Bihar इन दिनों एक गंभीर संकट का सामना कर रहा है। नेपाल में लगातार हो रही भारी बारिश के कारण बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो गई है, जबकि बिहार सरकार ने 13 जिलों में बाढ़ की चेतावनी जारी की है। इस संकट के बीच, पिछले कुछ दिनों में नेपाल में बारिश के कारण 112 लोगों की मौत हो गई है। इसके अलावा, नेपाल की वैलमिकीनगर और बिरपुर बैराजों से पानी छोड़ा गया है, जिससे बिहार में कई नदियों का जल स्तर बढ़ गया है।
नेपाल से पानी का बढ़ता प्रवाह
राज्य जल संसाधन विभाग (WRD) के अनुसार, शनिवार को काली नदी, गंडक, कोसी और गंगा जैसी नदियों में जल प्रवाह में भारी वृद्धि हुई है। बिहार के कई हिस्सों में 16.28 लाख से अधिक लोग पहले से ही बाढ़ से प्रभावित हैं। जल संसाधन विभाग के प्रमुख सचिव संतोष कुमार मल्ला ने कहा कि बिरपुर बैराज से 5.79 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया, जो पिछले 56 वर्षों में सबसे अधिक है। उन्होंने बताया कि इससे पहले 1968 में 7.88 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया था।
तटबंधों की निगरानी
राज्य सरकार ने तटबंधों की सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए 24 घंटे निगरानी रखने का निर्णय लिया है। जल संसाधन विभाग की टीम लगातार तटबंधों की स्थिति पर नजर रखे हुए है। इसके लिए तीन सुपरिंटेंडिंग इंजीनियर्स, 17 कार्यकारी इंजीनियर्स, 25 सहायक इंजीनियर्स और 45 जूनियर इंजीनियर्स को तैनात किया गया है। उनका काम यह सुनिश्चित करना है कि यदि कहीं भी कटाव या खतरा महसूस होता है, तो तुरंत कार्रवाई की जाए।
बाढ़ की स्थिति
बिहार के पश्चिम और पूर्व चंपारण, गोपालगंज, अररिया, सुपौल, कटिहार, पुर्णिया और अन्य जिलों में बाढ़ जैसी स्थिति बन गई है। अधिकारियों ने बताया कि नेपाल से 5.40 लाख क्यूसेक पानी गंडक बैराज में और 4.99 लाख क्यूसेक पानी कोसी बैराज में छोड़ा गया। इस कारण कई नदी के तटवर्ती क्षेत्रों में पानी भर गया है। इस प्रकार की स्थिति के कारण स्थानीय लोगों को राहत शिविरों में पहुंचाया जा रहा है।
मौसम विभाग का अलर्ट
इंडिया मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने बिहार के कई जिलों के लिए भारी बारिश का पूर्वानुमान जताया है। साथ ही, विभाग ने राज्य के कुछ हिस्सों में अचानक बाढ़ के खतरे की भी चेतावनी दी है। राज्य आपदा प्रबंधन विभाग ने जिला प्रशासन को सावधान रहने और पूर्वानुमान के मद्देनजर आवश्यक सावधानियां बरतने के लिए कहा है।
प्रभावित जिलों की स्थिति
बिहार के लगभग 13 जिलों में बाढ़ जैसी स्थिति बन गई है, जिनमें बक्सर, भोजपुर, सारण, पटना, समस्तीपुर, बेगूसराय, मुंगेर और भागलपुर शामिल हैं। इन जिलों में रहने वाले लगभग 13.5 लाख लोग बाढ़ के कारण प्रभावित हो चुके हैं। जल स्तर बढ़ने से कई स्थानों पर पानी भर गया है, जिससे स्थानीय निवासियों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने की आवश्यकता पड़ रही है।
सरकार की तैयारी
राज्य सरकार ने प्रभावित क्षेत्रों में राहत कार्यों को तेज करने का निर्णय लिया है। राहत शिविरों में आवश्यक सामान, जैसे खाद्य पदार्थ, पानी और चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं। इसके अलावा, प्रभावित लोगों को उनकी सुरक्षा के लिए प्रशासन द्वारा निरंतर सहायता दी जा रही है।
स्थानीय लोगों की प्रतिक्रिया
स्थानीय निवासी इस संकट के प्रति चिंतित हैं और राहत कार्यों की गति को लेकर सरकार से सवाल पूछ रहे हैं। उन्होंने कहा कि अगर जल स्तर में और वृद्धि होती है, तो स्थिति और भी गंभीर हो सकती है। प्रशासन को चाहिए कि वह तटबंधों की स्थिति पर लगातार निगरानी रखे और किसी भी आपात स्थिति में तत्पर रहे।