस मामले ने मानसिक स्वास्थ्य के महत्व को एक बार फिर से उजागर किया है। मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करने वाले व्यक्तियों को उचित उपचार और समर्थन की आवश्यकता होती है। परिवार के सदस्यों और समाज को इस दिशा में जागरूक होना चाहिए कि वे ऐसे लोगों की मदद कर सकें जो अवसाद या अन्य मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहे हैं।
समाज में बढ़ती आत्महत्या की घटनाएं
यह मामला समाज में बढ़ती आत्महत्या की घटनाओं की ओर भी इशारा करता है। युवा वर्ग, विशेष रूप से छात्र, कई बार दबाव, अवसाद और अन्य मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं से जूझते हैं। इस प्रकार की घटनाएं न केवल परिवार के लिए, बल्कि समाज के लिए भी गंभीर चिंता का विषय बन गई हैं।